इंदिरा गांधी देश की आयरन महिला थीं और ताकतवर प्रधानमंत्री. उनकी लव स्टोरी भी काफी पॉवरफुल थी, जिसके लिए वह पिता से अड़ गईं. पिता जवाहरलाल नेहरू नहीं चाहते थे कि उनकी लाड़ली बेटी फिरोज गांधी से प्यार में आगे बढ़े और उससे शादी करे लेकिन बेटी भी टस से मस नहीं हुई. उसने पिता से दोटूक कहा कि उनकी शादी होगी तो फिरोज से ही. फिर शादी इलाहाबाद में आनंद भवन में ही हुई. हालांकि बाद में ये कहा जाने लगा कि उन्हें प्यार में धोखा मिला.
इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी को टूटकर चाहा था. हालांकि बाद में उन्हें लगने लगा कि वह उनसे बेवफाई कर रहे हैं. इसने दोनों के बीच दूरियां बढ़ा दीं. इंदिरा एक प्यार करने वाला पति और सुखी परिवार चाहती थीं. बस यही उन्हें नहीं मिला. कहा जाता है कि अगर फिरोज बेवफाई नहीं करते तो इंदिरा शायद ही राजनीति की ओर मुड़तीं.
इंदिरा का बचपन इलाहाबाद में बीता था. पिता जवाहर लाल नेहरू उनमें अपना बेटा देखते थे. वह उनकी हर इच्छा पूरी करते थे. एक ही बार उन्होंने अपनी बेटी की इच्छा का विरोध किया था, बल्कि कहना चाहिए कि बहुत नाराज भी हुए. मामला बेटी के प्यार से जुड़ा था. बेटी भी अड़ गई. वह अपने प्यार से शादी करना चाहती थीं. उन्होंने ऐसा करके दिखा भी दिया.
पिता के विरोध भी इंदिरा ने शादी की. हालांकि इस शादी पर उनके पिता ही नहीं मां को भी एतराज था. निधन से महज एक महीने पहले मां कमला नेहरू महसूस कर रही थीं कि उनकी प्रिय बेटी इंदु बड़ी गलती करने जा रही है.
file photo
नेहरू दामाद को पसंद नहीं करते थे
इंदिरा गांधी की जीवनी लेखिका पुपुल जयकर के अनुसार, “इंदिरा जब फिरोज के प्रेम में पड़ीं तो वह राजनीति की चकाचौंध से दूर होकर शादी करना और सादगीभरी जिंदगी बिताना चाहती थीं, जिसमें वह और उनका परिवार हो.”
“शादी के बाद जब दूरियां बढने लगीं तो इंदिरा ने राजनीति में शिरकत करनी शुरू कर दी. इसने फिरोज के साथ उनके मतभेदों को और बढ़ा दिया. इंदिरा अगर एक ओर पति की बेवफाई से निराश थीं तो उनके पिता नेहरू भी फिरोज को पसंद नहीं करते थे. स्थितियां बनती गईं कि दोनों का विवाहित जीवन करीब करीब खत्म सा ही हो गया.”
इंदिरा के आगे पीछे मंडराते थे फिरोज
फिरोज का इलाहाबाद के आनंद भवन में प्रवेश जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला की मदद के लिए एक वालिंटियर के रूप में हुआ था. जब कमला बीमार हुईं और आनंद भवन में थीं तब इंदिरा ने जिस तरह नर्स के रूप में मां की सेवा की, उससे फिरोज बहुत प्रभावित हो गए. इंदिरा सुंदर तो थीं ही, उनमें गजब का आकर्षण भी था.
पुपुल जयकर ने अपनी किताब में लिखा, “तब फिरोज ने इंदिरा की ओर ध्यान देना शुरू किया. वह उनके आगे-पीछे मंडराने लगे. वह मौका देखने लगे कि इंदिरा के करीब कैसे रह सकते हैं. हालांकि इंदिरा को उस समय ये सब पसंद नहीं था.”
इंदिरा को पढाई के लिए लंदन भेज दिया गया. वह वहां अकेली थीं. दूसरे विश्व युद्ध से पहले लंदन में अलग तरह का माहौल था. फिरोज भी कुछ समय बाद लंदन रवाना हो गए.
तब फिरोज के प्रपोजल पर सन्न रह गईं इंदिरा
जवाहरलाल नेहरू के विशेष सचिव एमओ मथाई अपनी किताब “रिमिनिसेंसेज ऑफ द नेहरू एज” में लिखते हैं, “इंदिरा ने उन्हें बताया कि जब वह 16 साल की होने वाली थीं, उससे एक दिन पहले फिरोज ने उनके सामने प्रेम निवेदन ही नहीं किया बल्कि शादी का प्रस्ताव भी रख दिया. इंदिरा अवाक रह गईं. उन्हें फिरोज से ये उम्मीद नहीं थी. उन्होंने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया. मां से शिकायत अलग कर दी. कमला भी जानकर नाराज हुईं. हालांकि इसके बाद भी फिरोज का आनंद भवन आना जाना लगा रहा.”
आखिरकार फिर कैसे जीता दिल
इंदिरा को पढाई के लिए लंदन भेज दिया गया. वह वहां अकेली थीं. दूसरे विश्व युद्ध से पहले लंदन में अलग तरह का माहौल था. फिरोज भी कुछ समय बाद लंदन रवाना हो गए. वहां उन्होंने भी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में दाखिला ले लिया. मकसद उनका केवल इतना था कि वहां वो इंदिरा के नजदीक आ पाएं. इसमें उन्हें सफलता भी मिली.
आखिरकार उन्होंने लंदन में इंदिरा का दिल जीत लिया. फिरोज के मित्र और जाने माने पत्रकार निखिल चक्रवर्ती ने अपनी किताब में लिखा, “फिरोज महिलाओं के प्रति आकर्षित हो जाते थे. लंदन में बेशक इंदिरा से नजदीकियां बढा रहे थे, लेकिन वहां भी उनके अफेयर कई महिलाओं से हो चुके थे. इंदिरा को इसकी भनक तक नहीं थी.”
शादी के सख्त खिलाफ थे नेहरू
कैथरीन फ्रेंक ने अपनी किताब “इंदिराः द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी” में लिखती हैं, “इंदिरा और फिरोज ने गुप्त विवाह कर लिया था. सार्वजनिक विवाह होने से पहले ही दोनों ने पति और पत्नी की तरह साथ रहना शुरू कर दिया था. जब इंदिरा ने पिता से कहा कि उन्हें फिरोज से प्यार है. वह उनसे शादी करना चाहती हैं तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया था. नेहरू और उनका परिवार इस शादी के सख्त खिलाफ था.”
मथाई की किताब कहती है, ” पद्मजा नायडू ने नेहरू से कहा, उनकी बेटी बड़ी हो चुकी है. अगर दोनों ने शादी करनी चाही तो वह उसे रोक नहीं पाएंगे, लिहाजा अनुमति दे देनी चाहिए. नेहरू ने अनिच्छा से अनुमति दे दी.”
इलाहाबाद के आनंद भवन में विवाह के बाद फिरोज और इंदिरा (फाइल फोटो)
फिरोज के अफेयर के किस्सों से अपसेट
शादी के जल्द बाद ही इंदिरा और फिरोज में खटपट शुरू हो गई. साल 1941 में जब वह गर्भवती थीं. राजीव गांधी का जन्म होने वाला था तो उन्हें पता लगा कि फिरोज किसी और महिला से इनवाल्व हैं. उनके कानों में फिरोज के अफेयर के एक नहीं कई किस्सों की खबरें पहुंच रही थीं. वह दुखी हो गईं. इस बीच उन दोनों के दो बेटे हो चुके थे – राजीव और संजय.
कैथरीन फ्रेंक की किताब “इंदिराः द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी” कहती है, “फिरोज बिंदास जिंदगी जीने में यकीन रखते थे.” किताब के अनुसार, “इंदिरा से शादी के बाद भी फिरोज दूसरी महिलाओं से फ्लर्ट करते थे. महमूना सुल्तान के अलावा उनके रोमांटिक रिश्ते संसद की ग्लैमर गर्ल कही जाने वाली तारकेश्वरी सिन्हा, सांसद सुभद्रा जोशी से रहे. उनकी एक और गर्लफ्रेंड थी, जो खूबसूरत नेपाली तलाकशुदा महिला थी और आलइंडिया रेडियो में काम करती थी. उसके ससुराल पक्ष के लोग केरल के बड़े अभिजात्य परिवार से थे.”
जर्मन शिक्षक से भी हुई थी नजदीकी
हालांकि इंदिरा गांधी के जीवन में फिरोज पहले शख्स नहीं थे. जब वह पुणे में मैट्रिक करने के बाद बंगाल में शांतिनिकेतन में पढने गईं थीं तो फ्रेंच पढाने वाले जर्मन शिक्षक फ्रेंक ओबरडॉफ उनके प्यार में पड़ गए. पुपुल जयकर ने “इंदिरा गांधी बॉयोग्राफी” में लिखा, ” ओबरडॉफ 1933 में शांतिनिकेतन आए थे. उनकी रविंद्रनाथ टैगोर से मुलाकात 1922 में लातीन अमेरिका में हुई थी. टैगोर ने उन्हें शांतिनिकेतन आने का प्रस्ताव दिया. जब उन्होंने इंदिरा को फ्रेंच पढानी शुरू की तो वह 16 साल की थीं. इंदिरा को पढाते-पढाते वह उनकी सुंदरता पर मोहित हो गए. प्यार का प्रस्ताव रखा. इंदिरा खफा हो गईं. हालांकि समय के साथ उनमें नजदीकियां हो गईं. इंदिरा के अपने दर्द थे. उसे वो जर्मन शिक्षक से बांटती थीं. फ्रेंक उनकी सुंदरता की तारीफ करते रहते थे.”
“जब टैगोर को ये पता चला तो उन्होंने इंदिरा को तुरंत वापस घर भेज दिया. बाद में फ्रेंक की मुलाकात लंदन में इंदिरा से हुई. उन्होंने फिर इंदिरा को मनाने की कोशिश की लेकिन तब तक उनके जीवन में फिरोज का आगमन हो चुका था. लिहाजा वो फ्रेंक से रुखाई से पेश आईं.”
शादी के जल्द बाद ही इंदिरा और फिरोज में खटपट शुरू हो गई
जीवन में आए अन्य पुरुष
कैथरीन फ्रेंक अपनी किताब में लिखती हैं, ” इंदिरा के जीवन में बाद में दो और पुरुष आए. इनमें धीरेंद्र ब्रह्मचारी और दिनेश सिंह शामिल थे. इंदिरा ने अपनी विश्वस्त डोरोथी नार्मन को धीरेंद्र के बारे में लिखा, वह आकर्षक योगी हैं, जिनसे वह योग सीख रही हैं. दिनेश पर भी वह बहुत भरोसा करती हैं. प्रधानमंत्री हाउस में उनका बेरोकटोक किसी भी समय आना जाना था.” फ्रेंक लिखती हैं कि इंदिरा से अफेयर की चर्चाओं को शायद दिनेश सिंह ने खुद ही हवा दी.
ऐसा माना जाता है कि जब इंदिरा गांधी को फिरोज गांधी से धोखा मिला तो पहले तो उन्होंने इसे सहन किया लेकिन जब फिरोज के इश्क के किस्से लगातार उन तक पहुंचने लगे तो उन्होंने गंभीरता से तलाक लेने के बारे में भी सोचना शुरू कर दिया था. हालांकि वह इस ओर कदम बढ़ातीं, उससे पहले ही फिरोज की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

1 hour ago
