लादेन को 10 साल तक छुपाया...जयशंकर ने यूएन में पाक पीएम शाहबाज को खूब धोया

3 weeks ago

Last Updated:September 27, 2025, 07:59 IST

UNGA Meeting: संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के अधिवेशन में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने धड़ल्‍ले से सफेद झूठ बोला. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 'राइट टू रिप्‍लाई' के तहत आतंकवादियों को स्‍टेट पॉलिसी की तरह यूज करने वाले पाकिस्‍तानी पीएम की धज्जियां उड़ा दीं.

लादेन को 10 साल तक छुपाया...जयशंकर ने यूएन में पाक पीएम शाहबाज को खूब धोयाभारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के दावों की धज्जियां उड़ा दीं.

UNGA Meeting: अमेरिका के न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा का अधिवेशन चल रहा है. दुनिया के तमाम देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष इसमें शिरकत कर रहे हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं. UNGA के स्‍टेज का इस्‍तेमाल करते हुए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने खूब विष वमन किया. भारतीय फाइटर जेट को गिराने का सफेद झूठ भी बोला. इसके बाद राइट टू रिप्‍लाई के तहत पीएम शाहबाज की झूठ को दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया.

UNGA में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ओर से पाकिस्‍तानी पीएम शाहबाज शरीफ को करारा जवाब दिया गया. पढ़ें जयशंकर ने क्‍या-क्‍या कहा -:

आज सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (शाहबाज शरीफ) की ओर से बेहूदी नाटकबाज़ी देखी, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद की महिमा मंडन किया. यह उनकी विदेश नीति का केंद्रीय तत्व (Central Element) बन चुका है. लेकिन कोई भी ड्रामा और कोई भी झूठ इस सच्चाई को छुपा नहीं सकता. यही वही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ नामक पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन को भारतीय संघ के राज्य जम्मू और कश्मीर में निर्दोष पर्यटकों के बर्बर नरसंहार की ज़िम्मेदारी से बचाया.

माननीय अध्यक्ष महोदय,

एक ऐसा देश जो लंबे समय से आतंकवाद को तैनात करने और निर्यात करने की परंपरा में डूबा रहा है, उसे इस मकसद के लिए सबसे हास्यास्पद कथानक गढ़ने में भी कोई शर्म नहीं है. हमें याद है कि उसने ओसामा बिन लादेन को पूरे एक दशक तक छिपा कर रखा, जबकि वह आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में साझेदार होने का दिखावा कर रहा था. हाल ही में उसके मंत्रियों ने स्वीकार किया कि वे दशकों से आतंकी शिविर चलाते रहे हैं. इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि यह दोहरा व्यवहार अब उसके प्रधानमंत्री तक पहुंच गया है.

एक तस्वीर हज़ार शब्द कहती है…और हमने बहावलपुर और मुरिदके स्थित आतंकी ठिकानों से मारे गए आतंकियों की तस्वीरें देखीं, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन सिंदूर में समाप्त किया. जब पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य और असैनिक अधिकारी सार्वजनिक रूप से इन कुख्यात आतंकियों की प्रशंसा और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, तो क्या इस शासन की प्रवृत्तियों पर कोई संदेह रह जाता है?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के साथ हालिया संघर्ष की एक अजीब व्याख्या भी प्रस्तुत की. तथ्यों का रिकॉर्ड स्पष्ट है. 9 मई तक पाकिस्तान भारत पर और हमलों की धमकी दे रहा था, लेकिन 10 मई को उसकी सेना ने सीधे हमसे युद्धविराम की गुहार लगाई. इसके बीच की घटना यह थी कि भारतीय बलों ने पाकिस्तान के कई वायुसेना ठिकानों को नष्ट कर दिया. उस विनाश की तस्वीरें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं. यदि ध्वस्त रनवे और जले हुए हैंगर किसी ‘विजय’ की तस्वीर लगते हैं (जैसा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया) तो पाकिस्तान उसे अपनी जीत मानकर खुश हो सकता है.

सच्चाई यह है कि अतीत की तरह इस बार भी पाकिस्तान भारत में निर्दोष नागरिकों पर आतंकी हमले के लिए ज़िम्मेदार है. हमने अपने नागरिकों की रक्षा का अधिकार प्रयोग किया है और इसके आयोजकों तथा अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत से शांति की इच्छा जताई है. यदि वे वास्तव में ईमानदार हैं तो मार्ग स्पष्ट है – पाकिस्तान को तुरंत सभी आतंकी शिविर बंद करने होंगे और भारत में वांछित आतंकियों को हमारे हवाले करना होगा.

यह भी विडंबना है कि जो देश नफरत, कट्टरता और असहिष्णुता में डूबा हुआ है, वही इस महासभा को धर्म के मुद्दों पर उपदेश दे रहा है. पाकिस्तान का राजनीतिक और जन विमर्श उसकी असली मानसिकता को दर्शाता है. उन्हें शीशे में अपनी शक्ल देखने का समय बहुत पहले ही आ जाना चाहिए था.

माननीय अध्यक्ष,

भारत और पाकिस्तान के बीच यह सहमति लंबे समय से है कि किसी भी लंबित मुद्दे का समाधान द्विपक्षीय रूप से होगा. इस संदर्भ में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. यह हमारा दीर्घकालिक राष्ट्रीय दृष्टिकोण है.

जहां तक आतंकवाद का सवाल है, हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि आतंकियों और उनके प्रायोजकों में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. दोनों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और हम परमाणु धमकियों के आड़ में आतंकवाद को कभी नहीं पनपने देंगे. भारत कभी ऐसे खतरों के आगे नहीं झुकेगा.

भारत का दुनिया के लिए संदेश साफ है – आतंकवाद के लिए शून्य-सहनशीलता (Zero tolerance) होनी चाहिए.

धन्यवाद, माननीय अध्यक्ष.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...

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First Published :

September 27, 2025, 07:59 IST

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