Last Updated:October 20, 2025, 12:57 IST
Chamba Thaal: चम्बा का ऐतिहासिक चम्बा थाल, गौरव और उनके परिवार द्वारा पारंपरिक शिल्प से बनाया जाता है, जिसे नरेंद्र मोदी और अनुराग ठाकुर ने भी सराहा है. यह स्थानीय विरासत का प्रतीक है. इस ताल का इतिहास एक साल पुराना है.

चम्बा. हिमाचल प्रदेश का ऐतिहासिक नगर चम्बा, अपने भीतर एक हज़ार साल से भी अधिक पुरानी संस्कृति, कला और परंपराओं को समेटे हुए है. चम्बा के राजाओं ने जब इस नगर की स्थापना की थी, तब उन्होंने देशभर से श्रेष्ठ शिल्पियों को यहाँ बसाया था. इन्हीं शिल्पकारों की कला का एक अनमोल उदाहरण है — ऐतिहासिक चम्बा थाल, जो आज भी इस क्षेत्र की पहचान बना हुआ है.
राजसी दौर में चम्बा थाल का उपयोग राजा-महाराजा विशेष अवसरों पर उपहार प्रस्तुत करने के लिए किया करते थे. इसे बड़े शाही और पारंपरिक अंदाज़ में सजाया जाता था. सदियों बाद भी इस कला की परंपरा जीवित है और आज भी चम्बा में कुछ ही दुकानों पर इसे पारंपरिक तरीक़े से बनाया और बेचा जाता है. पर्यटकों के लिए यह स्थानीय संस्कृति और विरासत का एक अनोखा आकर्षण केंद्र बन चुका है.
चम्बा के शिल्पकार गौरव बताते हैं कि यह कला उनके पूर्वजों से चली आ रही है. वे कहते हैं चम्बा थाल एक ऐतिहासिक कला है, जिसे हमारे पूर्वज राजा-महाराजाओं के ज़माने से बनाते आ रहे हैं. उस समय इसे उपहार के रूप में दिया जाता था और आज भी लोग इसे बड़े ही शाही ढंग से उपयोग करते हैं.
गौरव बताते हैं कि एक थाल तैयार करने में 6 से 7 दिन का समय लगता है. वे कहते हैं हम धातु की प्लेट पर पहले कागज़ से आकृतियाँ बनाकर चिपकाते हैं. फिर हाथ से बारिक खुदाई करके उसे सजाते हैं. मेहनत तो बहुत लगती है, लेकिन हमें गर्व है कि हम इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.आज के समय में यह चम्बा थाल न सिर्फ़ स्मृतिचिह्न (souvenir) के रूप में लोकप्रिय है, बल्कि शादियों और पारंपरिक आयोजनों में भी इसका प्रयोग बढ़ता जा रहा है. दुकानदार सुरेश बताते हैं कि वह करीब 20 साल से थाल बनाने का काम करते थे. चंबा के राजा के वक्त में इस थाल को भेंट किया जाता था.
कैसे बनाते हैं कितना वक्त लगता है
शहर में दुकान करने वाले हर्षित बताते हैं कि उनके पिता ने आठ साल की उम्र में थाल बनाने का काम सीखा था. मेरी भी इसे बनाने में रुचि थी तो अब मैं भी थाल बनाता हूं. मेरे पिता ने प्रकाश चंद जी से सीखा था और उन्हें अवार्ड मिला था. हम लोग दूसरे लड़कों को भी सीखाते हैं. एक अन्य दुकानदार गौरव ने बताया कि बेटी की शादी में शगुन के तौर पर थाल भेंट की जाती है. नई पीढ़ी के लड़के पहले इसमें ज्यादा रुचि नहीं दिखाते थे, लेकिन अब पीतल की शीट पर अब इसे बनाया जाता है और मोर्ड्रेट किया है और हाथ से नक्काशी निकाली जाती है. वह बताते हैं कि बेस्ट क्वालिटी की थाल बनाने के लिए तीन से चार दिन में इसे बनाया जाता है.
वह कहते हैं कि यह 12 से 30 इंच तक बनाई जाती है. वह बताते हैं कि ब्रास की शीट पर इसे बनाया जाता है और फिर ड्राइंग की जाती थी. वह बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश के चंबा दौरे पर प्रधानमंत्री को नरेंद्र मोदी को उस समय के डीजीपी सुंजय कुंडू ने यह चम्बा थाल भेट करने के लिए उन्हें ऑर्डर दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंबा दौरे पर थाल की तारीफ की थी. उसके बाद इस चंबा थाल का प्रचलन और भी बढ़ गया. साथ ही जब कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक विजेता देश में लौट कर आए तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें यह चम्बा थाल भेंट किए थे.
मेहनत ज्यादा लगती है. लेकिन गर्व है
गौरव का कहना है कि उनका परिवार इस प्राचीन कला को ज़िंदा रखने के लिए लगातार प्रयासरत है, ताकि चम्बा की यह ऐतिहासिक धरोहर आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रह सके. वह कहते हैं कि हम अपने पूर्वजों की इस कला को सहेजकर रखना अपना फ़र्ज़ मानते हैं. मेहनत भले ही ज़्यादा लगती है, लेकिन जब कोई पर्यटक या ग्राहक इस थाल को पसंद करता है, तो हमें बहुत गर्व महसूस होता है. उन्होंने कहा कि एक थाल को बनाने में करीब 4 से 5 दिन से भी ज्यादा समय लगता है. लेकिन इससे उनके घर परिवार का बढ़िया से गुजर-बसर हो रहा है.
इतनी रहती है कि कीमत
चंबा थाल अलग अलग आकार की होती है. 18 इंच की थाल को बनाने में एक से दो दिन का वक्त लगता है और बाजार में इसकी कीमत 2500 से 4000 रुपये के बीच में रहती है. इसी तरह 21 इंच की तीन से चार दिन, कीमत 2800 रुपये से 5500 रुपये और 24 इंच की थाल तीन से चार दिन में बनती है औऱ यह 3500 रुपये से लेकर 6000 रुपये में कीमत पर बिकती है.
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
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Location :
Chamba,Chamba,Himachal Pradesh
First Published :
October 20, 2025, 12:45 IST