Last Updated:November 25, 2025, 16:05 IST
दिल्ली विस्फोट के बाद नूंह में रोहिंग्या बस्तियों में पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया, 1713 शरणार्थियों की जांच हुई, कोई संदिग्ध नहीं मिला, सुरक्षा निर्देश दिए गए.
दिल्ली विस्फोट के बाद हरियाणा के नूंह जिले में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. नूँह. दिल्ली विस्फोट के बाद हरियाणा के नूंह जिले में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. मंगलवार सुबह जिला पुलिस ने जिले की अलग – अलग रोहिंग्या बस्तियों में एक साथ बड़े स्तर पर तलाशी और सत्यापन अभियान चलाया.यह अभियान नूंह, पुनहाना क्षेत्र की रोहिंग्या बस्ती में चलाया गया, जहां पुलिस की कई टीमों ने सुबह से झुग्गी – झोपड़ियों में जाकर दस्तावेजों की बारीकी से जांच की और सामान की तलाशी ली और लोगों से विस्तृत पूछताछ की.
बस्ती के निवासियों ने पुलिस को पूरा सहयोग दिया और बताया कि पुलिस समय – समय पर ऐसे निरीक्षण और जागरूकता कार्यक्रम चलाती रहती है.नूंह में सदर थाना प्रभारी के नेतृत्व में सुबह 6:30 बजे गांव चंदेनी स्थित रोहिंग्या शरणार्थी कॉलोनी में चलाया गया. इस दौरान सुरक्षा एजेंट, सुरक्षा इकाई और आसूचना ब्यूरो के कर्मचारी भी मौजूद रहे. सभी रोहिंग्या शरणार्थियों यूएनएचसीआर की शरणार्थी कार्ड के आधार पर पहचान सत्यापित की गई.
चेकिंग के दौरान 7 व्यक्ति काम पर बाहर जाने की स्थिति में पाए गए, लेकिन कोई भी अनलिस्टेड (बिना रजिस्ट्रेशन) व्यक्ति नहीं मिला. पुलिस की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2012 से जिला नूंह में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की वर्तमान संख्या 385 परिवारों में कुल 1,713 (महिला-पुरुष- बच्चे सहित) है. सुरक्षा की दृष्टि से इनकी समय – समय पर जांच की जाती रही है. पुलिस अधिकारियों ने दोनों जगहों पर लोगों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए और कहा कि यदि कहीं भी कोई संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें. पुलिस ने स्पष्ट किया कि ये अभियान नियमित सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा हैं और इसमें घबराने की कोई बात नहीं है. कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सभी का सहयोग अपेक्षित है. जिले में मस्जिदों, मदरसों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर भी निरीक्षण अभियान जारी है.
समय-समय पर जांच पड़ताल होती रहतीः पुलिस
पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार के मुताबिक यह सामान्य सुरक्षा चेकिंग है, कोई हड़कंप जैसी स्थिति नहीं है. लोग शांति बनाए रखे और अफवाहों से बचें. उधर, पत्रकारों से बातचीत में रोहिंग्या मुस्लमान अब्दुल कलाम बोले कि हिन्दुस्तान में आकर उन्होंने इसलिए शरण ली थी कि यहां पर एक-दूसरे को आपसी प्यार दिया जाता है. मदद के लिए भी लोग आते हैं. समय-समय पर पुलिस की जांच पड़ताल होती रहती है. हम पुलिस का सहयोग करते हैं. हम अपना मजदूरी कर पेट करते है. वर्ष 2012 में जब वर्मा देश के हालात अच्छे नहीं थे. खून खराबा से लेकर महिलाओं की इज्जत को रौंदा जा रहा था तो रोहिंग्या अपनी जान बचाने के लिए वहां से आये थे. उसके बाद उन्हें देश के अलग – अलग राज्यों में सरकार ने शरण दी. नूंह शहर अड्डा के समीप , शाहपुर नंगली , चंदेनी , फिरोजपुर नमक इत्यादि गांवों में रोहिंग्या के करीब 400 परिवार आकर बस गए.
मोहम्मद हुसैन ने बताया कि रोहिंग्या ने बांस की झुग्गियां बनाई तथा इलाके में बांस की झुग्गियां इत्यादि सामान बनाकर अपना पेट पालने लगे. अब उन्हें भारत अपना लगने लगा, लेकिन उन्होंने साफ- साफ कहा कि वे नागरिकता लेने के लिए यहां नहीं आये बल्कि जान बचाने के लिए यहां आये. वर्मा के हालात अभी भी ठीक नहीं हैं , जब तक वहां हालात ठीक नहीं होते , तब तक भारत सरकार अपने मुल्क में ही शरण दे. हालात ठीक होते ही वो अपने वतन लौटना चाहते हैं. रोहिंग्या जितने भी नूंह में रहते हैं, सभी मुस्लिम हैं.
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...
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Location :
Nuh,Mewat,Haryana
First Published :
November 25, 2025, 15:56 IST

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