दो रेटिंग एजेंसियों ने खोले इकनॉमी के राज! टैक्‍स छूट को बताया गेमचेंजर

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Last Updated:November 25, 2025, 17:56 IST

Indian Economy : भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर कई तरह के जोखिम भले ही पैदा हो रहे हों, लेकिन उसकी विकास दर रुकने का नाम नहीं लेगी. यह दावा किया है 2 बड़ी रेटिंग एजेंसियों ने. मूडीज ने कहा है कि सरकार की ओर से इनकम टैक्‍स और जीएसटी की दरों में कटौती की वजह से राजस्‍व वसूली में कमी आएगी.

दो रेटिंग एजेंसियों ने खोले इकनॉमी के राज! टैक्‍स छूट को बताया गेमचेंजरभारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है.

नई दिल्‍ली. ग्‍लोबल लेवल की दो दिग्‍गज रेटिंग एजेंसियों ने एक बार फिर भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर बड़े खुलासे किए हैं. वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्तवर्ष में आयकर और जीएसटी में की गई कटौतियों ने सरकार की राजस्व वृद्धि को कमजोर कर दिया है जिससे अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त वित्तीय समर्थन देने की गुंजाइश सीमित हो गई है. दूसरी ओर, इंडिया रेटिंग्‍स एंड रिसर्च ने कहा है कि इन सभी मुश्किलों और फैसलों के बावजूद भारत की विकास दर 7 फीसदी के आसपास रहने की पूरी संभावना है.

मूडीज रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी (सरकारी जोखिम) मार्टिन पेट्च ने एक वेबिनार में कहा कि राजस्व वृद्धि अपेक्षा से काफी कमजोर रही है. पिछले महीनों में जो कर कटौती हुई है, उसका भी राजस्व संग्रह पर असर पड़ा है. इसी वजह से वित्तीय सशक्तीकरण पर दबाव बढ़ा है और अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की गुंजाइश घट गई है. महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर, 2025 के अंत तक शुद्ध कर राजस्व घटकर 12.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 12.65 लाख करोड़ रुपये था.

बजट का कितना लक्ष्‍य हासिल
मूडीज ने कहा कि इस साल राजस्‍व की प्राप्ति सरकार के वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान का सिर्फ 43.3 फीसदी है, जबकि पिछले वित्तवर्ष की समान अवधि में 49 फीसदी लक्ष्य हासिल हुआ था. सरकार ने इस साल बजट में नए कर ढांचे के तहत आयकर छूट सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया था. इससे मध्यम वर्ग को लगभग एक लाख करोड़ रुपये की टैक्‍स राहत मिली है.

जीएसटी में छूट से कम हुआ राजस्‍व
इसके अलावा, 22 सितंबर से करीब 375 वस्तुओं पर जीएसटी दरें भी घटा दी गईं, जिससे उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती हुईं और मांग बढ़ाने का प्रयास किया गया. पेट्च ने कहा कि महंगाई घटने और मौद्रिक नीति में नरमी से घरेलू उपभोग के और मजबूत होने की उम्मीद है. इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में नीतिगत ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती कर उन्हें 5.5 फीसदी के तीन वर्ष के निचले स्तर पर ला दिया था. अक्टूबर में खुदरा महंगाई गिरकर 0.25 फीसदी के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई.

अमेरिकी टैरिफ का भी असर नहीं
मूडीज के अधिकारी ने बताया कि घरेलू खपत और इन्‍फ्रा निवेश भारत की आर्थिक वृद्धि के मुख्य कारक बने हुए हैं और यह अमेरिका की ओर से लगाए गए 50 फीसदी आयात शुल्क के असर को काफी हद तक संतुलित करेंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि ये शुल्क लंबे समय तक जारी रहे, तो निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. मूडीज ने पिछले सप्ताह अनुमान जताया था कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 में 7 फीसदी और अगले वर्ष 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी.

कितनी रहेगी विकास दर
घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी मंगलवार को चालू वित्तवर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया. जून तिमाही में उच्च वृद्धि और वैश्विक वृद्धि और व्यापार पर अमेरिकी शुल्क वृद्धि के कम प्रभाव को देखते हुए यह अनुमान बढ़ाया गया है. इंडिया रेटिंग्स के बयान के अनुसार, उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी सालाना आधार पर 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी. यह उसके पिछले अनुमान 6.3 फीसदी (जुलाई, 2025 में जारी) से 0.7 फीसदी अधिक है.

आरबीआई ने कितनी बताई विकास दर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्तवर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वित्त वर्ष के 6.5 फीसदी से अधिक है. भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वित्तवर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 फीसदी रही, जो 5 तिमाहियों में सबसे तेज वृद्धि है. दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के जीडीपी वृद्धि का आधिकारिक आंकड़ा 28 नवंबर को जारी किया जाएगा. इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि जुलाई, 2025 में उसके अंतिम अनुमान के बाद से घरेलू और वैश्विक दोनों परिदृश्यों में काफी बदलाव आया है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 25, 2025, 17:53 IST

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