Russia-Ukraine war: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर जुर्माना लगाने की घोषणा की है तो वहीं अब यूक्रेन का आरोप है कि रूसी सेना की ओर से उसके खिलाफ जंग में इस्तेमाल किए जा रहे ईरानी डिजाइन वाले ड्रोंस में भारत द्वारा बनाए गए इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेन्ट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मामले को यूक्रेन ने औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ ( EU) और भारत सरकार के सामने औपचारिक रूप से उठाया है.
रूसी ड्रोन में भारतीय पुर्जे
'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 2024 से शहीद मानवरहित लड़ाकू वाहनों ( UCAV) में इन पुर्जों के पाए जाने के बाद यूक्रेन ने लगभग 2 मौकों पर भारतीय विदेश मंत्रालय के सामने इस मुद्दे को उठाया है. सूत्रों के मुताबिक यूरोपीय संघ के प्रतिबंध दूत डेविड ओ सुलिवन के साथ यूक्रेनी राजनयिकों ने इस साल जुलाई के महीने में नई दिल्ली की यात्रा कर इस मामले को उठाया था.
यूक्रेन ने की जांच
डॉक्यूमेंट्स के अनुसार यूक्रेनी अधिकारियों की ओर से की गई जांच में साबित हुआ कि भारत के विशाय इंटरटेक्नोलॉजी और ऑरा सेमीकंडक्टर के इलेक्ट्रॉनिक टूल्स चाहे वे भारत में असंबेल किए गए हो या नहीं उनका इस्तेमाल रूस के शाहेद 136 ड्रोंस के प्रोडक्शन में जरूर इस्तेमाल किए गए थे. इन डॉक्यूमेंट्स में कई पुर्जों की जानकारी दी गई है और तस्वीरें भी उपलब्ध करवाई गई हैं. डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक ईरानी डिजाइन वाले शाहेद ड्रोन की वोल्टेज रेगुलेटर यूनिट में भारतीय कंपनी विशाय इंटरटेक्नोलॉजी के ब्रिज रेक्टिफायर E300359 का उपयोग किया गया था. वहीं ड्रोन के सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के जैमर प्रूफ एंटीना में ऑरा सेमीकंडक्टर की ओर से बनाए गए PLL-आधारित सिग्नल जनरेटर AU5426A चिप का उपयोग किया गया था. सूत्रों का कहना है कि तकनीकी आधार पर दोनों में से किसी भी कंपनियों ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है.
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भारत का आया जवाब
मामले को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,' भारत द्वारा दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं का निर्यात परमाणु अप्रसार पर उसके अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप है और उसके मजबूत घरेलू कानूनी और नियामक ढांचे पर आधारित है.यह सुनिश्चित करने के लिए उचित जांच-पड़ताल की जाती है कि ऐसे निर्यात हमारे किसी भी कानून का उल्लंघन न करें.' फिलहाल मामले पर दिल्ली स्थित यूक्रेनी दूतावास की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
F&Q
यूक्रेन का आरोप क्या है?
यूक्रेन का आरोप है कि रूसी सेना के ड्रोन में भारतीय पुर्जों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
कौन सी भारतीय कंपनियों के पुर्जे इस्तेमाल किए गए हैं?
विशाय इंटरटेक्नोलॉजी और ऑरा सेमीकंडक्टर के इलेक्ट्रॉनिक टूल्स का इस्तेमाल किया गया है.
भारत सरकार का क्या कहना है?
भारत सरकार का कहना है कि दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं का निर्यात परमाणु अप्रसार पर उसके अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप है और उसके मजबूत घरेलू कानूनी और नियामक ढांचे पर आधारित है.