राहुल गांधी का उल्‍टा पड़ेगा दांव! कांग्रेस सरकार का होने जा रहा पोस्टमॉर्टम

4 hours ago

Last Updated:June 08, 2025, 19:19 IST

राहुल गांधी के फर्जी वोट के आरोप पर चुनाव आयोग ने 2009-2024 की वोटर लिस्ट कांग्रेस को देने का निर्णय लिया है. गड़बड़ी साबित न होने पर कांग्रेस की साख पर सवाल उठ सकते हैं.

राहुल गांधी का उल्‍टा पड़ेगा दांव! कांग्रेस सरकार का होने जा रहा पोस्टमॉर्टम

राहुल गांधी ने फर्जी वोटर लिस्‍ट का आरोप लगाया है.

हाइलाइट्स

चुनाव आयोग 2009-2024 की वोटर लिस्ट कांग्रेस को देगा.कांग्रेस के आरोप साबित न होने पर उसकी साख पर सवाल उठ सकते हैं.बीजेपी ने कांग्रेस पर राजनीतिक दोहरेपन का आरोप लगाया.

राहुल गांधी का एक और दांव कांग्रेस के गले की फांस बन सकता है. राहुल गांधी बार-बार आरोप लगाते हैं क‍ि फर्जी वोट बढ़ाकर बीजेपी को ज‍िताया जा रहा है. अब चुनाव आयोग महाराष्ट्र और हरियाणा की 2009 से 2024 तक की वोटर लिस्ट कांग्रेस को सौंपने जा रहा है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की ओर से की गई मांग पर यह निर्णय लिया गया है, लेकिन इन सूचियों में वही साल शामिल हैं जब दोनों राज्यों और केंद्र में कांग्रेस की ही सरकारें थीं. ऐसे में कांग्रेस के अपने ही आरोप अब उसके पुराने रिकॉर्ड की ओर उंगली उठनी तय है.

कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला ने पहले चुनाव आयोग से और बाद में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उन्हें महाराष्ट्र और हरियाणा की वोटर लिस्ट 2009, 2014, 2019 और 2024 के आम चुनावों की दी जाए. आरोप लगाया गया था कि फर्जी वोटरों के जरिए चुनावी गड़बड़ी हुई है और चुनाव आयोग ने भाजपा के पक्ष में काम किया है. चुनाव आयोग की ओर से अब यह साफ कर दिया गया है कि दोनों राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEOs) ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है. रणदीप सुरजेवाला को यह लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों यानी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर्स के जरिए उपलब्ध कराई जाएगी.

उलटी पड़ सकती है चाल
मामले में बड़ा पेंच यह है कि 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान केंद्र के साथ-साथ महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस की सरकारें थीं. महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण, जबकि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे. ऐसे में यदि कांग्रेस इन वर्षों में भी फर्जी वोट का आरोप साबित नहीं कर पाती, तो उसे अपने ही रिकॉर्ड के जवाब देने होंगे. सोशल मीडिया में राजनीतिक विश्लेषक इसे ‘बूमरैंग मोमेंट’ बता रहे हैं. उनका कहना है क‍ि कांग्रेस ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करने के लिए यह दांव चला, लेकिन यह खुद उसके लिए बैकफायर कर सकता है. अगर गड़बड़ियां 2009 या 2014 की लिस्ट में मिलती हैं, तो जवाब भी कांग्रेस को ही देना होगा.

बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर पलटवार तेज कर दिया है. बीजेपी आईटी सेल से जुड़े कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस को “डबल स्टैंडर्ड पार्टी” कहकर ट्रोल करना शुरू कर दिया है. @BJPIndia ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया, जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब वोटर लिस्ट में गड़बड़ी नहीं दिखी, अब हार के डर से पुराने पाप छिपाने की कोशिश की जा रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस मौके को कांग्रेस के राजनीतिक दोहरेपन को उजागर करने के लिए प्रयोग करेगी. पार्टी का तर्क है कि अगर फर्जी वोट तब भी थे, तो कांग्रेस ने कार्रवाई क्यों नहीं की?

डेटा से निकलेगा सच?
रणदीप सुरजेवाला की याचिका का मकसद यह था कि इन राज्यों में बीते चार लोकसभा चुनावों की वोटर लिस्ट की तुलना कर गड़बड़ी के सबूत दिए जाएं. अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस उन आंकड़ों से साबित कर पाएगी कि वोटर लिस्ट में फर्जी नाम कैसे और कब जुड़े? या फिर यह सारी कवायद एक राजनीतिक नैरेटिव गढ़ने की कोशिश साबित होगी? सूत्रों का कहना है कि यदि कांग्रेस इन सूचियों में विसंगतियां दिखा पाने में नाकाम रही, तो यह मामला उल्टा कांग्रेस की साख को नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि उसकी ही सरकारों ने 2009 और 2014 की वोटर लिस्ट को तैयार करवाया था.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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