What is Nuke Sniffer: अमेरिका के खास निगरानी विमान WC-135R 'Constant Phoenix' को रूस के परमाणु ठिकानों के बेहद करीब उड़ता हुआ देखा गया है. यह बेहद संवेदनशील कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रूस ने अमेरिका के साथ हुई 1987 की ऐतिहासिक परमाणु संधि INF (Intermediate-Range Nuclear Forces Treaty) से खुद को अलग कर लिया है. लोग अमेरिका के इस विमान की खूब चर्चा कर रहे हैं. चलिए जानते हैं कि यह विमान क्या है और कितना खतरनाक है. इसे न्यूक स्निफर (Nuke Sniffer) भी कहा जाता है.
फ्लाइट रडार-24 ने अपने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अमेरिका स्निफर यह विमान ब्रिटेन के पूर्वी हिस्से में मौजूद RAF Mildenhall एयरबेस से रवाना हुआ और नॉर्वे के पश्चिमी तट से होते हुए Barents Sea पहुंचा. यहां विमान ने रूस के मुरमांस्क इलाके और नोवाया जेमल्या द्वीपसमूह के नजदीक चक्कर लगाए. हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ देर के लिए नहीं, बल्कि 14 घंटे तक चलता रहा. इसके बाद यह विमान ब्रिटेन लौट गया.
क्या है 'न्यूक स्निफर' विमान?
अमेरिका का न्यूक स्निफर विमान दुनिया के सबसे खतरनाक और नई टेक्नोलॉजी के लिए पहचाना जाता है. इस विमान में इतनी ताकत है कि जब यह ऊपर उड़ रहा होता है तो विमान वायुमंडल में छिपे रेडियोधर्मी कणों को पकड़ लेता है और परमाणु परीक्षण के संकेतों को जुटाता है. अमेरिकी फौज अक्सर इस विमान का इस्तेमाल परमाणु धमाकों के बाद उठने वाले रेडियोधर्मी बादलों की जांच के लिए करती है.
क्या रूस करने वाला है खतरनाक मिसाइल का परीक्षण?
विश्लेषकों का मानना है कि रूस जल्द ही अपनी विवादास्पद 9M730 Burevestnik मिसाइल का परीक्षण कर सकता है. यह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल पश्चिमी देशों के डिफेंस सिस्टम को चकमा देने और लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम बताई जाती है.
परमाणु संधि से हटने के बाद बढ़ा तनाव
बता दें कि रूस की इस सैन्य गतिविधि के पीछे बड़ी वजह उसका INF संधि से बाहर होना माना जा रहा है. यह संधि अमेरिका और सोवियत संघ के बीच 1987 में हुई थी, जिसमें मध्यम और छोटी दूरी की परमाणु मिसाइलों पर रोक लगाई गई थी. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जरिए रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाने और परमाणु पनडुब्बियां तैनात करने के फैसले के बाद यह संधि टूट गई.