Last Updated:December 18, 2025, 16:44 IST
Jaipur News : राजस्थान की भजनलाल सरकार जल्द ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (TOD) नीति लागू करने जा रही है. इस नीति के लागू होने से शहरों की दशा सुधरेगी. भारी ट्रैफिक से राहत मिलेगी. इससे शहरों का AQI सुधरेगा और आप शुद्ध हवा का आनंद ले सकेंगे. इसके साथ ही आपके समय की भी बचत होगी. इस पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है. इसे 2026 तक लागू करने की तैयारी है.
TOD पॉलिसी में मिश्रित भू-उपयोग अनिवार्य होगा.रोशन शर्मा.
जयपुर. राजधानी जयपुर आज सिर्फ ट्रैफिक जाम से ही नहीं, बल्कि तेजी से बिगड़ती हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स से भी जूझ रही है. बढ़ते वाहन, अव्यवस्थित शहर का विस्तार और लंबी दूरी की रोजमर्रा की आवाजाही ने हालात गंभीर बना दिए हैं. इसी चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट (TOD) नीति लागू करने जा रही है. इसे शहरी विकास के साथ-साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा अहम सुधार माना जा रहा है. इससे आमजन को भारी ट्रैफिक से निजात मिलेगी और शुद्ध हवा मिलेगी. वहीं इससे समय की भी बड़ी बचत होगी.
दरअसल जयपुर विकास प्राधिकरण ने TOD नीति के तहत जयपुर मेट्रो के प्रथम चरण के रूट पर पांच ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट कॉरिडोर चिन्हित किए हैं. यह कदम केन्द्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट (SASCI) योजना के अंतर्गत एक अनिवार्य शहरी सुधार है. नियमों के अनुसार कम से कम पांच TOD कॉरिडोर चिन्हित करने पर केन्द्र सरकार की ओर से राज्य को बड़ी वित्तीय सहायता मिलेगी.
एक ही इलाके में होंगे घर और दफ्तर
इन शहरी सुधारों को 31 दिसंबर तक लागू किया जाना है. अब जेडीए इन कॉरिडोर के भीतर TOD नोड चिन्हित करेगा. हर नोड के चारों ओर 800 मीटर का क्षेत्र TOD जोन माना जाएगा. इन जोन में एक हेक्टेयर या उससे बड़ी योजनाएं लाई जा सकेंगी. इनमें मिश्रित भू-उपयोग अनिवार्य होगा. यानी एक ही इलाके में आवास, दुकानें, दफ्तर और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इसके लिए कम से कम 60 फीट चौड़ा पहुंच मार्ग भी जरूरी होगा.
साइकिल या मेट्रो-बस से आसानी से पहुंच सकेंगे
TOD नीति का सबसे बड़ा फायदा यह है कि लोग अपने घर, दफ्तर और जरूरी सेवाओं तक पैदल, साइकिल या मेट्रो-बस से आसानी से पहुंच सकेंगे. इससे निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी. ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण में कमी आएगी. विशेषज्ञों के अनुसार जयपुर, भिवाड़ी, चूरू और कोटा जैसे शहरों में AQI अक्सर खराब से गंभीर श्रेणी में रहता है. ऐसे में TOD मॉडल हवा सुधारने में अहम भूमिका निभा सकता है.
शहर अधिक सुव्यवस्थित, स्वच्छ और रहने योग्य बनेंगे
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अनुसार, TOD नीति से शहर अधिक सुव्यवस्थित, स्वच्छ और रहने योग्य बनेंगे. सार्वजनिक परिवहन को विकास के केंद्र में रखा जाएगा और ग्रीन स्पेस को भी बढ़ावा मिलेगा. सरकार ने TOD का ड्राफ्ट तैयार कर सार्वजनिक कर दिया है. सुझावों के बाद इसे 2026 तक लागू करने की तैयारी है. कुल मिलाकर, TOD नीति केवल इमारतों और सड़कों की योजना नहीं, बल्कि राजस्थान के शहरों को साफ हवा, बेहतर स्वास्थ्य और टिकाऊ विकास की दिशा में ले जाने वाला ठोस कदम है.
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संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से News18 के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर...और पढ़ें
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
December 18, 2025, 16:44 IST

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