ये भी कोई बात हुई! चीन ने आतंक के आका को ही दे डाली SCO-RATS की कमान, PAK खुश; भारत चिंतित

3 days ago

Pakistan: दुनियाभर में आतंकवाद के लिए बदनाम पाकिस्तान ने 2025-26 के लिए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचे (SCO-RATS) की कमान संभाल ली है. जिसके बाद आतंकवाद से पाकिस्तान के पुराने संबंधों को देखते हुए एक नया विवाद खड़ा हो गया है. बता दें, यह निर्णय किर्गिस्तान में RATS परिषद की 44वीं बैठक में लिया गया जिसमें पाकिस्तान ने आतंकवाद के विरुद्ध क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया. चीन के प्रभुत्व वाले इस संगठन ने बुधवार को यह फैसला लिया था. बता दें, एससीओ के तहत आने वाले इस समूह की अध्यक्षता बारी-बारी से हर देश को दी जाती है और इस बार यह जिम्मेदारी पाकिस्तान को मिली है. इसे लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है. बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने 2025-26 के लिए शंघाई सहयोग संगठन के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे की अध्यक्षता संभाली है. पाकिस्तान ने RATS परिषद के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान आपसी विश्वास, समानता और साझा जिम्मेदारी निभाएगा और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा.

भारत ने पाकिस्तान पर साधा निशाना

बता दें, RATS बैठक में अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले की निंदा की गई जिसमें भारत ने अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान पर उंगली उठाई और आतंकवाद से लड़ने में दोहरे मानदंडों पर चिंता व्यक्त की. इस बीच, भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टी.वी. रविचंद्रन ने आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों की आलोचना भी की और अप्रत्यक्ष रूप से अप्रैल में हुए पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका की ओर इशारा किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. टी.वी. रविचंद्रन ने कहा कि हमें आतंकवाद को लेकर दोहरे रवैये से किनारा करना होगा और हर तरह के आतंकवाद से लड़ना होगा. 

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बता दें, RATS का गठन SCO सदस्यों के बीच आतंकवाद रोधी कोशिशों में तालमेल स्थापितकरने के लिए किया गया था. इसका काम खुफिया जानकारी साझा करना हैं. लेकिन यह संगठन अक्सर राजनीतिक तनावों के कारण सही से काम नहीं कर पाता है. भारत 2022 में इस संगठन का अध्यक्ष चुना गया था. इस दौरान साझा खुफिया डेटाबेस का विस्तार नहीं हो पाया था क्योंकि पाकिस्तान लगातार आड़े आ रहा था. 2023 और 2025 की बैठकों में भी दोनों देशों ने सबके सामने आतंकवाद को लेकर एक-दूसरे पर आरोपों की बारिश की थी जिसके बाद पाकिस्तान को बचाने के लिए चीन को बीच में आना पड़ा था.

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