ये कौन सा नाम हुआ D66? सत्ता के करीब पहुंची, देश को मिल सकता है सबसे युवा प्रधानमंत्री

3 hours ago

Rob Jetten D66 wins netherlands  elections: नीदरलैंड में हुए आम चुनावों में लिबरल नेता रॉब जेटन ने कामयाबी के झंडे गाड़ दिए हैं. उनकी पार्टी D66 ने गीर्ट वाइल्डर्स की धुर-दक्षिणपंथी पार्टी फॉर फ्रीडम (PVV) का सियासी खेल खराब कर दिया है. दोनों दल कांटे के मुकाबले में अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे थे. लेकिन आखिरी गिनती मे्ं डच मध्यमार्गी पार्टी D66 को सबसे ज्यादा वोट मिलने के बाद उसके 38 साल के युवा नेता रॉब का नीदरलैंड के इतिहास में सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है.

कांटे का मुकाबला

ANP की रिपोर्ट के मुताबिक नीदरलैंड की सभी सीटों के वोटों की गिनती लगभग पूरी हो गई. बुधवार को हुई वोटिंग में D66 और PVV दोनों ने 26 सीटें जीतीं. लेकिन मतों की गिनती पूरी होने के बाद, मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि D66 को PVV पर 15155 वोट की बढ़त हासिल है. इस तरह 99.7 प्रतिशत मतों की गिनती के बाद तय हो गया है कि D66 अब गीर्ट वाइल्डर्स की फ्रीडम पार्टी (PVV) से आगे नहीं निकल सकती. ऐसे हालातों में नीदरलैंड के सियासी जानकारों का मानना है कि अंतिम परिणाम सोमवार तक भी घोषित नहीं हो पाएंगे.

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गठबंधन सरकार बनेगी

अब गठबंधन सरकार बनाने के लिए पहले दौर की बातचीत में D66 के नेतृत्व करने की उम्मीद है, एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें आमतौर पर महीनों लग जाते हैं. वहीं अगर रिकाउंटिंग की मांग हुई तो मामला और खिंच सकता है.

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सरकार बनने में होगी देर

इन्ही नतीजों के साथ D66 नेता रॉब जेटन नीदरलैंड के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में हैं. हालांकि, नई सरकार का गठन जल्‍द होने की संभावना नहीं है, क्योंकि गठबंधन दलों की बातचीत पूरी होने में काफी समय लग सकता है. चार नवंबर को चुने गए सांसद एक विशेष वार्ता में स्काउट की नियुक्ति करेंगे. वही स्‍काउट सत्‍तारूढ़ पार्टियों के गठबंधन पर कार्य करेगा.

कौन है D66?

यूरोपीय यूनियन समर्थक D66 एक उदारवादी राजनीतिक दल है. जिसने हालिया चुनावों में एक जबरदस्त चुनाव प्रचार अभियान चलाया. इसने विज्ञापन पर भारी पैसा बहाते हुए अपनी सीटों की संख्या को तीन गुना बढ़ा लिया, जबकि वाइल्डर्स ने समर्थन का एक बहुत बड़ा हिस्सा खो दिया जिसने 2023 में पिछले चुनाव में उन्हें चौंकाने वाली जीत दिलाई थी.

D66, डेमोक्रेट्स 66 का शॉर्ट फॉर्म है. इसकी स्थापना 1966 में हुई थी. 2025 में उसकी सीटें 9 से बढ़कर 26 हो गईं. आखिरी सीट भी उसके खाते में जाती दिख रही है, जिससे उसका आंकड़ा 27 हो जाएगा. इसके वोट बैंक में भारी इजाफा हुआ है.

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