Last Updated:August 07, 2025, 13:19 IST
Kerala New Seating Model: केरल सरकार अब स्कूलों में बैकबेंचर का कॉन्सेप्ट हटाने जा रही है. सब बच्चों को बराबर अवसर देने के लिए क्लासरूम की सीटिंग में बड़ा बदलाव किया जाएगा.

केरल: भारत में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे लोग केरल में हैं. अब वही केरल अपने स्कूलों में एक बड़ी और अनोखी पहल करने जा रहा है. केरल के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने फैसला लिया है कि अब क्लासरूम में जो पारंपरिक तरीके से बच्चों को लाइन में बैठाया जाता है, आगे वाले बच्चे टॉपर और पीछे वाले ‘बैकबेंचर’ माने जाते हैं, उस सिस्टम को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा.
राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने खुद बताया कि सरकार अब ऐसा क्लासरूम डिजाइन करना चाहती है जिसमें कोई भी बच्चा खुद को पीछे या कम महसूस न करे. उनका कहना है कि ‘बैकबेंचर’ जैसी कोई सोच ही नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे के आत्मविश्वास पर असर पड़ता है. उन्होंने ये भी कहा कि सभी बच्चों को बराबरी का मौका मिलना चाहिए.
कई देशों के मॉडल्स पर स्टडी
शिक्षा मंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि सरकार एक एक्सपर्ट कमेटी बना रही है, जो अलग-अलग देशों में अपनाए गए ऐसे मॉडल्स का स्टडी करेगी, जहां बैकबेंचर का कॉन्सेप्ट ही नहीं है. फिर उसी में से केरल के लिए सबसे अच्छा मॉडल चुना जाएगा.
कुछ स्कूलों में टेस्टिंग फेज शुरू भी हो गया
असल में, ये एक्सपेरिमेंट पहले से ही केरल के कुछ जिलों में शुरू हो चुका है. कन्नूर, त्रिशूर और कोल्लम के कुछ स्कूलों में पहले ही क्लासरूम की सीटिंग को बदल दिया गया है. अब वहां बच्चे ‘U-शेप’ में बैठते हैं, जिससे सब एक-दूसरे की तरफ होते हैं और टीचर सबके बीच घूमकर आसानी से पढ़ा सकते हैं.
फिल्म से मिली थी प्रेरणा
ये पूरा बदलाव एक मलयालम फिल्म से भी प्रेरित है. फिल्म का नाम है “स्थानार्थी श्रीकुट्टन (2024)”. इसमें एक ऐसा बच्चा दिखाया गया है जो हमेशा पीछे बैठता है और सिस्टम से परेशान होकर बगावत करता है. फिल्म के आखिरी सीन में क्लासरूम का पारंपरिक डिजाइन हटाकर U-शेप बैठने की व्यवस्था दिखाई जाती है. इससे ये बात सामने आई कि क्लासरूम का माहौल ही बच्चे के आत्मविश्वास और पढ़ाई पर असर डालता है.
त्रिशूर के स्कूल ने बदली तस्वीर
त्रिशूर जिले के ईस्ट मंगड के RCC लोअर प्राइमरी स्कूल ने इस बदलाव की शुरुआत की थी. स्कूल की हेडमिस्ट्रेस लिजी सी.आर. ने बताया कि इस शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही कुछ टीचर्स ने फिल्म का ज़िक्र किया और अपने पुराने स्कूल के अनुभवों को भी साझा किया. फिर क्लास 1 से शुरुआत करते हुए बच्चों को U-शेप में बैठाना शुरू किया गया.
First Published :
August 07, 2025, 13:19 IST