Last Updated:August 07, 2025, 17:41 IST
Tamil Nadu Governor Vs CM Stalin: तमिलनाडु में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विधेयकों को मंजूरी देने को लेकर विवाद गहरा गया है. अब ये मसला सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया है. इस खबर में पढ़िए क्या...और पढ़ें

Tamil Nadu Governor Vs CM Stalin: तमिलनाडु की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. राज्यपाल आर. एन. रवि और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है. वजह है विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी देने में हो रही देरी. अब यह विवाद सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं रहा बल्कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया है.
कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा था कि राज्यपाल और राष्ट्रपति को विधानसभा से पारित विधेयकों पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा. अदालत ने यह बात तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए कही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल जानबूझकर विधेयकों को मंजूरी देने में देरी कर रहे हैं. इसके जवाब में राष्ट्रपति भवन की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट से यह राय मांगी गई थी कि क्या अदालत को राष्ट्रपति या राज्यपाल को इस तरह का आदेश देने का अधिकार है.
कलैग्नार यूनिवर्सिटी विधेयक पर फिर विवाद
इस बीच ताजा विवाद एक नए विधेयक को लेकर खड़ा हो गया है यह है कलैग्नार शताब्दी विश्वविद्यालय विधेयक. इस बिल को अप्रैल में तमिलनाडु विधानसभा से मंजूरी मिल गई थी. प्रस्ताव के अनुसार राज्य में एक नई यूनिवर्सिटी बनाई जानी है, जिसका नाम पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि के नाम पर रखा जाएगा. खास बात यह है कि इस विश्वविद्यालय का चांसलर मुख्यमंत्री होंगे, न कि राज्यपाल. जो अभी तक सभी राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर होते हैं.
अब इस विधेयक को राज्यपाल आर. एन. रवि ने मंजूरी नहीं दी, बल्कि इसे राष्ट्रपति के पास ‘रिजर्व’ कर दिया है. राजभवन सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. इससे DMK भड़क गई है और इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया जा रहा है.
DMK बोली- ‘राज्यपाल कर रहे हैं अदालत की अवमानना’
DMK का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि राज्यपाल को एक महीने के भीतर बिल पर निर्णय लेना चाहिए. अगर कोई बिल राष्ट्रपति को राय के लिए भेजा जाता है तो भी अधिकतम तीन महीने के भीतर फैसला लिया जाना जरूरी है. राज्यसभा सांसद और तमिलनाडु सरकार के वकील पी. विल्सन ने कहा, “राज्यपाल की जिम्मेदारी है कि वे मंत्रिपरिषद और विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी दें.”
क्या अब फिर अदालत जाएगी स्टालिन सरकार?
अब सवाल ये है कि क्या राज्यपाल या राष्ट्रपति की ओर से अगले कुछ दिनों में कोई फैसला लिया जाएगा? अगर नहीं तो डीएमके सरकार फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है. चूंकि राष्ट्रपति की ओर से राय मांगने का मामला पहले से ही अदालत में लंबित है, सलिए ये टकराव अब संवैधानिक बहस का रूप लेता जा रहा है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...
और पढ़ें
First Published :
August 07, 2025, 17:41 IST