देश के असली हीरो अब NCERT के सिलेबस में, वीरता की कहानी अब क्लास में पढ़ेंगे

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Last Updated:August 07, 2025, 20:27 IST

REAL HERO IN NCERT SYLLABUS: देश की आवाम सेना के साथ जुड़ सके इसके लिए पीएम ने एक सुझाव दिया था. सेना से संबधित कार्यक्रम को दिल्ला की चार दीवारी से बाहर आयोजित किया जाए. तब से लेकर अब तक आर्मी डे, नेवी डे और ए...और पढ़ें

देश के असली हीरो अब NCERT के सिलेबस में, वीरता की कहानी अब क्लास में पढ़ेंगेदेश के हीरो की कहानी NCRT स्लेबस में शामिल

REAL HERO IN NCERT SYLLABUS: देश के बच्चों को अब असली हीरो की कहानियां उनके सिलेबस की किताबों में मिलेंगी. इस साल NCERT के सिलेबस में सेना के तीन बड़े नामों की कहानियों को शामिल किया गया है. कक्षा 8 (उर्दू) के सिलेबस में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, कक्षा 7 (उर्दू) में महावीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान और कक्षा 8 (अंग्रेजी) में परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा के जीवन और बलिदान पर अध्याय जोड़े गए हैं. इसका मकसद छात्रों को साहस और कर्तव्य की प्रेरणा देना है. भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को उनकी असाधारण नेतृत्व और रणनीतिक कौशल के लिए आज भी याद किया जाता है. इसी तरह महावीर चक्र और परमवीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान और मेजर सोमनाथ शर्मा ने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी और सर्वोच्च बलिदान के प्रतीक बने हुए हैं. नेशनल वॉर मेमोरियल (NWM) को एक प्रमुख राष्ट्रीय स्थल के तौर पर स्थापित करने के प्रयासों के तहत रक्षा मंत्रालय ने NWM और संबंधित रेफरेंस को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए शिक्षा मंत्रालय और NCERT के साथ साझेदारी की है.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के परमवीर नाम
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए साल 2018 में द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराक्रम दिवस पर 23 जनवरी 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों को नए नाम दिए थे. इन द्वीपों का नाम देश की सेना के 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा गया है. इन द्वीपों के नाम मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और मानद कैप्टन (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, एम.एम., सेकंड लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जी.एस. सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, सीक्यूएमएच. अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (मानद कप्तान) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव के नाम पर रखा गया है.

सेना को सच्ची श्रद्धांजलि
लंबे समय से लटक रहे नेशनल वॉर मेमोरियल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को देश को समर्पित किया था. दिल्ली के इंडिया गेट के सेंट्रल विस्टा ‘सी’ हेक्सागन में स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना सभी नागरिकों में देशभक्ति, उच्च नैतिक मूल्यों, त्याग, राष्ट्रीय भावना और अपनेपन की भावना जगाने के लिए की गई थी. साथ ही यह राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे वीर सैनिकों को एक सच्ची श्रद्धांजलि भी है. नेशनल वॉर मेमोरियल में आज़ादी के बाद से अब तक तीनों सेना के शहीद हुए सैनिकों के नाम लिखे हैं. 176 करोड़ की लागत से बने इस मेमोरियल को लोग देखने और शहीदों को नमन करने के लिए रोज आते हैं.

First Published :

August 07, 2025, 20:27 IST

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