मेक-इन-इंडिया को मिली रूस की ताकत, अब भारत में बनेंगे रूसी हथियारों के स्पेयर पार्ट्स

1 hour ago

Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद शुक्रवार रात को मॉस्को के लिए वापस रवाना हो गए हैं. इस यात्रा के दौरान पुतिन ने 23 वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था. जिसके तहत भारत और रूस में असैन्य परमाणु और अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते किए गए हैं. 

100 गीगावाट परमाणु क्षमता

भारत-रूस के बीच ईंधन चक्र, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र यानि कि केकेएनपीपी को लेकर समझौता हुआ. इसके अलावा गैर-ऊर्जा अनुप्रयोगों के संचालन के लिए जीवन चक्र समर्थन सहित परमाणु ऊर्जा सेक्टर में सहयोग को बढ़ाने के अपने इरादे की पुष्टि भी की है. इसके लिए दोनों पक्षों ने भारत सरकार की 2047 तक भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता को 100 गीगावाट तक बढ़ाने की योजना को ध्यान रखा. जिसके तहत रणनीतिक साझेदारी के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग के महत्व पर भी ध्यान दिया है.

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केकेएनपीपी

भारत-रूस ने शेष परमाणु ऊर्जा संयंत्र इकाइयों के निर्माण के साथ-साथ केकेएनपीपी के कार्यान्वयन में हुई प्रगति का स्वागत किया है. इतना ही नहीं उपकरणों और ईंधन की आपूर्ति के लिए दोनों पक्षों ने समय-सीमा का पालन करने पर सहमति भी जताई है. वहीं परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए भारत में दूसरी जगह पर होने वाली अगली चर्चा के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया. भारतीय पक्ष की तरफ से पहले हस्ताक्षरित समझौतों के तहत दूसरी जगह के औपचारिक आवंटन को अंतिम रूप देने का प्रयास करेगा. 

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मेक-इन-इंडिया

मेक-इन-इंडिया अभियान के तहत अब रूसी हथियारों स्पेयर पार्ट्स भारत में बनाए जाएंगे, इतना ही नहीं भारत की तरफ से रूसी हथियारों के स्पेयर पार्ट्स सहयोगी देशों को भी सप्लाई किए जाएंगे. भारत और रूस ने रक्षा के क्षेत्र में भी साझेदारी और मजबूत बनाने के फैसला लिया है. इसके साथ-साथ भारत और रूस मानव अंतरिक्ष मिशन के अलावा ग्रहों की खोज और रॉकेट तकनीक के लिए भी मिलकर काम करने का मन बना चुके हैं.

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