Last Updated:September 07, 2025, 16:36 IST
Voter Fraud Bihar : बिहार के मुजफ्फरपुर में मतदाता सूची में चौंकाने वाली गड़बड़ी सामने आई है. सकरा विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुर गांव में ऐसे हिंदू घरों में मुस्लिम मतदाताओं के नाम दर्ज किए गए हैं, जहां मुस्लिम प...और पढ़ें

मुजफ्फरपुर/प्रियांक सौरभ. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की मतदाता सूची के प्रारूप में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है, जिसके बाद अब इलाके में सवाल उठने लगा है कि क्या अब वोटर लिस्ट में घुसपैठ आ गए हैं? दरअसल, मुजफ्फरपुर के सकरा विधानसभा क्षेत्र के कटेसर पंचायत के मोहनपुर में कई हिंदू परिवारों के घरों में मुस्लिम मतदाताओं के नाम जोड़ दिए गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में मुस्लिम परिवार रहते ही नहीं, फिर भी उनके घर के पते पर मुस्लिम नाम चढ़ा दिए गए. इसको लेकर गांव में अफवाह, डर और नाराजगी फैल गई है. लोग इसे सिर्फ तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि बड़ी राजनीतिक साजिश बता रहे हैं. वहीं प्रशासन ने जांच का भरोसा दिया है. लेकिन, सवाल यह है कि आखिर मतदाता सूची में इतनी भारी गड़बड़ी कैसे हो गई?
जिन घरों में नहीं रहते मुस्लिम, वहां दर्ज हुए नाम
बता दें कि कटेसर पंचायत के मोहनपुर वार्ड 6 में भूमिहार जाति के लोगों के घर हैं, लेकिन भूमिहार परिवारों में कई मुस्लिम नाम दर्ज हैं.ज्यादातर ऐसे घरों में मुस्लिम नाम जोड़े गये है जहां कई वर्षों से कोई रहते ही नहीं या फिर घर में सदस्य कम हों. मकान संख्या 36, 37 और 38- यहां 15 मुस्लिम मतदाताओं के नाम दर्ज हैं, जबकि स्थानीय लोग कहते हैं कि वहां कोई मुस्लिम परिवार रहते ही नहीं. जानकारी के अनुसार, मोहनपुर वार्ड 6 के रहने वाले मेथुर ठाकुर के मकान संख्या 34 में कई मुस्लिम अब्दुल रशीद, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद आशिक़ के नाम दर्ज हैं. परिवार के लोग बताते है कि आसपास में कहीं मुस्लिम नहीं हैं, बस वोटर लिस्ट में हर घर में नाम जोड़े गए हैं.
हिंदू गांव और परिवारों में मुस्लिमों के नाम आने के मामले पर प्रशासन ने जांच का दिया भरोसा, BLO सवालों से बचती नजर आईं.
ग्रामीण बोले– ये तकनीकी नहीं, बल्कि साजिश है.
100 से अधिक संदिग्ध नाम, गांव में बढ़ी बेचैनी
वहीं, इसी गांव के बुजुर्ग कामेश्वर ठाकुर के घर में भी मुस्लिम नाम दर्ज है. कामेश्वर ठाकुर बताते है कि उनके मकान संख्या 30 में 6 सदस्य हैं, लेकिन अब एक नया नाम रौशन खातून जुड़ गया है, जबकि गांव में कोई मुस्लिम नहीं है. इतना ही नही कामेश्वर ठाकुर के भाई उमेश ठाकुर जो अब यहां नहीं रहते, लेकिन उनके मकान संख्या 50 में 11 मुस्लिमों के नाम दर्ज हैं. इसको लेकर ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं. गांव में लगभग 20 से 25 परिवारों में 100 से अधिक मुस्लिमों का नाम जोड़े गए हैं.
ग्रामीण बोले– ये प्रशासनिक भूल नहीं, साजिश है
इसी गांव के पवन कुमार ठाकुर बताते हैं कि उनके परिवार में उनके अलावा कोई नहीं रहता, बावजूद इसके 8 मुस्लिमों के नाम दर्ज हैं. पवन ठाकुर का मकान संख्या 54 है और वो घर में अकेले हैं, लेकिन अब उनके मकान में 8 मुस्लिम नाम जोड़े हुए हैं. आखिर ये कैसे हुआ किसी को पता नहीं. मतदाता सूची में हिंदू परिवारों के बीच मुस्लिमों नाम जुड़ने की गड़बड़ी ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. क्या यह महज प्रशासनिक लापरवाही है या फिर चुनावी गणित साधने की कोई गहरी चाल?
स्थानीय BLO और प्रशासन पर उठे सवाल
जांच रिपोर्ट आने तक यह रहस्य बना रहेगा, लेकिन गांव में माहौल तनावपूर्ण और बेचैनी भरा है. वहीं, इसको लेकर जब स्थानीय BLO रेणु कुमारी से बात करने की कोशिश की तो वो मीडिया के सामने आने से बचती दिखीं. फिलहाल प्रशासनिक स्तर ओर मामला पहुंचा है और वरीय पदाधिकारी इसकी जांच में जुटे हुए हैं.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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Location :
Muzaffarpur,Bihar
First Published :
September 07, 2025, 16:36 IST