Last Updated:September 07, 2025, 23:23 IST
CM Rekha Gupta Meeting with Husband Controversy: सीएम रेखा गुप्ता की मीटिंग में पति मनीष गुप्ता की मौजूदगी पर AAP ने परिवारवाद और संविधान उल्लंघन का आरोप लगाया, सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने से दिल्ली की र...और पढ़ें

दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार को बने छह महीने का वक्त बीच चुका है. इसी बीच रविवार को कुछ ऐसा देखने को मिला, जिससे राजधानी की राजनीति गरमा गई है. दरअसल, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की आधिकारिक मीटिंग की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिनमें वह अधिकारियों के साथ बैठी नजर आ रही थीं. खासबात यह है कि सीएम के साथ मीटिंग टेबल पर उनके पति मनीष गुप्ता भी दिखे. विपक्षी आम आदमी पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है. सौरव भारद्वाज ने मीटिंग की फोटो एक्स पर शेयर करते हुए इसे मशहूर वेब सीरीज पंचायत की “फुलेरा पंचायत” करार दिया.
‘दिल्ली सरकार फुलेरा पंचायत’
आप नेताओं का कहना है कि जैसे पंचायत में महिला प्रधान के स्थान पर उनका पति फैसले लेते दिखाया गया था, वैसे ही अब दिल्ली में हो रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सरकारी बैठकों में मुख्यमंत्री के पति की क्या भूमिका है? न तो उनका कोई संवैधानिक पद है और न ही कोई प्रशासनिक जिम्मेदारी, फिर भी उनकी मौजूदगी को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. AAP ने तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी परिवारवाद पर कांग्रेस को पानी पी-पीकर कोसती है, लेकिन अब खुद राजधानी में परिवारवाद का सबसे बड़ा उदाहरण पेश कर रही है. अगर मुख्यमंत्री को प्रशासनिक फैसले लेने में पति की ही मदद चाहिए, तो क्या पार्टी में कोई योग्य कार्यकर्ता नहीं बचा जिस पर भरोसा किया जा सके?”
दिल्ली सरकार बनी फुलेरा पंचायत
जैसे फुलेरा की पंचायत में महिला प्रधान के पति प्रधान की तरह काम करते थे , आज दिल्ली में CM के पति आधिकारिक मीटिंग में बैठ रहे हैं ।
हमने पहले भी बताया था कि CM आले पति आधिकारिक मीटिंग में बैठते हैं , अधिकारियों के साथ मीटिंग और इंस्पेक्शन करते… pic.twitter.com/40D3kz5OXU
‘सीएम साबित कर रही पति की अथॉरिटी’
विपक्ष का आरोप है कि यह संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन है. प्रशासनिक बैठकों में किसी निजी व्यक्ति की मौजूदगी संवैधानिक रूप से गलत है और इससे सरकारी मशीनरी पर परिवारवाद का असर दिखता है. आप नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री अपने पति की “अथॉरिटी” स्थापित करना चाहती हैं, जो कि लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है. तस्वीरों पर बवाल इसलिए भी बढ़ा क्योंकि ये सिर्फ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निजी अकाउंट पर ही नहीं बल्कि सीएमओ के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर भी पोस्ट की गईं. यानी इसे सरकारी प्रोटोकॉल की तरह दिखाने की कोशिश हुई.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
September 07, 2025, 23:18 IST