महामारी से निकला आइडिया बना करोड़ों का बिजनेस! आज 1 करोड़ से ज्‍यादा ग्राहक

8 hours ago

Last Updated:July 05, 2025, 06:59 IST

Success Story : कामयाबी मिलना एक दिन में नहीं मिलती, लेकिन एक दिन जरूर मिलती है. कुछ इसी फसलफे पर नितिन वर्मा ने भी काम किया और आज उनके पास 1 करोड़ ग्राहक आधार वाली कंपनी है, जिसमें 2 हजार से ज्यादा लोग काम करत...और पढ़ें

महामारी से निकला आइडिया बना करोड़ों का बिजनेस! आज 1 करोड़ से ज्‍यादा ग्राहक

इन्‍स्‍टाएस्‍ट्रो के फाउंडर नितिन वर्मा ने महामारी में एक सफल कंपनी बनाई.

हाइलाइट्स

नितिन वर्मा ने महामारी में InstaAstro की शुरुआत की.InstaAstro के पास 1 करोड़ ग्राहक और 2200 एस्ट्रोलॉजर हैं.कंपनी सालाना 180% की दर से ग्रोथ कर रही है.

नई दिल्‍ली. कहते हैं सफलता के लिए सिर्फ कड़ी मेहनत नहीं, सही दिशा में की गई मेहनत भी उतना ही मायने रखती है. अगर आपके पास एक सही आइडिया और उस पर अमल करने के लिए पर्याप्‍त साहस व धैर्य है तो सफलता भी निश्चित रूप से मिलती ही है. ऐसा ही कुछ इंस्‍टाएस्‍ट्रो (InstaAstro) के फाउंडर नितिन वर्मा के साथ भी हुआ. कोरोना महामारी में जब पूरी दुनिया के हाथ से रोजगार और कारोबार छिना जा रहा था तो नितिन के दिमाग में कुछ ऐसा विचार आना शुरू हुआ, जिसने न सिर्फ 2 हजार से ज्‍यादा लोगों को रोजगार दिया, बल्कि करोड़ों का सफल बिजनेस भी खड़ा कर दिया.

कानपुर आईआईटी से साल 2002 बैच के बीटेक ग्रेजुएट नितिन वर्मा ने वैसे तो पहले भी 2 बार स्‍टार्टअप बनाया और खुद का बिजनेस किया. लेकिन, उन्‍हें नाम और कामयाबी कोराना महामारी के दौरान शुरू किए गए एस्‍ट्रोलॉजी स्‍टार्टअप इंस्‍टाएस्‍ट्रो ने दिलाया. आज इस कंपनी के पास 1 करोड़ से ज्‍यादा कस्‍टमर और 2 हजार से ज्‍यादा प्रोफेशनल एस्‍ट्रोलॉजर हैं. कंपनी की शुरुआत अप्रैल, 2021 में हुई थी और महज चार साल के भीतर मिली यह कामयाबी नितिन वर्मा के डेडिकेशन के साथ अपने कस्‍टमर के भरोसे पर खरे उतरने की कहानी भी खुद ही कहती है.

बिजनेस करने का पुराना अनुभव
नितिन वर्मा बताते हैं कि उन्‍होंने 2002 में ग्रेजुएट होने के बाद करीब 3 साल ही जॉब किया और अपना पहला स्‍टार्टअप 2005 में ही लॉन्‍च कर दिया था. उनका लक्ष्‍य इन्‍फोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति की तरह एक सफल बिजनेसमैन बनना था. बकौल नितिन उनके विजन में बस इतना फर्क था कि जो काम नारायणमूर्ति कंप्‍यूटर और लैपटॉप के लिए करते थे, वही काम मोबाइल तक लाना था. यही वजह रही कि उनका ज्‍यादा फोकस हमेशा से ऐप्‍स पर रहा.

दिग्‍गज कंपनियों को दी सर्विस
नितिन की आईटी सॉल्‍यूशंस कंपनी केल्‍टेनटाइन ने देश के तमाम दिग्‍गज ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म को अपनी सर्विसेज दी हैं. इस लिस्‍ट में फ्लिपकार्ट, जेबॉग, मेकमाईट्रिप, पॉलिसीबाजार और स्‍नैपडील जैसी कंपनियां शामिल हैं, जिन्‍हें सॉफ्टवेयर बैकअप और प्‍लेटफॉर्म नितिन ने ही दिया था. इसके बाद दूसरा स्‍टार्टअप बनाया एडुरेगा जिसमें डिस्‍टेंस लर्निंग प्‍लेटफॉर्म के जरिये ऑनलाइन एजुकेशन कोर्सेस और लाइव क्‍लासेस देती थी. यह प्‍लेटफॉर्म सिर्फ टेक कोर्सेस उपलब्‍ध कराता था.

कैसे आया इंस्‍टाएस्‍ट्रो का आइडिया
नितिन बताते हैं कि मौजूदा कंपनी के आइडिया के पीछे की कहानी बड़ी रोचक है. यह बात कंपनी शुरू होने से करीब 10 साल पहले की है. तब हमारी ऐप बनाने वाली कंपनी के पास ज्‍यादा काम नहीं था और ज्‍यादा फंडिंग भी नहीं थी. हालत ये थी कि सैलरी देने के भी पैसे नहीं थे. तब उनकी मुलाकात एक ज्‍योतिषी से हुई और उन्‍होंने बताया कि भविष्‍य में काफी पैसे कमाएंगे. तब ये लगा कि मेरी तो मौजूदा कंपनी भी बंद होने वाली है, लेकिन उनकी बातों से पुशबैक मिला और दोगुने जोश से काम शुरू किया. इसका फायदा मिला और मेरी ऐप बनाने वाली कंपनी फिर से मुनाफे में आ गई.

आपदा में तलाशा अवसर
नितिन वर्मा के अनुसार, ऐप बनाने वाली कंपनी का काम चल पड़ा तो पैसे भी आए और तभी 2020 में कोरोना महामारी ने दस्‍तक दी. लोग घरों में कैद हो गए तो मानसिक रूप काफी दबाव भी बढ़ने लगा. तब एस्‍ट्रोलॉजी से जुड़ा कुछ काम करने का आइडिया आया, क्‍योंकि जब मैं परेशान था तो इसी चीज ने मुझे आगे बढ़ने का रास्‍ता दिखाया. बस इसी बात पर भरोसा करके हमने इंस्‍टाएस्‍ट्रो (InstaAstro) की नींव रखी, जो काफी सफल रहा और आज अच्‍छा-खासा बिजनेस तैयार हो चुका है.

क्‍या है इस बिजनेस की यूएसपी
नितिन वर्मा ने बताया कि वैसे तो एस्‍ट्रो के फील्‍ड में दर्जनों ऐप काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी कंपनी आज सबसे तेजी से बढ़ता प्‍लेटफॉर्म बन चुकी है. महज 4 साल में हमने 1 करोड़ से ज्‍यादा ग्राहक बना लिए जो पूरी तरह भरोसे पर निर्भर करते हैं. इस प्‍लेटफॉर्म पर आज 2,200 से ज्‍यादा एस्‍ट्रोलॉजर काम करते हैं. हमारा पूरा जोर क्‍वालिटी पर है. अगर कोई भी दिक्‍कत आती है तो ऊपर से नीचे तक सारी टीम मिलकर उस परेशानी को दूर करने काम करती है. यही वजह है कि हम एक भरोसेमंद ब्रांड बन चुके हैं. नितिन का दावा है कि उनकी कंपनी सालाना 180 फीसदी की रेट से ग्रोथ कर रही है. फिलहाल यह कंपनी भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया, यूके और एशियाई देशों में काम कर रही है. उनकी कंपनी रोजाना करीब 1 से 2 लाख मिनट की कंसल्‍टेंट अपने यूजर्स को देती है.

एआई नहीं छीन सकता रोजगार
इस प्‍लेटफॉर्म पर कोई भी ग्राहक ऐप के जरिये एस्‍ट्रोलॉजर से संपर्क करता है और बिना उसके बारे में जाने अपनी समस्‍याओं का हल पाता है. इससे पूरी बातचीत में पारदर्शिता भी रहती है और सिर्फ क्‍वालिटी के आधार भरोसा बनता है. नितिन यह भी दावा करते हैं कि इस फील्‍ड में काम करने वालों का रोजगार पूरी तरह सुरक्षित है, क्‍योंकि इसे एआई नहीं छीन सकता है. ग्राहक जब ज्‍योतिषी से बात करते हैं तो उनमें मानवीय संवेदनाओं का संचार होता है, जो इस फील्‍ड की पहली प्राथमिकता है. रीयल लाइफ सिचुएशन को एआई नहीं जान सकता और यही वजह है कि भविष्‍य में यहां एआई का ज्‍यादा असर नहीं पड़ेगा.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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