RTI का जवाब इतने पन्नों में आया कि पढ़ने में कई साल लगेंगे!

5 hours ago

Last Updated:July 05, 2025, 13:15 IST

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज को 80 हजार रुपये चुकाने पर भी अधूरी जानकारी मिली. 40 हजार पन्नों में जवाब मिला, लेकिन 15 पॉइंट छूट गए. अब उन्होंने स्टेट कमीशन में अपील की है.

RTI का जवाब इतने पन्नों में आया कि पढ़ने में कई साल लगेंगे!

आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज को 80 हजार रुपये देने के बावजूद पूरी जानकारी नही मिलीं.

हाइलाइट्स

आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज को 80 हजार रुपये चुकाने पड़े.40 हजार पन्नों में जवाब मिला, लेकिन 15 पॉइंट छूट गए.पंकज ने स्टेट कमीशन में अपील की है.

कुरुक्षेत्र. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हैरान करने वाला मामला आया है. आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज को सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना का जवाब 80 हजार रुपये चुकाने पर मिला है. हालांकि, अब भी जवाब अधूरा है. 40 हजार पन्नों में सरकारी विभाग ने जवाब दिया है.

दरअसल. आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज को 80 हजार रुपये देने के बावजूद पूरी जानकारी नही मिलीं तो वह स्टेट कमीशन के पास पहुंच गए हैं. साढ़े छह माह पहले उन्होंने आरटीआई डाली थी. लेकिन अब जवाब तो मिला है. लेकिन उसमें 15 पॉइंट छूट गए हैं. जनस्वास्थ्य विभाग से जुड़ा यह मामला है ऐसे में पूरे मामले ने विभाग के पसीने छुड़ा दिए हैं.

आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज ने 30 जनवरी  2025 को कार्यकारी अभियंता जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग कुरुक्षेत्र में  नियमानुसार आरटीआई लगाई थी.

जानकारी मांगी थी कि विभाग की तरफ से विभिन्न टेंडर की प्रक्रिया में क्या नियमों के विपरीत काम हो रहा है. मसलन जनवरी 2023 से 2025 तक विभाग में कितने कामों के टेंडर लगे, कितने ठेकेदारों को लाइसेंस जारी हुए, कितने पक्के कर्मचारी,  कितने कच्चे,  कितने ठेके पर लगे हैं और इस दौरान कितना राजस्व आया. साथ ही पूछा कि मुख्य ऑफिस, जिला स्तर,  सब डिविजन पर कितने रुपये के काम हुए और कितना खर्च हुआ. इस दौरान पूछा गया था कि कितने ठेकेदारों ने जीएसटी भरी आदि करीब 15 पॉइंट जानकारी मांगी. हालांकि, विभाग ने पैसे लेने के बाद भी सूचना उपलब्ध नहीं करवाई. जिस पर उसने राज्यपाल, मुख्यमंत्री,  मुख्य सचिव,  इंजीनियर इन चीफ व अन्य आला अधिकारियों से शिकायत की तो डीसी कुरुक्षेत्र ने आदेश दिए. तब विभाग ने करीब 108 किलो 200 ग्राम वजनी पेपर भेजे गए, जिसमें करीब 40 हजार पन्नों में जवाब है.

आधे पन्ने गैर जरूरी रिकॉर्ड के थमा दिए

पंकज का आरोप है कि आधी सूचना दी ही नहीं है और आधे पन्ने गैर जरूरी रिकॉर्ड के थमा दिए. बाकी सूचना के जवाब  गोल गोल घुमा दिए. अब उन्होंने मुख्य सुचना आयुक्त के दरबार में शरण ली है. उनकी  अपील स्वीकार कर ली  है. यही नही, कार्यकारी अभियंता के पास जो फ़ीस जमा करवाई थी, उसे अभी तक विभाग के खाते में जमा नहीं करवाया, जिसकी पुष्टि बैंक ने की है. गौरतलब है कि डिमांड ड्राफ्ट और बैंक चेक की मियाद 3 माह की होती. इसके बाद उसकी मियाद ख़त्म हो जाती.

Vinod Kumar Katwal

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...और पढ़ें

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...

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Location :

Kurukshetra,Haryana

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