कितने फीसद भारतीयों को लोकतंत्र पर भरोसा? चीन-पाकिस्तान के लिए तो सपने जैसा

3 hours ago

Last Updated:July 05, 2025, 17:39 IST

Indian Democracy Pew Survey: सर्वेक्षण में शामिल 23 देशों में से 58% वयस्क लोकतंत्र से असंतुष्ट थे. प्यू का कहना है कि बहुत से लोग राजनीतिक अभिजात वर्ग से निराश हैं या उन्हें लगता है कि सरकार में उनके विचारों क...और पढ़ें

कितने फीसद भारतीयों को लोकतंत्र पर भरोसा? चीन-पाकिस्तान के लिए तो सपने जैसा

भारतीयों का भरोसा लोकतंत्र में बढ़ा है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: इस सप्ताह की शुरुआत में जारी की गई प्यू रिसर्च सेंटर की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत लोकतंत्र के साथ संतुष्टि के उच्चतम स्तर वाले देशों में से एक है, जिसमें 74 प्रतिशत भारतीय इसे स्वीकार करते हैं, जबकि जापान में सबसे कम संतुष्टि स्तर केवल 24 प्रतिशत दर्ज किया गया है. 23 देशों में 2025 के वसंत में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि ग्रीस में 81 प्रतिशत, जापान में 76 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में 71 प्रतिशत लोगों में लोकतंत्र के साथ असंतोष का उच्चतम स्तर दर्ज किया गया. भारत के लिए यह आंकड़े निश्चित तौर पर उनके पड़ोसी देशों के लिए सपने जैसा है क्योंकि एक तरफ पाकिस्तान में इस्लामिक कानून और सैन्य तानाशाही है, तो चीन में जिनपिंग की कम्युनिस्ट सरकार है.

भारत के अलावा, जहां केवल 23 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे लोकतंत्र से असंतुष्ट हैं, स्वीडन में असंतोष का निम्न स्तर 25 प्रतिशत दर्ज किया गया, जिसके बाद इंडोनेशिया में 33 प्रतिशत असंतोष दर्ज किया गया. हालांकि, प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा 2017 से लगातार सर्वेक्षण किये गए 12 उच्च आय वाले देशों में लोकतंत्र के प्रति जनता का असंतोष, संतुष्टि से अधिक है.

प्यू सर्वे के अनुसार, 12 देशों (कनाडा, फ्रांस, इटली, जर्मनी, ग्रीस, जापान, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, यूके और अमेरिका) में सर्वेक्षण किये गये वयस्कों में से 64 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने लोकतंत्र के कामकाज के तरीके से असंतुष्ट हैं, जबकि 35 प्रतिशत ने कहा कि वे संतुष्ट हैं. कुल मिलाकर, सर्वेक्षण किये गए 23 देशों में, औसतन 58 प्रतिशत वयस्क अपने लोकतंत्र के काम करने के तरीके से असंतुष्ट थे.

प्यू ने कहा कि सर्वेक्षण के आठ वर्षों में, लोकतंत्र के कामकाज के साथ लोगों की समग्र संतुष्टि में गिरावट आई है. 2017 में, इन देशों में 49 प्रतिशत वयस्क अपने लोकतंत्र के कामकाज से संतुष्ट थे, जबकि 49 प्रतिशत लोग इससे संतुष्ट नहीं थे. सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है, “कोविड-19 महामारी के दौरान संतुष्टि इस स्तर पर लौट आई, लेकिन उसके बाद के वर्षों में इसमें और गिरावट आई है.”

इसमें आगे कहा गया है, “इसका यह मतलब नहीं है कि लोग लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर हो रहे हैं. हमारे शोध से पता चला है कि दुनिया भर के लोग सोचते हैं कि प्रतिनिधि लोकतंत्र सरकार की एक अच्छी प्रणाली है. साथ ही, कई लोग राजनीतिक अभिजात वर्ग से निराश हैं या उन्हें लगता है कि सरकार में उनके विचारों का सही प्रतिनिधित्व नहीं किया जाता है,”

लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि निर्धारित करने में आर्थिक धारणा एक महत्वपूर्ण कारक थी. भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड और स्वीडन जैसे देश लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था दोनों से संतुष्ट हैं. इसके विपरीत, फ्रांस, ग्रीस, इटली, जापान और दक्षिण कोरिया ने दोनों से असंतोष व्यक्त किया. रिपोर्ट में लोकतंत्र और चुनावों के प्रति संतुष्टि के बीच संबंध पर भी प्रकाश डाला गया है.

2024 के बाद से, पांच देशों (कनाडा, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, यूके और अमेरिका) में लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि बढ़ी है, जिनमें से सभी ने, कनाडा को छोड़कर, इस अवधि के दौरान आम या राष्ट्रपति चुनाव देखे हैं. 2025 के सर्वेक्षण के फील्डवर्क के पूरा होने के बाद कनाडा में मतदान हुआ. यहां, 10 में से छह लोगों या सर्वेक्षण में शामिल 60 प्रतिशत वयस्कों ने संतुष्टि व्यक्त की. सर्वेक्षण के कुछ सप्ताह बाद, कनाडा की लिबरल पार्टी ने राष्ट्रीय चुनावों में लगातार चौथी जीत हासिल की.

2025 के सर्वेक्षण के फील्डवर्क के पूरा होने के बाद ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड और दक्षिण कोरिया में भी राष्ट्रीय चुनाव हुए. इनमें पोलैंड और दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल हैं, जहां 2024 और 2025 के बीच लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि में गिरावट आई है. पोलैंड में असंतोष 54 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में 74 प्रतिशत था. ऑस्ट्रेलिया में, जहाँ लेबर पार्टी सत्ता में लौटी, सर्वेक्षण में शामिल 10 में से छह वयस्क संतुष्ट थे.

अमिताभ सिन्हाएक्जूक्यूटिव एडिटर, न्यूज 18 इंडिया.

अमिताभ सिन्हा News18 India के एक्जिक्यूटिव एडिटर हैं. प्रिंट और टीवी पत्रकारिता का लंबा अनुभव है. पटना 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से करियर की शुरुआत की और 'आज तक' में तकरीबन 14 साल तक रिपोर्टिंग की. 2015 से नेटवर्क 18 ...और पढ़ें

अमिताभ सिन्हा News18 India के एक्जिक्यूटिव एडिटर हैं. प्रिंट और टीवी पत्रकारिता का लंबा अनुभव है. पटना 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से करियर की शुरुआत की और 'आज तक' में तकरीबन 14 साल तक रिपोर्टिंग की. 2015 से नेटवर्क 18 ...

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