कांग्रेस ने अपने ही नेता और सहकारिता जननायक त्रिभुवन दास को भूला- अमित शाह

2 hours ago

Last Updated:July 05, 2025, 14:42 IST

Amit Shah News: अमित शाह ने गुजरात में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी और कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने त्रिभुवनदास पटेल के योगदान को सराहा और सहकारिता आंदोलन को नई दिशा देने की बात कही.

कांग्रेस ने अपने ही नेता और सहकारिता जननायक त्रिभुवन दास को भूला- अमित शाह

अमित शाह ने आणंद में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी.

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के आणंद में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखने के अवसर पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने ही नेता और सहकारिता आंदोलन के जननायक त्रिभुवनदास किशीभाई पटेल को भुला दिया, जिन्होंने अमूल की नींव रखकर भारत के सहकारिता आंदोलन को नई दिशा दी. शाह ने लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि इस यूनिवर्सिटी का नाम त्रिभुवनदास पटेल के सम्मान में रखा गया है, जो कांग्रेस के ही नेता थे.

अमित शाह ने कहा कि त्रिभुवनदास पटेल ने सरदार पटेल के सान्निध्य में अमूल की स्थापना कर किसानों के सशक्तिकरण की नींव रखी. उन्होंने वर्गीज कुरियन को डेयरी साइंस की पढ़ाई के लिए नीदरलैंड भेजा, जिसके परिणामस्वरूप भारत आज दूध उत्पादन में विश्व में अग्रणी है. शाह ने कुरियन के योगदान को भी सराहा, लेकिन जोर दिया कि त्रिभुवनदास का विजन ही था जिसने सहकारिता को जन-जन तक पहुंचाया. उन्होंने बताया कि जब त्रिभुवनदास अमूल से रिटायर हुए, तो उन्हें मिले छह लाख रुपये उन्होंने फाउंडेशन को दान कर दिए, जो उनके समर्पण का प्रतीक है.

शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष को यह भी नहीं पता कि त्रिभुवनदास उनकी ही पार्टी के नेता थे, और यूनिवर्सिटी का नाम उनके नाम पर रखने का विरोध केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि वे नेहरू-गांधी परिवार से नहीं थे. उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी सहकारिता क्षेत्र की कमियों को दूर करेगी और 40 लाख कर्मियों को प्रशिक्षित कर भाई-भतीजावाद को खत्म करेगी.

2021 में बना था सहकारिता मंत्रालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद पिछले चार वर्षों में 60 नए पहल शुरू किए गए, जिनमें किसानों की आय बढ़ाने, उनकी बचत को सुरक्षित करने और ग्रामीण विकास को गति देने जैसे कदम शामिल हैं. शाह ने बताया कि त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी सहकारी प्रबंधन, वित्त, कानून और ग्रामीण विकास में विशेष शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देगी. यह यूनिवर्सिटी 200 से अधिक सहकारी संस्थाओं को जोड़ेगी और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पीएचडी, डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम प्रदान करेगी.

शाह ने जोर देकर कहा कि यह यूनिवर्सिटी देश के हर चौथे व्यक्ति को प्रभावित करने वाले सहकारिता आंदोलन को नई गति देगी. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने 2 लाख नए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) की स्थापना का ऐलान किया है, जिससे 17 लाख लोग जुड़ेंगे. सीबीएसई ने भी कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम में सहकारिता को शामिल किया है, जो युवाओं को इस क्षेत्र में नई दिशा देगा.

अमित शाह ने अमूल को सहकारिता की सफलता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह 80,000 करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ देश का सबसे मूल्यवान ब्रांड है, जो 36 लाख ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करता है. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कुरियन का शताब्दी वर्ष अमूल और गुजरात सरकार ने मनाया, लेकिन कांग्रेस ने इसे भुला दिया. यह यूनिवर्सिटी त्रिभुवनदास जैसे नेताओं को श्रद्धांजलि है और सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण भारत के विकास को गति देगी.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

और पढ़ें

homenation

कांग्रेस ने अपने ही नेता और सहकारिता जननायक त्रिभुवन दास को भूला- अमित शाह

Read Full Article at Source