Last Updated:July 05, 2025, 13:46 IST

दलाई लामा ने उम्मीद जताई वह अगले 30 से 40 साल तक जीवित रहेंगे.
तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर लंबे जीवन और सेवाभाव को लेकर जो बात कही, उसने दुनियाभर के उनके अनुयायियों के दिलों में नई ऊर्जा भर दी है. धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित त्सुगलाखांग मंदिर में शनिवार को आयोजित विशेष दीर्घायु प्रार्थना समारोह में उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अगले 30 से 40 साल तक जीवित रहेंगे, ताकि वह बौद्ध धर्म और सभी प्राणियों की सेवा कर सकें.
चोगलिंग मठ के सैकड़ों भिक्षु और देश-विदेश से आए हजारों अनुयायियों के बीच उपस्थित होकर दलाई लामा ने कहा, ‘अब तक मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है. मुझे कई भविष्यवाणियों और संकेतों से स्पष्ट है कि अवलोकितेश्वर का आशीर्वाद मेरे साथ है. इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं 30 या 40 साल और जीवित रहूंगा.’
यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल के वर्षों में उनके उत्तराधिकारी को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन इस बयान के जरिए दलाई लामा ने न केवल अपने अनुयायियों को आश्वस्त किया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि वे अभी दीर्घकाल तक सक्रिय रहेंगे.
निर्वासन में भी सेवा का भाव
1959 से भारत के धर्मशाला में निर्वासित जीवन बिता रहे तेनजिन ग्यात्सो को 14वें दलाई लामा के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमने अपना देश खो दिया है और हम निर्वासन में हैं, लेकिन भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में रहकर भी मैंने प्राणियों को लाभ पहुंचाया है. यही मेरी इच्छा है- जब तक संभव हो, लोगों की सेवा करता रहूं.’
उन्होंने वहां मौजूद श्रद्धालुओं से कहा कि उनकी प्रार्थनाएं अब तक असरकारी रही हैं और आगे भी उन्हें इसी प्रकार का सहयोग और आशीर्वाद चाहिए.
उत्तराधिकारी को लेकर भी दिया स्पष्ट संकेत
इससे कुछ दिन पहले, दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी की चयन प्रक्रिया को लेकर स्पष्ट किया था कि यह निर्णय भारत में स्थित गदेन फोडरंग ट्रस्ट के माध्यम से होगा, न कि किसी बाहरी या राजनीतिक शक्ति के हस्तक्षेप से. उन्होंने साफ कहा, ‘इस विषय में किसी अन्य को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है. उत्तराधिकारी की प्रक्रिया प्राचीन परंपरा के अनुरूप ही चलेगी.’
चीन यह दावा करता रहा है कि अगला दलाई लामा ‘बीजिंग की मंजूरी’ से चुना जाएगा. इस पर दलाई लामा ने दो टूक शब्दों में कहा था कि जब किसी धार्मिक प्रक्रिया में ‘स्वर्ण कलश प्रणाली’ का दुरुपयोग होता है, तो वह अपनी आध्यात्मिकता खो देती है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
Dharmsala,Kangra,Himachal Pradesh