महाकुंभ के मुआवजे के लिए ये कैसा खेल? बेटे ने जिंदा पिता को मरा बता दिया

18 hours ago

Last Updated:August 06, 2025, 12:10 IST

फरीदाबाद में बेटे राजेंद्र ने 25 लाख रुपये के मुआवजे के लिए जिंदा पिता लालचंद की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की. पिता ने वीडियो भेजकर जिंदा होने की सूचना दी. पंचायत ने बेटे का बहिष्कार किया.

महाकुंभ के मुआवजे के लिए ये कैसा खेल? बेटे ने जिंदा पिता को मरा बता दिया25 लाख रुपये के मुआवजे की चाहत में अपने जिंदा पिता की श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर दी.

हाइलाइट्स

राजेंद्र ने जिंदा पिता की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की.पिता ने वीडियो भेजकर जिंदा होने की सूचना दी.पंचायत ने बेटे राजेंद्र का बहिष्कार किया.

फरीदाबाद. हरियाणा के फरीदाबाद में बेटे ने 25 लाख रुपये के मुआवजे की चाहत में अपने जिंदा पिता की श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर दी. बड़े-बड़े पोस्टर छपवाकर गांव में लगवाए. ढोल-बाजे के साथ नाचते हुए पूरे गांव में यात्रा निकाली, लेकिन जब जिंदा पिता ने इसका वीडियो देखा तो वह हैरान रह गया. इसके बाद पिता ने पहले अपने जिंदा होने की वीडियो बनाकर सरपंच को भेजी और फिर इसके बाद मंगलवार को खुद गांव में पहुंचा और पंचायत करवाई. बेटे का बहिष्कार कर दिया गया है.

पिता का आरोप है कि बेटा उसे जान से मारना चाहता है, इसलिए वह पिछले 9 महीने से घर से गायब था. अब बेटा कह रहा है- यह पिता को तलाशने का तरीका था. मामला फरीदाबाद के गांव पन्हेड़ा कला का है.
दरअसल, फरीदाबाद के पन्हेड़ा कलां गांव में 3 अगस्त को स्वामी राजेंद्र देव महाराज नाम के व्यक्ति ने अपने 79 साल के जिंदा पिता लालचंद उर्फ लूला की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. इसके गांव में 50 बड़े-बड़े पोस्टर भी लगाए गए, जिसमें श्रद्धांजलि सभा का दिन, समय और स्थान लिखा गया था. गांव के मंदिरों में रोटियां बांटी गईं. ढोल-बाजे के साथ यात्रा निकाली.

इस सभा को लेकर राजेंद्र ने कहा कि उसके पिता 9 महीने पहले घर से साइकिल पर गोवर्धन परिक्रमा के लिए गए थे, लेकिन वह गोवर्धन से बनारस चले गए. बनारस से वह महाकुंभ में चले गए. महाकुंभ में पहुंचने तक पिता से बात हो रही थी, लेकिन महाकुंभ में मची भगदड़ वाले दिन से बातचीत बंद हो गई.

राजेंद्र ने बताया कि इसके बाद महाकुंभ जाकर पिता की तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. उसको लगा कि पिता की भगदड़ में मौत हो गई है. इसके बाद वह महाकुंभ से वापस घर लौट आया. यहां लोगों के कहने पर उसने पिता के लिए श्रद्धांजलि सभा रखी.

25 लाख रुपए पाना चाहता था राजेंद्र

वहीं, गांव के कुछ लोगों का कहना है कि जब राजेंद्र का पिता घर से गायब था तो वह लोगों से कहता था कि महाकुंभ में उसके पिता की मौत हो चुकी है. महाकुंभ के दौरान भगदड़ में कई लोगों की जान गई थी. जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि जिन साधु या लोगों की जान गई है. उनके परिवारों को 25-25 लाख रुपए दिए जाएंगे.

पिता ने श्रद्धांजलि का वीडियो देखा

लालचंद ने कहा कि घर से जाने के बाद उसने अपना नंबर बंद कर दिया था. केवल उनके एक रिश्तेदार के पास उनका नया नंबर था. जब उस रिश्तेदार ने राजेन्द्र द्वारा की गई श्रद्धांजलि सभा का वीडियो देखा तो उसने कॉल कर उसे पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद गांव के सरपंच को फोन कर गांव में आने की सूचना दी. इसके बाद लालचंद अपने कई रिश्तेदारों के साथ गांव में पहुंचा.सरपंच ने जाकर यात्रा रुकवाई: रविवार को राजेंद्र के द्वारा ढोल-बाजे के साथ लालचंद की यात्रा गांव में निकाली जा रही थी.  21 किलो आटे का दीया जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही थी. गांव के मंदिर पर राजेंद्र रोटिया बांट रहा था. इस दौरान राजेंद्र नाचते हुए भी दिखा. इस बीच सरपंच धर्मवीर वे गांव के कुछ लोगों को साथ लेकर मंदिर पर जाकर श्रद्धांजलि सभा को रुकवाया और लालचंद द्वारा जिंदा होने के जारी किए गए वीडियो को दिखाया.

सरपंच ने कहा कि लालचंद अभी जिंदा है, तो उसकी श्रद्धांजलि यात्रा कैसे निकल सकती है. यात्रा को जब सरपंच ने रोक दिया तो राजेंद्र ने कहना शुरू कर दिया कि यह पिता की तलाश करने का उसका तरीका था. राजेंद्र ने कहा कि उसको पता था कि पिता को किसी रिश्तेदार ने उनके पास मौजूद एक करोड़ रुपए हड़पने के लिए किडनैप कर लिया है. इसलिए उसने श्रद्धांजलि सभा रखी, ताकि पिता को छोड़ दिया जाए.

लालचंद ने मंगलवार को गांव के शिव मंदिर पर इस मामले को लेकर पंचायत बुलाई. जिसमें राजेंद्र को भी बुलाया गया. जिसमें फैसला हुआ कि लालचंद को इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस को शिकायत दी जाएगी. पंचायत में राजेंद्र और उसके परिवार का गांव से हुक्का-पानी बंद कर बहिष्कार करने की भी घोषणा की गई. लालचंद ने अब प्रशासन से मांग की है कि उसके बेटे और बहू के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

मारपीट करता था बेटा बूह

पिता ने बताया कि बेटा रोज मारपीट करता था, खाना नहीं देते थे. लालचंद ने बताया कि राजेंद्र उसके साथ रोजाना मारपीट करता था. राजेंद्र की पत्नी उसके ऊपर गलत इल्जाम लगाती थी. घर में उसको खाना नहीं दिया जाता था. नौकरों की तरह काम कराया जाता था. सरपंच धर्मवीर ने बताया कि लालचंद घर से चले जाने के बाद UP के कोसी के पास एक गांव में अपने भाई चंदी के घर पर रह रहा था, लेकिन जब लालचंद ने देखा कि गांव में श्रद्धांजलि सभा निकाली जा रही है तो उसने फोन के माध्यम से उन्हें जिंदा होने की जानकारी दी और वीडियो बनाकर भेजा.

Vinod Kumar Katwal

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...और पढ़ें

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...

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Location :

Faridabad,Faridabad,Haryana

First Published :

August 06, 2025, 12:06 IST

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