Last Updated:May 14, 2025, 17:50 IST
Turkey Boycott: भारत में तुर्की के उत्पादों का बायकॉट शुरू हो गया है. तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत के एहसानों को भुला दिया. फल विक्रेताओं ने तुर्की के सेबों का बायकॉट किया है. आइए इस खबर में जानते हैं ...और पढ़ें

तुर्की ने आम लोगों को निशाना बनाने के लिए पड़ोसी मुल्क को ड्रोन और हथियार सप्लाई किए. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
तुर्की के उत्पादों का भारत में बायकॉट शुरू हुआ.भारत ने तुर्की भूकंप में 'ऑपरेशन दोस्त' से मदद की थी.तुर्की के सेबों का बायकॉट कर रहे भारतीय फल विक्रेता.Boycott Turkey: पहलगाम में नरसंहार करने वाले आतंकियों को उनके ठिकाने पर जाकर धूल चटाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया. उसने इसे अपनी नाक का सवाल बना लिया और भारत के खिलाफ कायराना हरकतें शुरू कर दीं. ड्रोन और मिसाइलों से भारत पर हमला करके उसने साबित कर दिया कि वह सुधरने वाला नहीं है. लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इस नापाक हरकत में पाकिस्तान का साथ देने के लिए उसका एक ऐसा ‘दोस्त’ आगे आया, जिसने भारत के सारे एहसानों को पल भर में भुला दिया. यह ‘दोस्त’ और कोई नहीं तुर्की था.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया. जिस देश ने कभी मुश्किल समय में भारत से मदद ली थी उसी ने आज हमारी सेना और आम लोगों को निशाना बनाने के लिए पड़ोसी मुल्क को ड्रोन और हथियार सप्लाई किए. तुर्की ने दोस्ती की सारी हदें पार कर दीं और साबित कर दिया कि उसके लिए भारत के साथ निभाए गए पुराने रिश्ते कोई मायने नहीं रखते. अब भारत में इस धोखे का जबरदस्त विरोध हो रहा है और हर भारतीय के मन में यही सवाल है कि क्या दोस्ती का यही सिला मिलता है?
तुर्की पर क्या है भारत का एहसान?
फरवरी 2023 में तुर्की में आए बेहद भयंकर और महाविनाशकारी भूकंप में भारत मदद करने वाले पहले देशों में से एक था. इस दौरान भारत की ओर से ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाकर तुर्की के लोगों की मदद की थी. ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भारत ने तुर्की में जाकर न केवल लोगों को बचाया था बल्कि बड़ी तादाद में राहत सामग्री भी भेजी थी. इसके लिए भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान का भी उपयोग किया गया था.
तुर्की से हिसाब-किताब शुरू
वहीं अब तुर्की की एहसान फरामोशी का जवाब देने भारत की जनता खुद सामने आ गई है और खुलकर तुर्की के उत्पादों का बायकॉट कर रही है. न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत करते हुए गाजियाबाद के साहिबाबाद के फल विक्रेताओं ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान का सपोर्ट करने के लिए हमने तुर्की के सेबों का बायकॉट करने का फैसला लिया है.
फल विक्रेताओं ने आगे कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों से हम व्यापार नहीं करेंगे. वहां से अब सेब के साथ किसी अन्य फल का भी आयात नहीं किया जाएगा. अब हमने हिमाचल या फिर किसी अन्य भारतीय राज्य से सेब खरीदने का फैसला किया है.
तुर्की को लगने वाली है जबरदस्त आर्थिक चोट
आमतौर पर भारत में तुर्की से हर साल 1,000 से 1,200 करोड़ रुपए के सेब आयात किए जाते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के कारण मार्बल उद्योग ने भी आयात को बायकॉट करने का फैसला किया है. इससे तुर्की को काफी आर्थिक चोट पहुंच सकती है.
इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी तुर्की बायकॉट ट्रेंड कर रहा है और लोग तुर्की घूमने की अपनी योजनाओं को ठंडे बस्ते में डालने का मन बना चुके हैं. इस कारण से बड़ी संख्या में भारत से तुर्की जाने की बुकिंग रद्द हो रही हैं. भारत के शीर्ष उद्योग निकाय कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) ने सभी व्यापारियों और नागरिकों से तुर्की और अजरबैजान का बायकॉट करने की अपील की.
कुल विदेशी पर्यटक | 62.2 मिलियन |
भारतीय पर्यटक | 3 लाख |
वृद्धि दर | 20% (2023 से) |
कुल भारतीय खर्च | $291.6M |
औसत खर्च | $972 प्रति व्यक्ति |
कुल पर्यटन आय | $61.1B |
बड़ी संख्या में तुर्की घूमने जाते हैं भारतीय
2024 में तुर्की में करीब 62.2 मिलियन विदेशी यात्री आए थे. इसमें से 3,00,000 के आसपास भारतीय थे. 2023 की तुलना में पिछले साल तुर्की में 20 प्रतिशत अधिक भारतीय यात्री आए थे. CAT द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले साल तुर्की की कुल पर्यटन आय 61.1 बिलियन डॉलर थी. इसमें प्रत्येक भारतीय पर्यटक ने औसतन 972 डॉलर खर्च किए थे. पिछले वर्ष संयुक्त रूप से भारतीयों द्वारा तुर्की में 291.6 मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे.
ट्रेडर्स बॉडी ने कहा कि इससे पहले उसने चीनी उत्पादों के बायकॉट के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था, जिसका काफी असर हुआ है. अब वह तुर्की और अजरबैजान की यात्रा के बायकॉट के लिए अभियान चला रहा है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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