Bangladesh News: भारत ने हाल ही में देश में आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 ( Immigration and Foreigners Act 2025) लागू किया था. इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2024 तक भारत में शरण लेने वाले अल्पसंख्यकों को छूट दी गई है. बता दें कि पहले यह सीमा 31 दिसंबर 20214 तक थी, जिसे बाद में 10 साल तक बढ़ाकर 2024 तक कर दिया गया. इस कानून के बाद बांग्लादेश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की चिंता बढ़ गई है.
भारत के कानून से डरा बांग्लादेश
बांग्लादेश की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक संस्था बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (BHBCUC) ने इस कानून पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इससे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और आदिवासी समुदायों का पलायन बढ़ सकता है. परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर निम चंद्र भौमिक, उशातन तालुकदार, निर्मल रोजारियो और कार्यवाहक महासचिव मोनिंद्र कुमार नाथ ने एक संयुक्त बयान में कहा कि बांग्लादेश सरकार को भारत के इस फैसले के पीछे की पॉलिसी और इसके लंबे समय के प्रभावों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
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मोहम्मद यूनुस से की अपील
परिषद के अध्यक्ष ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह देश के धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के बीच विश्वास बहाली के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाए. साथ ही परिषद ने कहा कि इन समुदायों को पॉलिसी मेकिंग से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी तक हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व और भागीदारी सुनिश्चित की जाए.
यूनुस से की मांग
बयान में यह भी कहा गया कि अल्पसंख्यकों और आदिवासियों के साथ हो रहे उत्पीड़न, उपेक्षा और अपमान को रोकने के लिए शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जानी चाहिए. साथ ही परिषद ने चेतावनी दी कि अगर इन समुदायों को नजरअंदाज किया गया तो देश में स्थायी लोकतंत्र, विकास और प्रगति संभव नहीं होगी. परिषद ने यूनुस सरकार से उम्मीद जताई है कि अंतरिम सरकार लोकतंत्र और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यकों के हाशिए पर जाने की प्रक्रिया को रोकने के लिए जरूरी और प्रभावी कदम उठाएगी.
FAQ
भारत का नया इमिग्रेशन कानून क्या है?
भारत का इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025 उन अल्पसंख्यकों को छूट देता है जो 31 दिसंबर 2024 तक धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण ले चुके हैं.
BHBCUC कौन है?
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (BHBCUC) बांग्लादेश की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक संस्था है, जो धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करती है.
BHBCUC की मुख्य मांगें क्या हैं?
BHBCUC की मुख्य मांगे देश में अल्पसंख्यकों को हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व देना, उत्पीड़न के खिलाफ जूरो टॉलरेंस की नीति अपनाना और सरकार से विश्वास बहाली के लिए ठोस कदम उठाना है.