Last Updated:June 02, 2025, 18:18 IST
Burj Khalifa Secrets Fact : क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा को किसने बनाया और इसे मजबूती देने के लिए किस कंपनी का स्टील इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा बुर्ज खलीफा में किस कंपनी का...और पढ़ें

बुर्ज खलीफा को सैमसंग ने बनाया है.
नई दिल्ली. दुबई में बनी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा के बारे में भला कौन नहीं जानता है. यह इमारत आज लग्जरी और अमीरी का सिंबल बन चुकी है. जिसने बुर्ज खलीफा में फ्लैट या अपार्टमेंट खरीद लिया, उसे घोषित तौर पर अमीर मान लिया जाता है. यह इस बिल्डिंग की खासियत को भी बताता है. जमीन से करीब 828 मीटर की ऊंचाई पर बनी यह इमारत करीब-करीब 100 किलोमीटर दूर से ही नजर आ जाती है. लेकिन, इस बिल्डिंग की कुछ ऐसी भी रोच जानकारियां हैं, जो ज्यादातर लोगों को नहीं पता हैं.
क्या आपको पता है कि इस बिल्डिंग को किस कंपनी ने बनाया है. वैसे तो किसी बिल्डिंग को बनाने वाली कंपनी का नाम खास मायने नहीं रखता, लेकिन बात अगर बुर्ज खलीफा की हो तो यह बात भी खास हो जाती है. ऊपर से इस बिल्डिंग को बनाने वाली कंपनी इतनी खास है कि इसे इसके बारे में वैसे तो लगभग सभी को पता होगा, लेकिन इसके बारे में यह जानकारी काफी कम लोगों को होगी कि ये इमारतें भी बनाती है. इतना ही नहीं, आपको यह भी नहीं पता होगा कि यह गगनचुंबी इमारत भारत की मजबूती पर खड़ी है और इसे कूल रखने का काम भी एक भारतीय कंपनी ही करती है.
बुर्ज खलीफा को किसने बनाया
सबसे पहले बात करते हैं कि इस गगनचुंबी इमारत को आखिर किस कंपनी ने खड़ा किया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि बुर्ज खलीफा को दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग सीएंडटी ने बनाया है. यह वही सैमसंग है जो दुनियाभर में मोबाइल बनाने के लिए जानी जाती है. इसी कंपनी की कंस्ट्रक्शन विंग सीएंडटी ने बुर्ज खलीफा को भी खड़ा किया है. यह कंपनी दुनियाभर में गगनचुंबी इमारतों के निर्माण के लिए जानी जाती है. सैमसंग सीएंडटी के इंजीनियरिंग और निर्माण समूह ने बुर्ज खलीफा के अलावा मलेशिया के कुआलालंपुर में पेट्रोनास टावर्स और मर्डेका 118, ताइवान के ताइपे में ताइपे 101 और सऊदी अरब के रियाद में सऊदी स्टॉक एक्सचेंज तदावुल टॉवर का भी निर्माण किया है.
क्या है इसकी मजबूती का राज
बुर्ज खलीफा की मजबूती का राज इसमें इस्तेमाल होने वाली कंक्रीट और स्टील है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस इमारत में इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर स्टील को भारतीय कंपनी टाटा ने भेजा है. टाटा ने इस इमारत को बनाने के लिए करीब 39 हजार टन स्टील दी है. इसके जरिये पूरी बिल्डिंग में 400 करोड़ वर्गमीटर के फर्श का निर्माण किया गया है. बुर्ज खलीफा के निर्माण में 3,30,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट का भी इस्तेमाल किया गया, जो 1,00,000 हाथियों के वजन के बराबर है.
रेगिस्तान की गर्मी में कैसे रहता है ठंडा
जैसा कि आपको पता है कि बुर्ज खलीफा अरब के रेगिस्तान के बीचोबीच बनाया गया है, फिर भी यह इमारत हमेशा ठंडी रहती है. इस इमारत को कूल रखने का काम भी एक भारतीय कंपनी ही करती है. दरअसल, इस इमारत में इस्तेमाल होने वाली एसी भारतीय कंपनी टाटा की वोल्टास एसी है. बुर्ज खलीफा में लगभग 13,000 टन क्षमता वाला एयर कंडीशनिंग सिस्टम वोल्टास ने लगाया है. इसके अलावा वोल्टास ने कई अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाएं पूरी की हैं, जिनमें सबसे बड़े महासागरीय जहाज आरएमएस क्वीन मैरी 2, ओमान सल्तनत पैलेस, बहरीन सिटी सेंटर मॉल, अबू धाबी में फेरारी वर्ल्ड थीम पार्क, कतर में सिदरा मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर की कूलिंग का काम भी शामिल है.
बुर्ज खलीफा की कीमत
बुर्ज खलीफा को जब साल 2010 में बनाया गया था, तब इसकी कीमत करीब 12,500 करोड़ रुपये थी, जो आज 20 हजार करोड़ रुपये भी ज्यादा पहुंच चुकी है. इस इमारत में 1 बीएचके फ्लैट की कीमत आज करीब 4 करोड़ रुपये है. इस इमारत की वैल्यू आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इसके डिस्प्ले पर 4 मिनट के विज्ञापन के लिए आपको करीब 2.33 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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