Last Updated:August 25, 2025, 23:53 IST
CDS Anil Chauhan: CDS जनरल अनिल चौहान ने चेताया कि भविष्य की जंग और खतरनाक होगी. उन्होंने कहा कि जीत तभी मिलेगी जब थलसेना, नौसेना और वायुसेना मिलकर साझा रणनीति बनाएंगी और हर मोर्चे पर तालमेल दिखाएंगी.

CDS Anil Chauhan: मऊ (मध्य प्रदेश) से भारत की सुरक्षा रणनीति को लेकर एक बड़ा संदेश सामने आया है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने साफ शब्दों में कहा है कि आने वाले समय में युद्ध का स्वरूप और खतरनाक होने वाला है. उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य की जंग न केवल जमीन, पानी और आसमान तक सीमित रहेगी, बल्कि अब साइबर और स्पेस तक फैलेगी. ऐसे हालात में जीत तभी संभव होगी जब भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना मिलकर एक साझा रणनीति पर काम करें.
जनरल चौहान ने यह बयान ‘रण संवाद’ नामक दो दिवसीय सेमिनार से पहले दिया, जो 26 और 27 अगस्त को आर्मी वॉर कॉलेज, मऊ में आयोजित होगा. यह कार्यक्रम भारत की रक्षा तैयारियों और आधुनिक युद्ध की चुनौतियों पर चर्चा के लिए आयोजित किया जा रहा है.
“भविष्य की जंग सेवा सीमाएं नहीं जानती”
CDS चौहान ने साफ कहा कि अब समय बदल चुका है. उन्होंने कहा, “भविष्य का युद्ध किसी एक सेवा की सीमाएं नहीं जानता. यह संयुक्त सोच, संयुक्त योजना और संयुक्त कार्रवाई की मांग करता है.” उनके मुताबिक, अब सिर्फ जंग लड़ने के लिए तैयार रहना काफी नहीं है, बल्कि सेनाओं को साथ मिलकर सोचना और रणनीति बनानी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि जॉइंटमैनशिप अब कोई विकल्प नहीं है बल्कि भारत की सैन्य ताकत को नई ऊंचाई देने का आधार है.
रण संवाद में दिखेगी नई दिशा
आर्मी वॉर कॉलेज, मऊ में होने वाला ‘रण संवाद’ सेमिनार भारतीय रक्षा क्षेत्र में पहली बार ऐसा मंच बनेगा, जहां तीनों सेनाओं के अधिकारी अपने वास्तविक अनुभव साझा करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समापन सत्र को संबोधित करेंगे, जबकि उद्घाटन भाषण खुद CDS चौहान देंगे. इस दौरान संयुक्त सैन्य सिद्धांत (Joint Doctrine), तकनीकी रोडमैप और नई क्षमताओं पर आधारित दस्तावेज भी जारी किए जाएंगे.
टेक्नोलॉजी और आधुनिक जंग पर फोकस
जनरल चौहान ने कहा कि तकनीकी विकास ने युद्ध की प्रकृति को पूरी तरह बदल दिया है. अब केवल परंपरागत लड़ाई नहीं होगी, बल्कि सूचना युद्ध (Information Warfare), ग्रे जोन थ्रेट्स और भविष्य की लड़ाकू तकनीक भी अहम भूमिका निभाएंगी. यही वजह है कि सेनाओं को हर मोर्चे पर तालमेल और साझा समझ विकसित करनी होगी.
साझा रणनीति ही दिलाएगी जीत
जनरल चौहान ने बताया कि इस कार्यक्रम का मकसद सिर्फ ताकत दिखाना नहीं बल्कि साफ मकसद (clarity of purpose) और एकजुट प्रयास (unity of effort) पर जोर देना है. CDS चौहान ने कहा, “यह सेमिनार सेनाओं को एक ऐसा प्लेटफॉर्म देगा जहां वे मिलकर सोचें, योजना बनाएं और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हों.”
भारत की तैयारी को नई धार
‘रण संवाद’ का आयोजन सेना मुख्यालय के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ और सेंटर फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज द्वारा किया जा रहा है. इसे हर साल तीनों सेनाओं की बारी-बारी से आयोजित करने की योजना है. इस बार आर्मी मेजबानी कर रही है जबकि आने वाले वर्षों में नौसेना और वायुसेना इसे लीड करेंगी. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल भारत की सामरिक सोच को न सिर्फ आधुनिक बनाएगी बल्कि तीनों सेनाओं के बीच भरोसा और तालमेल भी मजबूत करेगी.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
August 25, 2025, 23:53 IST