Last Updated:December 01, 2025, 13:12 IST
Parliament Winter Session News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले विपक्षी दलों को सख्त संदेश दिया है. पीएम मोदी आम तौर पर संसद सत्र की शुरुआत में विपक्षी दलों से सहयोग का आह्वान करते हैं, लेकिन सोमवार सुबह वह काफी आक्रामक मोड में नजर आए.
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों को सख्त संदेश दिया है.संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों को सख्त संदेश दिया है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष को सीधे निशाने पर लेते हुए न सिर्फ लोकतंत्र की मजबूती का संदेश दिया, बल्कि हार की निराशा से निकलकर जिम्मेदारी निभाने की सलाह भी दी.
पीएम मोदी आम तौर पर संसद सत्र की शुरुआत में विपक्षी दलों से सहयोग का आह्वान करते हैं, लेकिन सोमवार सुबह वह काफी आक्रामक मोड में नजर आए. पीएम मोदी के इस बयान ने साफ कर दिया कि बिहार की जीत के बाद केंद्र सरकार पूरी आक्रामकता के साथ आगे बढ़ने को तैयार है.
शीतकालीन सत्र पर क्या बोले पीएम?
पीएम मोदी ने कहा, ‘संसद का यह शीतकालीन सत्र केवल कोई रिवाज नहीं है. यह देश को विकास की ओर तेजी से बढ़ाने में नई ऊर्जा भरेगा. ऐसा मुझे पूरा विश्वास है.’ उन्होंने लोकतंत्र की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने हमेशा अपनी लोकतांत्रिक परंपरा को मजबूती से निभाया है. उन्होंने कहा, ‘भारत ने लोकतंत्र को जिया है. लोकतंत्र की उमंग और उत्साह समय-समय पर स्पष्ट दिखाई देता है, जिससे लोकतंत्र के प्रति विश्वास और मजबूत होता है.’
पीएम मोदी ने हाल ही में बिहार में हुए चुनावों का जिक्र करते हुए इसे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत बताया और इसके साथ ही कहा कि कई दल पराजय के कारण परेशान हैं. विपक्ष को पराजय की निराशा से निकलना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे लगा था कि बिहार चुनाव खत्म हुए कुछ समय हो गया है, तो चीजें बदल गई होंगी, लेकिन मैंने उनकी बातें सुनीं और अब मुझे लगता है कि उनकी हार उन्हें अभी भी परेशान कर रही है.’
पीएम मोदी के बयान के मायने क्या?
पीएम मोदी का यह बयान साफ दर्शाता है कि बिहार में बड़ी जीत के बाद वह विपक्ष को रक्षात्मक मोड में धकेलने की रणनीति अपना चुके हैं. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि देश की राजनीति हार-जीत के भाव में उलझनी नहीं चाहिए. न जीत का जश्न फोकस बने, न हार की निराशा. बल्कि संसद को जनहित के मुद्दों पर पूरी ऊर्जा से काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘यह सत्र इस बात पर केंद्रित होना चाहिए कि संसद देश के लिए क्या सोचती है और क्या करने वाली है. विपक्ष अपना दायित्व निभाए और मजबूत मुद्दे उठाए. पराजय की निराशा से बाहर आए.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया आज भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली और उसकी आर्थिक मजबूती को बेहद ध्यान से देख रही है. भारत की अर्थव्यवस्था लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है और इसका गति पकड़ना विकसित भारत के सपने को और मजबूत करता है. उन्होंने कहा कि हार की निराशा फोकस में नहीं होनी चाहिए और यह जीत के जश्न में भी नहीं बदलनी चाहिए. जनप्रतिनिधि के तौर पर हमें देशवासियों की जिम्मेदारी और उम्मीदों को बैलेंस के साथ आगे बढ़ाना चाहिए. यह मुश्किल काम है, लेकिन हमें यह करना चाहिए.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 01, 2025, 13:12 IST

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