आजकल के आधुनिक समय में दुनिया के कई हिस्सों में महिलाओं की सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ रही है. स्कूलों में मासिक धर्म यानी पीरियड्स पर खुलकर बातें हो रही हैं. सेनेटरी पैड्स और पीरियड हाइजीन पर कई देश की सरकारें बड़े स्तर पर काम कर रही हैं. लेकिन इसी दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां महिलाओं की इस बुनियादी जरूरत पर ही ताला लगा दिया गया है. सबसे आधुनिक समय में भी यहां महिलाएं पुराने दौर जैसे हालात में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.
सेनेटरी पैड्स पर बैन
नॉर्थ कोरिया में सेनेटरी पैड्स बेचने या इस्तेमाल करने पर पूरी तरह बैन है यानी कि रोक है. सरकार इन्हें विदेशी लग्जरी मानती है जिस वजह से दुकानों में इनका मिलना नामुमकिन है. यहां महिलाएं आज भी घर पर खुद बनाए कपड़े के पैड्स का इस्तेमाल करती हैं जिन्हें धोकर बार बार इस्तेमाल किया जाता है. बार बार कपड़ा इस्तेमाल करने से महिलाओं को तरह-तरह के इंफेक्शन का सामना भी करना पड़ सकता है.
सरकार की तानाशाही
नॉर्थ कोरिया में किम जोंग उन के शासन में लोगों की जिंदगी का हर हिस्सा सरकार की अनुमति से चलता है. वहां का लोगों को कौन सा गाना सुनना है, कौन से कपड़े पहनने हैं, कौन सी फिल्म देखनी है, यहां तक कि किस त्योहार पर लोग हंस सकते हैं या कब नहीं. ये सब कुछ सरकार तय करती है.
अंधा कानून
नॉर्थ कोरिया में पिरियड्स से जुड़ी चीजें जैसे सेनेटरी नैपकिन, टैम्पून्स, मेंसट्राल कप या पीरियड पैंटी जैसी कोई भी चीज कानूनी नहीं है. नार्थ कोरिया के दुकानों पर खाने पीने से लेकर घरेलू सामान तक सब मिल जाएगा लेकिन सेनेटरी पैड्स की एक भी पैक नहीं मिलेगी.
समस्याएं
किम जोंग उन की सरकार का दावा है कि ये प्रोडक्ट विदेशी संस्कृति और लग्जरी जीवन का हिस्सा हैं इसलिए इन्हें देश में लाने या बेचने दोनों पर सख्त रोक है. सरकार के इस फैसमे की वजह से मजबूरी में नॉर्थ कोरिया की महिलाएं दशकों पुराने तरीके का इस्तेमाल करती हैं. महिलाएं घर में ही कपड़े की कई परतें सिलकर पैड्स बनाती हैं, जिन्हें धोकर बार बार इस्तेमाल किया जाता है. घर पर पैड बनाने की इस प्रक्रिया में कई समस्याएं आती हैं क्योंकि यहां घरों के बाहर ऐसे कपड़े खुले में सुखाना भी सामाजिक तौर पर गलत माना जाता है. महिलाएं छुपकर इन्हें धोती हैं और सुखाती हैं जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है.
वर्जित
नॉर्थ कोरिया में पीरियड्स से जुड़ी जरूरतें पूरी तरह से निजी जिम्मेदारी मानी जाती हैं. पीरियड्स में ना सरकार की तरफ से कोई मदद मिलती है और ना किसी तरह की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है. यहां तक की महिलाओं को सही जानकारी देने वाले पीरियड्स से जुड़े किसी कार्यक्रम की इजाजत भी नहीं है. नॉर्थ कोरिया में पीरियड्स पर बात करना भी एक तरह से वर्जित माना जाता है.

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