Last Updated:November 20, 2025, 19:33 IST
बिहार में वह कौन सा विभाग है, जिसमें कोई भी मंत्री ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाता? क्यों इस विभाग के मंत्री के साथ 'अपशकुन' शुरू हो जाता है? शाहनवाज हुसैन, समीर महासेठ और नीतीश मिश्रा से इस विभाग का क्या संबंध है?
बिहार का वह कौन सा विभाग जहां नहीं टिकते मंत्री?पटना. बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हो गया है. अगले कुछ घंटे में विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा. कई विभाग पुराने मंत्रियों के पास ही रह सकते हैं तो कई मंत्रालय का प्रभार इस बार दूसरे नए मंत्री को मिल सकता है. ऐसे में बिहार का एक ऐसा विभाग है, जिसका चार्ज मिलने के बाद मंत्री का अपशकुन शुरू हो जाता है. बीते कुछ सालों में यह यह मंत्रालय बिहार और बिहारियों के लिए सबसे अहम है. लेकिन समय का ऐसा चक्र है कि इस विभाग में अच्छा काम करने वाला मंत्री या तो चुनाव हार जाता है या फिर सरकार ही बदल जाती है. आइए जानते हैं कि बिहार का वह कौन सा विभाग है, जो सबसे ज्यादा चर्चा में है?
बिहार की राजनीति में अक्सर विज्ञान से अधिक ‘जातीय गणित’ और तर्क से अधिक ‘राजनीतिक मान्यताओं’ का बोलबाला रहता है. नीतीश कुमार के 10वें मंत्रिमंडल के गठन के बाद एक बार फिर से उद्योग मंत्रालय को लेकर अपशकुन और अंधविश्वास की चर्चाएं तेज हो गई हैं. माना जाता है कि जो भी नेता इस विभाग का प्रभार संभालता है, उसे अगले ही पल अपनी कुर्सी गंवानी पड़ती है या उसके राजनीतिक करियर में बाधा आ जाती है. पिछले कुछ सालों के घटनाक्रम इस बात को बल देते हैं.
उद्योग मंत्रालय का ‘अपशकुन’?
पिछले तीन सालों के घटनाक्रमों पर नज़र डाली जाए तो उद्योग मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले लगातार तीन नेताओं के साथ कुछ ऐसा हुआ है, जो संयोग से अधिक राजनीतिक सत्य लगता है. हाल के दिनों में अगर किसी मंत्री ने इस विभाग में सबसे ज्यादा संवारा और काम किया तो वह थे बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन. साल 2021 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद के माध्यम से लाकर उद्योग मंत्री बनाया गया था. उन्होंने उद्योग के क्षेत्र में अहम काम भी किए. लेकिन 2022 में जब नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ा और महागठबंधन में शामिल हुए, तो शाहनवाज हुसैन को अचानक अपनी मंत्री कुर्सी छोड़नी पड़ी. उस समय उनका एक वीडियो खूब वायरल हुआ था जिसमें वो बोल रहे थे जब वह प्लेन में बैठे थे मंत्री थे और जब प्लेन से उतरे तो भूतपूर्व हो चुके थे.
उद्योग मंत्रालय क्यों चर्चा में?
यही हाल आरजेडी के मधुबनी के तत्कालीन विधायक समीर महासेठ के साथ हुई. साल 2022 में महागठबंधन की सरकार बनने पर RJD के वरिष्ठ नेता समीर महासेठ को उद्योग मंत्रालय का प्रभार मिला. ठीक एक साल बाद 2024 में जब नीतीश कुमार वापस एनडीए में आए तो महासेठ से भी कुर्सी छिन गई. अब तो वह मधुबनी सीट से राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रत्याशी माधव आनंद से चुनाव तक हार गए हैं.
इन नेताओं का हाल देख लीजिए
बीजेपी के कद्दावर नेता और बिहार के सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्रा के साथ भी यही हुआ. नीतीश मिश्रा को 2024 में एनडीए में वापसी के बाद उन्हें उद्योग मंत्री बनाया गया. बीते एक साल में उन्होंने अच्छा काम भी किया. लेकिन इस बार चुनाव जीतने के बाद भी उनको मंत्री नहीं बनाया गया. नीतीश मिश्रा को नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने पर अब इस विभाग से जुड़े अपशकुन की चर्चा फिर से होने लगी है.
उद्योग मंत्रालय के अलावा भी बिहार की राजनीति में ऐसे कुछ और विभाग हैं, जिनके प्रभारियों की किस्मत अक्सर खराब हो जाती है. इनमें सबसे प्रमुख है ‘वित्त मंत्रालय’, जिसे संभालने वाले नेताओं को अक्सर राजनीतिक या व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. सुशील मोदी से लेकर तारकिशोर सिन्हा तक की राजनीति से समझा जा सकता है. हालांकि, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी इस भ्रंति को खत्म करते नजर आ रहे हैं. साल 2024 से वह वित्त मंत्रालय देख रहे हैं औऱ नई सरकार में भी वित्त मंत्रालय उनके पास जाना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में अब देखना यह होगा कि नया उद्योग मंत्री कौन बनता है और क्या वह इस मिथक को तोड़ पाता है?
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
November 20, 2025, 19:33 IST

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