बस पिंजरा खुलने का था इंतजार, आजाद होते ही टाइगर ने लगाई छलांग, ऐतिहासिक फोटो

1 day ago

Last Updated:June 05, 2025, 19:44 IST

Environment Day 2025: आज पर्यावरण दिवस है. ऐसे में हमारे लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि जितनी जरूरी हमारी खुद की जिंदगी है, उतना ही जरूरी पर्यावरण की रक्षा भी है. अगर यह पर्यावरण ही नहीं रहेगा तो मानव जीवन भी ज्‍यादा वक्‍त तक नहीं बच सकेगा. इस मौके पर एक शेर की शानदार तस्‍वीर सामने आई.

Environment Day

Environment Day 2025: सोशल मीडिया पर आज से 15 साल पहले शेर को जंगल में छोड़े जाने की तस्‍वीर तेजी से वायरल हो रही है. नदी में मौजूद एक बोट पर यह चार साल का शेर जाल के अंदर मौजूद था. बोट तट से कुछ दूरी पर थी. तभी इस शेर को छोड़ दिया जाता है. यह शेर रिहायशी इलाके में पहुंच गया था. (X/Jairam Ramesh)

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शेर को पकड़ने के बाद उसे जंगल में छोड़ा गया. यह छोटा शेर पूरी ऊर्जा के साथ पानी के अंदर लंबी छलांग लगाता है. शेर के पानी में कूदने की घटना को फिल्‍मया गया. आजादी पानी के लिए उसकी यह छलांग इस वक्‍त खूब पसंद की जा रही है. लोग इसे जमकर शेयर कर रहे हैं. (X/Jairam Ramesh)

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आज यानी 5 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट पर इन तस्‍वीरों को साझा किया. इस तस्‍वीरें आज की नहीं हैं बल्कि 12 जनवरी 2010 को सुंदरबन के जंगलों में एक चार वर्षीय बाघिन की रिहाई को याद किया. मकसद बाघों के संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाना है.

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यह तस्‍वीर संकेत देती है कि देश ने पिछले पांच दशकों में बाघों की सुरक्षा के लिए कितनी प्रगति की है. 1973 में 'प्रोजेक्ट टाइगर' की शुरुआत हुई थी. उस समय भारत में बाघों की संख्या मात्र 268 थी. इस परियोजना का उद्देश्य बाघों के टाइगर रिसर्व की रक्षा करना और उनकी संख्या में वृद्धि करना था. (X/Jairam Ramesh)

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पिछले 50 वर्षों में इस परियोजना के तहत 9 से बढ़ाकर 58 टाइगर रिजर्व स्थापित किए गए हैं, जो लगभग 78,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं. साल 2022 में आयोजित पांचवें टाइगर जनगणना के अनुसार भारत में बाघों की अनुमानित संख्या 3,682 है, जो 2006 में दर्ज 1,411 बाघों की संख्या से दोगुनी से अधिक है . (File Photo)

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यह वृद्धि संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाती है, जिसमें बाघों के शिकार पर रोक उनके निवास स्थान की सुरक्षा, और स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग शामिल है. मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 785 टाइगर हैं, इसके बाद कर्नाटक में 563 हैं. (File Photo)

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इस लिस्‍ट में 560 टाइगर के साथ उत्तराखंड तीसरे स्‍थान पर है. महाराष्ट्र में 444 टाइगर मौजूद हैं . सुंदरबन टाइगर रिजर्व, जो दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है, वहां वर्तमान में लगभग 100 टाइगर हैं. हालांकि, टाइगर की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ चुनौतियां भी बढ़ी हैं. (File Photo)

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