Last Updated:September 11, 2025, 07:39 IST
West Bengal News:

West Bengal News: पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बार फिर बंगाली बनाम बाहरी का मुद्दा गरमाता दिख रहा है. केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है. मजूमदार ने ममता के हालिया बयान के जवाब में कहा कि बंगाल को चलाने के लिए बंगाली तैयार है. आपके जाने का समय आ गया है. आपने बंगालियों की जितनी हानि की है, उतनी हानि बंगाल की किसी ने नहीं की. उन्होंने टीएमी सुप्रीमो पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि अगर बंगालियों का आपको इतना ही ख्याल होता तो आप यूसुफ पठान को यहां नहीं लाती.
मजूमदार का यह बयान टीएमसी के बहरमपुर से सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को लेकर है, जिन्हें बीजेपी ने बाहरी बताकर ममता बनर्जी पर हमला करने का हथियार बनाया है. पठान गुजरात से हैं. उनको 2024 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने बहरमपुर से उम्मीदवार बनाया था और उनकी जीत ने बंगाल की सियासत में नया रंग भरा. बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है, ताकि ममता बनर्जी की बंगाली अस्मिता की छवि को चुनौती दी जा सके.
सुकांत मजूमदार पिछले कुछ समय से लगातार “बंगाली बनाम बाहरी” के मुद्दे को हवा दे रहे हैं. उनका दावा है कि ममता बनर्जी की नीतियां बंगाल के स्थानीय लोगों के हितों के खिलाफ हैं और TMC बाहरी लोगों को बढ़ावा दे रही है. यह रणनीति बीजेपी की उस कोशिश का हिस्सा है, जिसमें वह बंगाल में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए स्थानीय भावनाओं को उभारना चाहती है.
दूसरी ओर टीएमसी ने मजूमदार के बयान को खारिज करते हुए इसे सस्ती राजनीति करार दिया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ममता बनर्जी ने हमेशा बंगाल की संस्कृति और अस्मिता को प्राथमिकता दी है. यूसुफ पठान जैसे लोग बंगाल की जनता की सेवा के लिए चुने गए हैं, न कि किसी बाहरी एजेंडे के लिए. टीएमसी का तर्क है कि BJP इस तरह के बयानों से केवल सामाजिक विभाजन पैदा करना चाहती है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की यह रणनीति 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी को घेरने की कोशिश है. बंगाल में बाहरी का मुद्दा हमेशा से संवेदनशील रहा है और बीजेपी इसे हवा देकर टीएमसी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. हालांकि, ममता बनर्जी की बंगाली अस्मिता की छवि और उनके मजबूत जनाधार को तोड़ना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा. इस सियासी जंग में यूसुफ पठान का नाम एक नए विवाद के रूप में उभरा है. सवाल यह है कि क्या बीजेपी की यह रणनीति बंगाल की जनता को प्रभावित कर पाएगी या ममता बनर्जी इस हमले को अपनी सियासी चतुराई से नाकाम कर देंगी?
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First Published :
September 11, 2025, 07:39 IST