फाइटर जेट, एयर डिफेंस सिस्‍टम, B1B बॉम्‍बर...आसमान में भारत-अमेरिका की दोस्‍ती

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Last Updated:November 13, 2025, 13:09 IST

India-America Joint Exercise: भारत और अमेरिका केवल आर्थिक साझीदार ही नहीं हैं, बल्कि स्‍ट्रैटजिक पार्टनरशिप की जड़ें भी काफी गहरी हैं. इसका उदाहरण एक बार फिर से देखने को मिला है. इससे चीन और पाकिस्‍तान का पसीना छूटना तय है.

फाइटर जेट, एयर डिफेंस सिस्‍टम, B1B बॉम्‍बर...आसमान में भारत-अमेरिका की दोस्‍तीIndia-America Joint Exercise: भारत और अमेरिका की सेनाएं ज्‍वाइंट मिलिट्री ड्रिल कर रही हैं.

India-America Joint Exercise: इंडियन एयरफोर्स और अमेरिका की वायुसेना के बीच एक बेहद महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वायु अभ्यास चल रहा है. दोनों देशों के इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य वायु सेनाओं के बीच आपसी समझ, सामरिक सहयोग और ऑपरेशन कैपेबिलिटी को बढ़ाना है. गुरुवार 13 नवंबर को इस अभ्यास का फाइनल व अंतिम दिन है. खास बात यह भी है कि इस अभ्यास में अमेरिकी वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक बी-1बी लांसर सुपरसॉनिक बमवर्षक विमान के साथ भाग लिया है. सटीक और घातक मारक क्षमता B-1B लांसर अपनी लंबी दूरी की अटैकिंग पावर और सटीक टारगेट तकनीक के लिए प्रसिद्ध है.

भारतीय वायुसेना की ओर से यहां विभिन्न अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और वायु रक्षा प्रणालियों ने हिस्सा लिया है. अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं ने एक साथ कई जटिल युद्ध परिदृश्यों पर कार्य किया है. इनमें एयर डिफेंस ऑपरेशन, स्ट्राइक मिशन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, हवा में ईंधन भरना और संयुक्त मिशन योजना शामिल रही. इस दौरान पायलटों और तकनीकी दलों ने एक-दूसरे की रणनीतियों, तकनीकों और संचालन प्रक्रियाओं से महत्वपूर्ण अनुभव साझा किया. अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भविष्य के बहुराष्ट्रीय अभियानों में बेहतर सामंजस्य स्थापित करना और उभरते सुरक्षा परिदृश्य में संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत बनाना है. भारतीय वायुसेना के मुताबिक भारत व अमेरिकी वायु सेना के बीच यह अभ्यास 10 नवंबर को शुरू हुआ था और आज 13 नवंबर को पूरा होने जा रहा है.

सामरिक संबंध होंगे मजबूत

रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगा तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा. ज्‍वाइंट एयरफोर्स ड्रिल के दौरान अमेरिकी व भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने एक दूसरे देश के पायलटों की पेशेवर क्षमता और सामरिक सोच को नजदीक से अनुभव किया. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के अभ्यास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के नए आयाम खोलते हैं. संयुक्त रूप में यह संकल्प भी है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी आगे भी और मजबूत होगी तथा साझा सुरक्षा हितों की रक्षा में निरंतर सहयोग जारी रहेगा.

नेवी चीफ पहुंचे अमेरिका

गौरतलब है कि जहां एक ओर दोनों देशों की वायु सेनाएं यह संयुक्त अभ्यास कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी इन दिनों अमेरिका की एक महत्वपूर्ण आधिकारिक यात्रा पर हैं. उनकी यह यात्रा बुधवार 12 नवंबर को शुरू हुई थी. नौसेना के मुताबिक एडमिरल त्रिपाठी की इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच पहले से प्रगाढ़ और सुदृढ़ समुद्री साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाना है. भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच ये मजबूत संबंध, भारत–अमेरिका रक्षा सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ है. भारतीय नौसेना प्रमुख 17 नवंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं. अपनी यात्रा के दौरान नौसेना प्रमुख, अमेरिकी युद्ध विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात व वार्ता करेंगे. इन बैठकों में अन्य वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी विचार-विमर्श होगा.

Manish Kumar

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 13, 2025, 13:08 IST

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