Last Updated:December 05, 2025, 08:23 IST
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’ आज दुनिया का सबसे ट्रैक किया जाने वाला विमान बन गया. रूस के दो आइडेंटिकल रिशयन प्लेन के ट्रांसपॉन्डर के चीन चल रहे ऑन-ऑफ के गेम ने इस यात्रा को काफी रहस्यमयी बना दिया. कोई भी तय नहीं कर पा रहा था कि असली विमान कौन सा है. शाम को रहस्य खत्म हुआ, जब वास्तविक IL-96-300PU दिल्ली में उतरा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का स्वागत किया.
Most Tracked Flight: कल यानी गुरुवार का पूरा दिन ग्लोबल एविएशन वॉचर्स के लिए एक रोमांचक चेज सीक्वेंस की तरह बीता. हर कोई आसमान में एक ही चीज ढूंढ़ रहा था और वह था रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’. दो आइडेंटिकल रूसी प्लेन भारत की ओर बढ़ रहे थे और दोनों ऐसे खेल खेल रहे थे, जिसने लगभग पूरी दुनिया को रोमांच से भर दिया. कभी एक एयरक्राफ्ट का ट्रांसपॉन्डर ऑन हो जाता, जिससे एक्जैक्ट कोऑर्डिनेट्स दिखने लगते, तो तभी दूसरा ऑफ हो जाता.
फिर कुछ देर बाद दोनों प्लेन्स की भूमिका बदल जाती. करीब साढ़े छह घंटे चला लुका-छिपी का यह खेल इतना रहस्यमयी था कि हजारों लोग लगातार इन प्लेन्स को ट्रैक करते रहे. देर शाम रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ‘फ्लाइंग क्रेमलिन’ प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट में लैंड हुआ, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया. इसके बाद, फ्लाइट ट्रैकिंग साइट Flightradar24 ने राज खोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन के फ्लाइंग क्रेमलिन को दुनिया की ‘मोस्ट ट्रैक्ड फ्लाइट’ बता दिया.
आखिर क्यों चलता रहा यह रहस्यमयी खेल?
पुतिन दुनिया के मोस्ट प्रोटेक्टेड लीडर्स में से एक हैं. उनकी विदेश यात्रा हमेशा से मल्टी-लेयर्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के साथ होती रही है. इस प्रोटोकॉल का अहम हिस्सा डिकॉय एयरक्राफ्ट स्ट्रैटेजी भी है. इस स्ट्रैटजी का मकसद दुनिया की नजर से रूसी राष्ट्रपति को छिपाना और यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी कीमत में उस प्लेन पहचान पब्लिक या एडवर्सरीज न कर पाएं, जिसमें रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन मौजूद हैं. गुरुवार को भी यही हुआ. रूसी राष्ट्रपति का खास प्रेसिडेंशियल एयरक्राफ्ट आईएल-96-300पीयू, जिसे दुनिया फ्लाइंग क्रेमलिन के नाम से जानती है, ने अपने क्लोन एयरक्राफ्ट के साथ हवा में ऐसा सस्पेंस पैदा कर रहा था कि इसे ट्रैक करना लगभग इम्पॉसिबल हो गया.
ऑन-ऑफ होते ट्रांसपॉन्डर ने बरकरार रखा सस्पेंस
रूसी राष्ट्रपति का खास प्रेसिडेंशियल एयरक्राफ्ट IL-96 यानी फ्लाइंग क्रेमलिन ने करीब साढ़े छह घंटे तक आसमान में सस्पेंस बनाए रखा. इस सस्पेंस के खेल में दोनों प्लेन के ट्रांसपॉन्डर खास रोल में थे. कभी एक प्लेन का ट्रांसपॉन्डर ऑफ हो जाता, तो कभी दूसरे प्लेन का. कभी दोनों ही प्लेन एक साथ आसमान में नजर आने लगते. आपको बता दें कि सिक्योर, एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन सिस्टम्स, स्पेशल एंटी-मिसाइल टेक, एक्सटेंडेड रेंज, हाई-लेवल इलेक्ट्रॉनिक प्रोटेक्शन और एक सीक्रेट कमांड सेंटर जैसे सेटअप से लैस ये दोनों एयरक्राफ्ट लगातार पूरी दुनिया के लिए कौतूहल का विषय बने रहे.
दिल्ली में लैंडिंग के बाद ही खत्म हुआ सस्पेंस
रशियन प्रेसीडेंट ब्लादिमीर पुतिन का प्रेसिडेंशियल एयरक्राफ्ट IL-96 फ्लाइंग क्रेमलिन देर शाम दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ, जिसके बाद आसमान से घंटों से चल रहा सस्पेंस भी खत्म हो गया. रेड कारपेट के सामने फ्लाइंग क्रेमलिन के खड़े होते ही स्पष्ट हो गया कि राष्ट्रपति पुतिन किस एयरक्राफ्ट में है. थोड़ा इंतजार के बाद प्लेन के दरवाजे खुदे और राष्ट्रपति पुतिन बाहर आए, जिनका स्वागत खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया.
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Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
First Published :
December 05, 2025, 08:22 IST

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