Last Updated:November 04, 2025, 10:11 IST
Delhi Land Subsidence Danger: दिल्ली-NCR में जमीन धंसाव तेजी से बढ़ रहा है, जिससे 17 लाख लोगों की जिंदगी खतरे में आ गई है. सैकड़ों की तादाद में बिल्डिंग्स डेंजर जोन में आ चुके हैं. समय रहते यदि इस समस्या से नहीं निपटा गया तो आने वाले सालों में यह और भयावह रूप धारण कर सकता है.
national capital delhi sinking land subsidence maximum rate 1700000 people in danger nature journal study reportDelhi Land Subsidence Danger: देश की राजधानी दिल्ली में पर्यावरण से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हैं, पर एक गंभीर संकट अब दहलीज तक पहुंच चुकी है. यदि शासन-प्रशासन और आमलोग अभी भी नहीं जागे तो व्यापक तबाही तय है. दिल्ली-NCR में जमीन धंसाव (land subsidence) की रफ्तार तेज हो गई है. महानगरों में दिल्ली तीसरे नंबर पर है, जहां यह संकट सबसे ज्यादा गंभीर है. स्टडी रिपोर्ट की मानें तो हजारों की संख्या में बिल्डिंग्स के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है. हालात में यदि सुधार नहीं हुआ तो आने वाले समय में संकट का दायरा और आगे बढ़ने का खतरा पैदा हो जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि जमीन धंसाव की वजह से 17 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. एक्सपर्ट ने इस समस्या के लिए जिम्मेदार तीन वजहों के बारे में भी बताया है. इससे पहले अहमदाबाद समेत अन्य शहरों को लेकर इस तरह के खतरे की बात सामने आई थी.
दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली अन्य सभी भारतीय महानगरों की तुलना में सबसे तेजी से धंस रही है. नेचर जर्नल में प्रकाशित एक नई अंतरराष्ट्रीय स्टडी में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में जमीन धंसने की अधिकतम दर 51 मिलीमीटर प्रति वर्ष तक पहुंच चुकी है और यहां 2,264 इमारतें गंभीर संरचनात्मक जोखिम (high structural risk) की श्रेणी में आ गई हैं. अध्ययन के अनुसार, करीब 17 लाख (1.7 मिलियन) लोग इस खतरे के दायरे में हैं. ‘Building Damage Risk in Sinking Indian Megacities’ नाम से प्रकाशित इस स्टडी में कहा गया है कि दिल्ली में जमीन धंसने का मुख्य कारण भूजल (Groundwater) का अत्यधिक दोहन है. शोध में बताया गया कि दिल्ली में भूजल के अत्यधिक उपयोग से जलोढ़ मिट्टी (alluvial soil) के संकुचन की प्रक्रिया तेज हुई है, जिससे जमीन लगातार धंस रही है.
तीसरे नंबर पर दिल्ली
अध्ययन के अनुसार, पांच भारतीय महानगरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु) में दिल्ली भू-धंसाव के मामले में तीसरे स्थान पर है, जहां 196.27 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र भूमि धंसाव से प्रभावित है. मुंबई (262.36 वर्ग किमी) और कोलकाता (222.91 वर्ग किमी) इससे आगे हैं. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस अध्ययन में उपग्रह रडार (InSAR) डाटा के विश्लेषण से पता चला कि एनसीआर में बिजवासन, फरीदाबाद और गाजियाबाद में 28.5 मिमी, 38.2 मिमी और 20.7 मिमी प्रति वर्ष की दर से जमीन धंस रही है. वहीं, दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में कुछ जगहों पर जमीन 15.1 मिमी प्रति वर्ष की दर से ऊपर उठती भी पाई गई है.
और बढ़ेगा खतरा
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगले 30 वर्षों में दिल्ली में करीब 3,169 इमारतें अत्यधिक जोखिम में होंगी. 50 साल बाद यह संख्या बढ़कर 11,457 तक पहुंच सकती है. इसी तरह मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी इमारतों के धंसने और क्षति की आशंका जताई गई है.शोध में कहा गया कि भारत में सतही जल (surface water) और भूजल की आपूर्ति मानसूनी वर्षा पर निर्भर करती है, लेकिन मानसून के अस्थिर होने और वर्षा के पैटर्न में बदलाव से एक्विफर पर भारी दबाव पड़ा है. विशेषज्ञों ने चेताया कि अगर इसे रोकने पर काम नहीं हुआ तो धंसाव की दर और बढ़ सकती है.
तीन बड़ी वजहें
यह शोधपत्र कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय के अर्थ सिस्टम साइंस, वर्जीनिया टेक के जियोसाइंस डिपार्टमेंट और कनाडा के रिचमंड हिल (ओंटारियो) स्थित संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किया गया है. इसमें वर्ष 2015 से 2023 के बीच की उपग्रह रडार अवलोकन (InSAR) जानकारी का विश्लेषण किया गया है.
जमीन धंसाव के लिए जिम्मेदार इन तीन वजहों की पहचान की गई है -:
ग्राउंड वाटर का अत्यधिक दोहन मानसून की अनियमितता क्लाइमेट चेंजचेतावनी
शोधकर्ताओं ने कहा कि पारंपरिक तकनीकों से इमारतों की संरचनात्मक क्षति का आकलन करना कठिन है, क्योंकि हर दरार धंसाव का संकेत नहीं होती और दरारों का न होना भी सुरक्षा की गारंटी नहीं है. इसलिए उन्होंने सुझाव दिया कि भू-धंसाव और इमारतों की क्षति का एक समग्र व मानकीकृत डेटाबेस तैयार किया जाए ताकि नीतिगत कदम समय पर उठाए जा सकें. अध्ययन ने निष्कर्ष में कहा कि जलवायु परिवर्तन, मौसम की चरम स्थितियां और भूमि धंसाव का सम्मिलित प्रभाव भारत के शहरी बुनियादी ढांचे पर गंभीर खतरा बन रहा है, और इस चुनौती से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 04, 2025, 10:03 IST

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