Last Updated:November 23, 2025, 11:58 IST
Bihar Minister Caste Equation : बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद बनी नई एनडीए सरकार ने मंत्रिमंडल गठन के साथ ही यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि आने वाले राजनीतिक दौर में सामाजिक संतुलन, जातीय भागीदारी और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व इसकी सबसे बड़ी प्राथमिकताएं होंगी. आइए एक नजर डालते हैं कि आपके मंत्री किस इलाके से हैं और किस समुदाय वर्ग से आते हैं.
बिहार एनडीए सरकार के नए मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार समेत 27 मंत्री, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के साथ सामाजिक प्रतिनिधित्व पर जोर दिया गया है.पटना. बिहार में एनडीए सरकार के नए मंत्रिपरिषद का चेहरा अब साफ हो चुका है और इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कुल 27 मंत्री हैं. इनमें जदयू, भाजपा, एलजेपी, हम और आरएलएम के नेताओं का संतुलित मेल दिखाई देता है. मंत्रिपरिषद के नामों को देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि यह मंत्रिमंडल सिर्फ राजनीतिक मजबूरियों का परिणाम नहीं, बल्कि जातीय समीकरण, सामाजिक प्रतिनिधित्व और क्षेत्रीय बैलेंस का एक सोचा-समझा खाका भी प्रतीत होता है. जानकारों की नजर में कुल 27 सदस्यों वाला यह कैबिनेट न सिर्फ राजनीतिक स्थिरता का संदेश देता है, बल्कि बिहार की जटिल सामाजिक संरचना को साधने की एक सोची-समझी रणनीति भी प्रतीत होता है.
जदयू में नीतीश का कोर संतुलन
एनडीए में दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में जदयू ने अपने कोटे में जातीय विविधता को केंद्र में रखा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (कुर्मी, नालंदा) और उनके भरोसेमंद सहयोगी श्रवण कुमार (कुर्मी, नालंदा) के साथ जदयू ने दलित समुदाय से अशोक चौधरी (पटना) और सुनील कुमार (गोपालगंज) को फिर अहम जिम्मेदारियां सौंपी हैं. राजपूत समुदाय से लेसी सिंह (पूर्णिया) और भूमिहार प्रतिनिधित्व के रूप में विजय चौधरी (समस्तीपुर) को शामिल कर पार्टी ने परंपरागत सवर्ण आधार को भी मजबूत रखने का संकेत दिया है. यादव समाज से विजेंद्र यादव (सुपौल), मल्लाह वोट-बैंक से मदन साहनी (दरभंगा) और मुसलमान समुदाय से जमा खान (कैमूर) को शामिल कर जदयू ने व्यापक सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है.
| नाम | विभाग | जाति | क्षेत्र |
| नीतीश कुमार | सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी एवं निर्वाचन, ऐसे सभी विभाग जो किसी को आबंटित नहीं हैं. | कुर्मी | नालंदा |
| अशोक चौधरी | ग्रामीण कार्य | दलित (पासी) | पटना |
| लेसी सिंह | -खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण | राजपूत | पूर्णिया |
| सुनील कुमार | शिक्षा, विज्ञान, प्रावैधिक एवं तकनीकी शिक्षा | दलित | गोपालगंज |
| विजेंद्र यादव | ऊर्जा, योजना एवं विकास, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, वित्त एवं वाणिज्य–कर | यादव | सुपौल |
| श्रवण कुमार | ग्रामीण विकास, परिवहन | कुर्मी | नालंदा |
| विजय चौधरी | जल संसाधन, संसदीय कार्य, सूचना एवं जन–संपर्क, भवन निर्माण | भूमिहार | समस्तीपुर |
| मदन साहनी | समाज कल्याण | मल्लाह | दरभंगा |
| जमा खान | अल्पसंख्यक कल्याण | मुस्लिम | कैमूर |
भाजपा का जातीय विस्तार का राजनीतिक संदेश
इधर, एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में इस बार सत्ता में निर्णायक भूमिका में आ चुकी भारतीय जनता पार्टी ने मंत्रिपरिषद में सबसे अधिक चेहरे दिए हैं. मुख्य रूप से पिछड़ा, अति-पिछड़ा और सवर्ण- तीनों आधारों को संतुलित किया गया है. सम्राट चौधरी (कुशवाहा, मुंगेर) के डिप्टी सीएम बनने के बाद कुशवाहा समुदाय से एक और मंत्री सुरेंद्र मेहता (बेगूसराय) को शामिल कर संदेश दिया गया है कि यह तबका पार्टी के केंद्र में है. सवर्ण चेहरों में विजय सिन्हा (भूमिहार, लखीसराय), मंगल पांडे (ब्राह्मण, सिवान) और नितिन नवीन (कायस्थ, पटना) प्रमुख हैं.
| नाम | विभाग | जाति | क्षेत्र |
| सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री) | गृह | मुंगेर कुशवाहा | मुंगेर |
| विजय सिन्हा (उपमुख्यमंत्री) | राजस्व एवं भूमि सुधार, खान एवं भू–तत्व | भूमिहार | लखीसराय |
| दिलीप जायसवाल | उद्योग | वैश्य | किशनगंज |
| मंगल पांडे | स्वास्थ्य, विधि | ब्राह्मण | सिवान |
| नितिन नवीन | पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास | कायस्थ | पटना |
| सुरेंद्र मेहता | पशु एवं मत्स्य संसाधन | कुशवाहा | बेगूसराय |
| संजय टाइगर | श्रम संसाधन | राजपूत | आरा |
| लखेंद्र पासवान | अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण | पासवान | वैशाली |
| श्रेयसी सिंह | सूचना प्रावैधिकी, खेल | राजपूत | जमुई |
| अरुण शंकर प्रसाद | पर्यटन, कला, संस्कृति एवं युवा | सूड़ी | मधुबनी |
| राम कृपाल यादव | कृषि | यादव | पटना |
| रमा निषाद | पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण | मल्लाह | मुजफ्फरपुर |
| नारायण शाह | आपदा प्रबंधन | बनिया | चंपारण |
| प्रमोद कुमार चंद्रवंशी | सहकारिता, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन | अति पिछड़ा | औरंगाबाद |
भाजपा की सबको साधने की कोशिश दिख रही
भाजपा ने व्यापारिक समाज से दिलीप जायसवाल (वैश्य, किशनगंज) और नारायण शाह (बनिया, चंपारण) को जगह दी है, वहीं अति पिछड़ा वर्ग से प्रमोद कुमार चंद्रवंशी (औरंगाबाद) की एंट्री सामाजिक विस्तार का संकेत देती है. राजपूत समाज को संजय टाइगर (आरा) और श्रेयसी सिंह (जमुई) के रूप में प्रतिनिधित्व मिला है. निषाद-मल्लाह वर्ग से रमा निषाद (मुजफ्फरपुर) को शामिल करना भाजपा की पूर्वी बिहार रणनीति से जुड़ा माना जा रहा है. यादव समुदाय से भाजपा का बढ़ता प्रयोग राम कृपाल यादव (पटना) के मंत्री बनने के रूप में दिखता है.
LJPR, HAM और RLM-सहयोगियों को पर्याप्त स्पेस
एनडीए के अन्य सहयोगियों में एलजेपी (पासवान) को दो मंत्री मिले हैं- संजय पासवान (बेगूसराय) और संजय सिंह (वैशाली), जिनमें एक दलित और एक सवर्ण चेहरा है. हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) से संतोष सुमन (दलित, गया) को जगह मिली है, जबकि आरएलएम के दीपक प्रकाश (कुशवाहा, गैर-विधायक) को मंत्री बनाकर एनडीए ने छोटे दलों को साथ रखने का संदेश दिया है.
| नाम | विभाग | जाति | क्षेत्र |
| संजय पासवान (LJP) | गन्ना उद्योग | पासवान | बेगूसराय |
| संजय सिंह (LJP) | लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण | राजपूत | वैशाली |
| संतोष कुमार सुमन (HAM) | लघु जल संसाधन | दलित | गया |
| दीपक प्रकाश (RLM) | पंचायती राज | कुशवाहा | नॉन इलेक्टेड |
पूरे मंत्रिमंडल पर नजर डालें तो यह स्पष्ट होता है कि-
हर बड़ी जाति को हिस्सेदारी दी गई है दलित-पिछड़ा-अति पिछड़ा-सबको उचित प्रतिनिधित्व मुस्लिम समुदाय की भी भागीदारी सुनिश्चित भौगोलिक दृष्टि से लगभग पूरे बिहार का कवरेजसंदेश साफ- सामाजिक ताने-बाने पर मजबूत पकड़
समग्र रूप से देखा जाए तो यह मंत्रिमंडल बिहार की सामाजिक संरचना का एक विस्तृत राजनीतिक प्रतिनिधित्व है. जातीय और क्षेत्रीय संतुलन की यह बारीक चाक-चौबंदगी यह बताती है कि एनडीए 2025 के बाद के राजनीतिक परिदृश्य में अपनी स्थिति मजबूत और स्थिर रखना चाहता है. इस तरह का संतुलित कैबिनेट न सिर्फ शासन संचालन को सरल बनाता है, बल्कि सरकार को सामाजिक स्तर पर व्यापक वैधता भी प्रदान करता है. एनडीए ने बिहार की जातीय राजनीति को ध्यान में रखकर एक सामाजिक इंजीनियरिंग वाला मंत्रिमंडल पेश किया है जो अगले पांच वर्षों के राजनीतिक समीकरणों की दिशा भी तय करेगा.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
November 23, 2025, 11:58 IST

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