भारत आया विंग कमांडर नमांश स्याल का पार्थिव शरीर, नम आंखों से हुआ विदाई

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Last Updated:November 23, 2025, 12:39 IST

दुबई एयर शो 2025 के दौरान हुए एक दुखद हादसे में शहीद हुए भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमांश स्याल के पार्थिव शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ भारत लाया गया. यह घटना न केवल भारतीय वायुसेना के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरा दुख का क्षण था.

तेजस फाइटर जेट के पायलट विंग कमांडर सयाल का पार्थिव शरीर भारत आ चुका है. 21 नवंबर, 2025 को दुबई एयर शो के दौरान एक प्रदर्शन के दौरान हादसे का शिकार हो गए थे. इस हादसे में वे शहीद हो गए. उनकी वीरता और समर्पण को पूरे देश ने सलाम किया है.

उनके पार्थिव शरीर को भारतीय वायुसेना के C-130 विमान से दुबई से भारत लाया गया. विमान दक्षिणी वायु कमान के बेस पर उतरा, जहां उनके लिए एक औपचारिक सैन्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया.

वायुसेना के अधिकारी और सैनिकों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की. उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. सैन्य विधि खत्म हो जाने के बाद एयरफोर्स की स्पेशल विमान से उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव रवाना कर दिया गया.

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औपचारिक श्रद्धांजलि के बाद, उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश भेज दिया गया. यहां उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा. कांगड़ा जिला, जहां सयाल का जन्म हुआ था, उनके योगदान और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.

भारतीय वायुसेना ने एक बयान जारी कर कहा, 'इस कठिन समय में, दक्षिणी वायु कमान के सभी कर्मी शोकाकुल परिवार के साथ खड़े हैं. विंग कमांडर नमांश स्याल का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा, और उनकी वीरता हमें प्रेरित करती रहेगी.'

पूरे देश में इस हादसे के बाद शोक की लहर दौड़ गई. सोशल मीडिया पर लोगों ने सयाल को श्रद्धांजलि दी. उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. कई लोगों ने उनके बलिदान को याद करते हुए कहा कि वे देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूत थे.

विंग कमांडर नमांश स्याल की शहादत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलट किस तरह अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सेवा में जुटे रहते हैं. उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.

First Published :

November 23, 2025, 12:39 IST

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