Last Updated:September 06, 2025, 11:15 IST
Mata Vaishno Devi Yatra News: जम्मू संभाग में इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. मकान-दुकान के साथ सड़कें तक बह गईं. माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास भीषण लैंडस्लाइड हुआ था, जिसमें तकरीबन 3...और पढ़ें

रियासी (जम्मू-कश्मीर). माता वैष्णो देवी के लाखों-करोड़ों भक्त नवरात्रित का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. माता रानी के इस उत्सव में हर साल लाखों की तदाद में भक्त शामिल होते हैं. इसके लिए महीने दो महीने पहले बुकिंग भी शुरू हो जाती है. फिलहाल नवरात्रि में अब दो हफ्ते का ही समय बाकी है, ऐसे में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से यात्रा को लेकर बड़ा आदेश जारी किया गया है. माता वैष्णो देवी यात्रा शनिवार 6 सितंबर 2025 को लगातार 12वें दिन भी ठप रही. त्रिकुटा पर्वत क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश और उसके चलते हुए लैंडस्लाइड के कारण यात्रा मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए असुरक्षित घोषित किया गया है.
माता वैष्णो देवी यात्रा 26 अगस्त को उस समय स्थगित कर दी गई थी, जब अर्धकुंवारी के पास इंदरप्रस्थ भोजालय क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ था. इस हादसे में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए थे. यह हादसा दोपहर करीब तीन बजे उस समय हुआ, जब पहाड़ से बड़े पैमाने पर मलबा और चट्टानें नीचे आ गिरी थीं. दूसरी तरफ, क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (श्रीनगर) के अनुसार, 7 सितंबर तक जिले में कोई विशेष चेतावनी नहीं है. हालांकि, 8 और 9 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. अलर्ट में आंधी, बिजली गिरने और तेज हवा चलने की संभावना जताई गई है.
माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.
जांच समिति का गठन
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे के तुरंत बाद उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय समिति गठित करने के आदेश दिए थे. इस समिति की अध्यक्षता जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन कबरा कर रहे हैं. समिति में जम्मू के मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को भी शामिल किया गया है. आधिकारिक आदेश में कहा गया कि समिति को दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपनी होगी. समिति हादसे के कारणों की जांच करेगी. राहत-बचाव कार्यों का आकलन करेगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं यानी SOPs तय करेगी.
यात्रा अभी भी बंद
लगातार 12 दिन से यात्रा ठप रहने के कारण हजारों श्रद्धालु कटरा और आसपास के क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. कई श्रद्धालुओं ने यात्रा बहाल होने की उम्मीद में ठहराव बढ़ा दिया है, जबकि अन्य को मायूस होकर लौटना पड़ा. स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि यात्रा रुकने से उन्हें भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि उनकी आय का बड़ा हिस्सा श्रद्धालुओं पर निर्भर है.
सेना ने बहाल की कनेक्टिविटी
उधर, जम्मू संभाग के डोडा जिले में भी प्राकृतिक आपदा ने कहर ढाया. भद्रवाह क्षेत्र के बजा गांव में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण कई सड़कों को भारी नुकसान हुआ. इसके चलते बुटला, बजा, श्रेखी और कट्यारा जैसे गांव मुख्य नगर से कट गए. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना की 4 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने राहत कार्य शुरू किया. महज 18 घंटे में एक अस्थायी लकड़ी का पुल तैयार कर प्रभावित गांवों को दोबारा जोड़ा गया. इस प्रयास से स्थानीय लोगों को राहत मिली और जरूरी आपूर्ति बहाल हो सकी.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
Reasi,Jammu and Kashmir
First Published :
September 06, 2025, 11:14 IST