Last Updated:September 06, 2025, 13:07 IST
Hazratbal Shrine Emblem Row: श्रीनगर की हज़रतबल दरगाह में अशोक चिह्न तोड़े जाने पर कविंद्र गुप्ता और दरख़्शां अंद्राबी ने कड़ी कार्रवाई की मांग की. वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने उन...और पढ़ें

जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न को लेकर कट्टरपंथियों ने जमकर बवाल काटा. कट्टरपंथियों की भीड़ ने दरगाह की उद्घाटन पट्टिका में लगे अशोक चिह्न को पत्थर मार मार कर तोड़ डाला. इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘उस पत्थर पर राष्ट्र चिह्न लगाना चाहिए था या नहीं पहले वो सवाल बनता है. मजहबी चीज में अशोक चिह्न लगाने की क्या मजबूरी बनी थी.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पत्थर लगाने की जरूरत ही नहीं थी.
वहीं विपक्षी पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी उमर वाली लाइन लेते हुए कहा कि ‘गुस्ताखी की जाएगी तो लाजमी है कि हमें गुस्सा आता है. भावनाए उमड़ जाती हैं.’ पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘…जिन लोगों ने भावनाओं में बहकर तोड़फोड़ की और वे प्रतीक के खिलाफ नहीं हैं… यह कहना सही नहीं है कि इन लोगों को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और वे आतंकवादी हैं… जिम्मेदार लोगों, विशेष रूप से अवाक्फ बोर्ड के खिलाफ धारा 295-ए के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए…, क्योंकि यह हमारे लिए कुफ्र (पाप) है…’
#WATCH | Srinagar, J&K | On the vandalisation of stone plaque at Hazratbal shrine, PDP chief Mehbooba Mufti says, “…The people who vandalised after getting overcome with emotions and they are not against the emblem…It is not right to say that these people should be arrested… pic.twitter.com/5OAhyR7VD5
उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
इस घटना पर लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने भी प्रतिक्रिया देते हुए दुख जताया है. गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘हज़रतबल दरगाह के जीर्णोद्धार पट्टिका पर अशोक चिह्न के साथ हुई बर्बरता से गहरा दुख हुआ है. अशोक चिह्न हमारी संप्रभुता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है. इस तरह की हरकतें हमारी राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं और इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’
क्या है पूरा मामला?
दरअसल हज़रतबल दरगाह में हाल ही में एक नए गेस्ट हाउस की आधारशिला रखी गई थी, जिसमें अशोक स्तंभ का राष्ट्रीय चिह्न लगाया गया था. गुरुवार को कट्टरपंथी भीड़ ने इसे मज़हब के खिलाफ़ बताते हुए जमकर बवाल काटा और पट्टिका पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक को पत्थरों से तोड़ डाला.
भीड़ का आरोप था कि दरगाह में ‘मूर्ति जैसी चीज़’ लगाई गई है, जो इस्लाम के खिलाफ़ है. पुलिस जब मौके पर हालात काबू करने पहुंची, तो भीड़ ने पत्थरबाज़ी कर पुलिस दल पर भी हमला कर दिया.
‘एक राजनीतिक पार्टी के गुंडे’
इस घटना पर जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख़्शां अंद्राबी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ‘अशोक स्तंभ पर हमला करने वाले एक राजनीतिक पार्टी के गुंडे हैं. FIR दर्ज होनी चाहिए, क्योंकि वायरल वीडियो में उनकी पहचान साफ है.’ अंद्राबी ने यह भी मांग की कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उस विधायक के खिलाफ़ भी केस दर्ज किया जाए, जिसने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया.
अंद्राबी ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘जो लोग दरगाह में राष्ट्रीय चिह्न का अपमान कर रहे हैं, क्या वे बिना नोट के दरगाह आते हैं? भारतीय मुद्रा पर भी तो अशोक स्तंभ है.’ उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगी.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय चिह्न का अपमान करने वालों की पहचान कर ली गई है और वे एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं. उनके खिलाफ़ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करने पर कानून में 6 महीने की सज़ा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
Srinagar,Jammu and Kashmir
First Published :
September 06, 2025, 13:07 IST