Last Updated:August 25, 2025, 13:34 IST
114 साल पहले पानी के जहाज से 100 से ज्यादा छोटे-बड़े पैकेट उतरे, उन्हें फिर यूपी के शहर में लाकर असेंबल किया गया. ये विमान केवल 6 मील उड़ा, क्योंकि उसकी फ्यूल टंकी इतनी ही दूर तक उसको उड़ा सकती थी

क्या आपको मालूम है कि देश में पहला विमान कहां उतरा था. कहां से उड़ा था. उस पर कितने लोग सवार थे. ये कैसा विमान था. क्यों इसने उड़ते ही एक विश्व रिकॉर्ड बना लिया था. अब आपको ये भी बता दें कि ये विमान केवल 6 मील हवा में उड़ा था. कुछ मिनटों तक हवा में रहा. इस विमान की गति ऐसी थी कि धरती पर दौड़ते हुए कोई भी इसका पछाड़ दे.
आपको उत्सुकता हो रही होगी कि आखिर ये विमान कौन सा था. विदेश से आकर कैसे यूपी के एक छोटे शहर में उतरा और लोग तो हैरानी से इसको देखते रह गए, क्योंकि उससे पहले उन्होंने इतनी हैरतअंगेज चीज देखी ही नहीं था. तब तक ये माना जाता था कि मनुष्य तो हवा में उड़ ही नहीं सकता.
114 साल पहले नैनी में उतरा
ये हवाई जहाज 114 साल पहले 18 फरवरी 1911 में नैनी में उतरा था, जो यूपी में इलाहाबाद के बगल में एक कस्बा है. वजह कुछ खास थी. इस जहाज इलाहाबाद यानि प्रयागराज से उड़ाया गया नैनी तक के लिए. ये केवल 6 मील यानि 9.6 किलोमीटर तक उड़ा. समय लिया 13 मिनट. प्लेन का नाम था हंबर बाइप्लेन. ये पहला प्लेन था जो भारत में आया और यहां उड़ा.
क्या थी विमान की स्पीड
विमान की औसत स्पीड लगभग 40 से 45 मील प्रति घंटा (लगभग 64 से 72 किलोमीटर प्रति घंटे) मानी जाती है, जो उस समय के शुरुआती विमानों के लिए नॉर्मल थी. ये खास एविएशन पेट्रोल ईंधन से उड़ाया गया था. ये तब बस की स्पीड से भी धीमा था. जमीन पर तेज दौड़ने वाले धावक भी इसको पछाड़ सकते थे. बस बात केवल इतनी थी कि ये हवा में उड़ सकता था.
आप सोच रहे होंगे कि ये विमान इलाहाबाद से ही क्यों उड़ा और नैनी में क्यों उतरा. दरअसल देश की ये पहली व्यावसायिक उड़ान एक खास काम के लिए हुई. इस उड़ान से भारतीय डाक सेवा की शुरुआत हुई.
कौन थे इसके पायलट
इस उड़ान के पायलट थे हेनरी पिकेट, जिन्होंने उस दिन हंबर बाई प्लेन उड़ाया था. उस दिन विमान से 6500 डाक ले जायी गई. विश्व रिकॉर्ड इसलिए बना क्योंकि इसे दुनिया की पहली एयरमेल फ्लाइट भी माना जाता है. उड़ान इलाहाबाद के पोलो ग्राउंड में शुरू हुई और नैनी जंक्शन पर उतरी. वैसे इस विमान को भारत लाया कैसे गया, इसकी कहानी भी रोचक है.
1911 में पहली बार हवाई जहाज को ब्रिटिश एवं कालोनियल एयरोप्लेन कंपनी ने भारत में प्रदर्शन के लिए भेजा था. इसका आयोजन प्रयागराज (इलाहाबाद) में चल रहे यूपी एक्जीबिशन व कुंभ मेले के दौरान किया गया.
समुद्र के रास्ते 100 से ज्यादा पैकेट्स में लाया गया
दरअसल ये विमान 100 से ज्यादा पैकेट्स में अलग अलग पार्ट्स और पुर्जों के साथ भारत पानी के जहाज में था. जब विमान के 100 से भी ज्यादा पैकेट भारत आए, तो उसके साथ कई ब्रिटिश इंजीनियर भी आए, इन्हें कई दिनों तक जोड़ा जाता रहा. लोग बहुत हैरानी से इन पुर्जों और टुकड़ों से विमान को असेंबल होते देखने आया करने थे.
1911 में जनवरी में ही यह विमान के पैकेट भारत में आए. जब ये विमान प्रयागराज में तैयार करके उड़ाया गया, तो एक लाख लोग इसे देखने के लिए इकट्ठा थे. तब इलाहाबाद ब्रिटिश राज में बड़ा कैंटोनमेंट एरिया के साथ प्रशासनिक इलाका बन चुका था.
किस कंपनी ने शुरू किया
इस पहली हवाई डाक सेवा का आयोजन और विमान की व्यवस्था ब्रिटिश एवं कालोनियल एयरोप्लेन कंपनी ने की थी. इस लाने की योजाना और अनुमति ब्रिटिश शासन के डाक अधिकारियों के सहयोग से हुई, जिसमें कर्नल वाई विंधाम विशेष रूप से सक्रिय थे.
इस प्लेन पर कितने लोग सवार थे
1911 में पहली हवाई उड़ान पर कुल मिलाकर सिर्फ एक व्यक्ति पायलट हेनरी पिक्वेट ही विमान में सवार था. यह विमान दो सीटों वाला बाइप्लेन था, जिसमें पायलट अकेले उड़ान भरता था. उड़ान का मुख्य उद्देश्य डाक ना कि यात्रियों को ले जाना। इसलिए विमान में सिर्फ पायलट ही था, यात्रियों के लिए जगह नहीं थी.
कितनी बड़ी थी इसकी फ्यूल टंकी
ये भारत में उड़ा सबसे पहला विमान था. विमान के इंजन की पावर लगभग 50 हॉर्सपावर (HP) थी. यह एक पिस्टन इंजन होता था, जो उस समय के छोटे विमानों में आम था. जहां तक ईंधन क्षमता की बात है, इस विमान में लगभग 30 से 50 लीटर के करीब एविएशन ग्रेड पेट्रोल (एविगैस) रखने की क्षमता थी। इतने ईंधन से वह करीब 13 मिनट की उड़ान भर सकता था, जैसा कि इलाहाबाद से नैनी तक की उड़ान थी.
पहला चार्टर्ड प्लेन कब उड़ा, किसने उड़ाया
भारत में पहला चार्टर्ड यात्री विमान 15 अक्टूबर 1932 को आया था, जब जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस के तौर पर पहली उड़ान भरी थी. यह उड़ान कराची से मुंबई के लिए थी. पहली हवाई पट्टी (रनवे) भी इसी दौरान भारत में बनी, जो उस समय एक मैदान था, जहां से विमान टेकऑफ और लैंडिंग करता था. भारत की पहली इंटरनेशनल हवाई उड़ान 8 जून 1948 को एयर इंडिया ने मुंबई से लंदन के लिए भरी थी, जिसमें 35 यात्री सवार थे.
कैसा था हंबर बाइप्लेन, कैसे उड़ता था
हंबर बाइप्लेन एक शुरुआती ब्रिटिश विमान था, जिसे हंबर मोटर कंपनी ने डिजाइन किया और बनाया. ये एक बाइप्लेन था, जिसका मतलब है कि इसमें दो मुख्य पंख एक दूसरे के ऊपर लगे होते थे, जो अधिक लिफ्ट और स्थिरता प्रदान करते थे.
यह विमान सामान्य पिस्टन इंजन द्वारा संचालित होता था, जिसमें प्रोपेलर (पंखा) लगाकर इंजन की शक्ति से हवा में उड़ान भरी जाती थी. पायलट के नियंत्रण में यह विमान हवा में ऊपर उठता और उड़ता था. हंबर बाइप्लेन आमतौर पर प्रयोग के लिए उड़ाया जाने वाला प्लेन ज्यादा रहा.
भारत में इस विमान के बाद आधुनिक और बड़े विमानों ने उड़ान सेवाएं शुरू कीं. हंबर बाइप्लेन धीरे-धीरे तकनीकी व व्यावसायिक कारणों से सेवा से बाहर हो गया.
Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
August 25, 2025, 13:34 IST