Gaza News: गाजा में गोलीबारी थमने का नाम ही नहीं ले रही है. इजरायली हमलों से मरने वालो की संख्या लगभग 54 हजार के पार पहुंच गई है. ये लोग सिर्फ हमलों का ही शिकार नहीं हुए हैं बल्कि इसमें कई लोगों की जान भुखमरी से भी हुई है. गाजा के बिगड़ते हुए हालात पर संयुक्त राष्ट्र ने बड़ी घोषणा की है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गाजा इस धरती का इकलौता ऐसा स्थान है जहां पर हर एक व्यक्ति अकाल के खतरे में है. यह सबसे भूखा स्थान है जहां पर लोगों को भुखमरी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
लूटपाट की स्थिति
संयुक्त राष्ट्र का ये बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब गाजा शहर में हताशा और अराजकता व्याप्त है. शहर में लूटपाट की स्थिति देखी गई जिसको पुलिस द्वारा नियंत्रित किया गया जा रहा था हालांकि इसी दौरान हुए इज़रायली हवाई हमले में सात पुलिस अधिकारियों की जान चली गई. इसके बाद हमास द्वारा संचालित आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि अधिकारियों को व्यवस्था बहाल करने के लिए तैनात किया गया था, लेकिन लुटेरों का सामना करते समय उन्हें निशाना बनाया गया. इजरायल ने अभी तक इस घटना पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है. पर उसने गाजा में दर्जनों आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए हैं.
भूखे लोगों ने लगाई सेंध
इस हमले में करीब 44 लोगों की जान चली गई है. इसमें 23 केंद्रीय बुरेज शरणार्थी शिविर में मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने बताया कि डेर अल-बलाह में उसके गोदाम में भूखे लोगों की भीड़ ने सेंध लगाई. इस दौरान दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं राफा में अमेरिका और इजरायल के समर्थन से एक नया वितरण केंद्र स्थापित किया गया है. इस सप्ताह की शुरुआत में हजारों हताश लोग गेट पर पहुंचे. इस दौरान यहां 50 लोगों को गोली मार दी गई और वे घायल हो गए. इस हालात को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इजरायली सेना ने हवा में चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं लेकिन सीधे तौर पर नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाया.
संयुक्त राष्ट्र ने काम करने से किया इनकार
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक GHF ने कहा कि उसने गुरुवार को 17,280 खाद्य डिब्बे वितरित किए, जो लगभग दस लाख भोजन के बराबर है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने GHF प्रणाली के साथ काम करने से इनकार कर दिया है. गाजा में संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय के प्रमुख जोनाथन व्हिटल ने कहा कि GHF का मॉडल अनिवार्य रूप से कमी को बढ़ावा दे रहा है और यह वहां रहने वाले 2.1 मिलियन लोगों की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता. वहीं अमेरिका और इजरायल की सरकारों का दावा है कि यह प्रणाली हमास द्वारा सहायता को जब्त करने से रोक रही है.