Last Updated:September 26, 2025, 14:29 IST
Supreme Court On Ban of Firecracker: दिवाली से पहले दिल्लीवालों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत की सांस दी है. पटाखों पर बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन को लेकर बड़ी बात कही है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली से पहले पटाखों पर बैन को लेकर अहम टिप्पणी की है. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की संभावना से इनकार कर दिया है. शुक्रवार 26 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि बैन के बाद पटाखा माफिया एक्टिव हो जाते हैं.
चीफ जस्टिस बीआर. गवई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, ‘हमें माफिया से भी सावधान रहने की जरूरत है, जो बैन के बाद सक्रिय हो जाते हैं.’ कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पटाखा निर्माताओं को काम करने का अधिकार है, तो नागरिकों को साफ हवा में सांस लेने का भी बराबर का हक है. इस मामले में अगली सुनवाई 8 अक्टूबर 2025 को होगी, जिसमें जरूरत पड़ने पर उचित निर्देश जारी किए जाएंगे.
ग्रीन पटाखों की अनुमति
कोर्ट ने केंद्र सरकार (MoEF) को सभी पक्षकारों, जैसे दिल्ली सरकार, पटाखा निर्माता और विक्रेताओं से सलाह कर 10 दिन में व्यवहारिक समाधान पेश करने का निर्देश दिया है. अभी के लिए ग्रीन क्रैकर्स के निर्माण की अनुमति दी गई है, बशर्ते वे नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) के मानकों का पालन करें. हालांकि, दिल्ली-एनसीआर जैसे निषिद्ध क्षेत्रों में इनकी बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी. निर्माताओं को कोर्ट के समक्ष हलफनामा देकर यह आश्वासन देना होगा कि वे प्रतिबंधित क्षेत्रों में कोई बिक्री नहीं करेंगे.
पटाखों पर QR कोड लगाने की मांग
सुनवाई के दौरान सीनियर वकील अपराजिता सिंह ने पूर्ण प्रतिबंध की मांग की. लेकिन, चीफ जस्टिस ने मजदूरों के जीवनयापन का मुद्दा उठाया. अपराजिता ने कहा कि CAQM की रिपोर्ट में कोई प्रभावी तंत्र नहीं है, क्योंकि NEERI सिर्फ एक बार उत्पाद की टेस्टिंग करता है. जबकि बाजार में बिक्री के दौरान निगरानी नहीं होती. सीनियर वकील बलबीर सिंह ने सुझाव दिया कि ग्रीन क्रैकर्स के मानक न मानने पर उन्हें नॉन-ग्रीन माना जाए. CAQM ने जोर दिया कि उत्पाद की संरचना की जांच के बाद ही मंजूरी दी जानी चाहिए. अपराजिता ने QR कोड लगाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन जस्टिस विनोद चंद्रन ने चेतावनी दी कि NEERI को भेजा गया नमूना और बाजार में बिकने वाला उत्पाद अलग हो सकता है.
किसने पटाखों से बैन हटाने की मांग की?
सीनियर वकील परमेश्वर ने निर्माण पर से बैन हटाने की मांग की, जबकि ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि केंद्र ने पूर्ण बैन का सुझाव नहीं दिया. चीफ जस्टिस ने कहा, “अगर मानकों का पालन हो, तो निर्माण में क्या दिक्कत है? अत्यधिक आदेश समस्या पैदा करते हैं.” उन्होंने माना कि पिछले बैन में गैर-कानूनी पदार्थों का इस्तेमाल हुआ, जिसके लिए दोषियों का लाइसेंस रद्द करने की सजा तय की. कोर्ट का यह फैसला प्रदूषण नियंत्रण और आजीविका के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है, लेकिन दीपावली से पहले इस पर आम सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण होगा.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 26, 2025, 13:44 IST