ट्रंप के सलाहकार नवारो ने फिर उगला जहर, बोले- बातचीत की टेबल पर आ रहा भारत...

5 hours ago

India Us Trade Talks today: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो (Peter Navarro) ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है. व्हाइट हाउस के अफसर नवारो ने भारत की ट्रेड पॉलिसी पर निशाना साधते हुए सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि उनकी रणनीति से भारत बातचीत की मेज पर आ रहा है. नवारो ने कहा, भारत आगे बढ़ा है. प्रधानमंत्री मोदी ने सौहार्दपूर्ण रवैया दिखाते हुए ट्वीट किया जिसका राष्ट्रपति ट्रंप ने जवाब दिया, देखते हैं आगे क्या होता है? क्योंकि दोनों देशों के बीच बिजनेस डील को लेकर बातचीत जारी है.'

तो क्या अबतक टैरिफ की धौंस से डरा रहे थे ट्रंप?

हैरानी की बात ये कि नवारो ने ये निशाना तब साधा, जब हाल ही में प्रेसिडेंट ट्रंप और पीएम मोदी ने भारत-अमेरिकी संबंधों (India US Relations) को अहम बताया था. ताजा हमले में नवारो ने कहा, 'व्यापारिक समस्याएं दूर करने का काम बाकी है. व्यावहारिक रूप से कहूं तो व्यापारिक मोर्चे पर, भारत के टैरिफ किसी भी बड़े देश की तुलना में सबसे ज्यादा हैं. इंडिया के नॉन टैरिफ बैरियर बहुत हाई हैं. हमें कई चीजों पर काम करना पड़ा, जैसे हम दूसरे देशों से निपट रहे हैं. जो जैसा करता है, उसका वैसा जवाब देते हैं'.

अब सवाल उठता है कि ट्रंप के अफसर कह रहे हैं कि भारत बातचीत की टेबल पर आ रहा है तो क्या अबतक भारत ट्रंप की टैरिफ धमकियों को अनसुना करके अपने व्यापारिक हित साधने के लिए जो जरूरी था वो फैसले ले रहा था. यानी पीटर नवारो के बयान के हिसाब से जब डोनाल्ड ट्रंप भारत पर 50% टैरिफ की धौंस दिखा रहे थे या इंडियन इकॉनमी को डेड बता रहे थे, उस वक्त भी भारत बिना किसी धमकी की परवाह किए बगैर अपनी तरक्की की राह पर बढ़ता जा रहा था.

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रूसी तेल का खौफ कम नहीं हुआ बदजुबानी तो देखिए

सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में भी नवारो और उनके आका के दिमाग में रूसी तेल का खौफ एकदम साफ नजर आया. नवारो ने कहा, 'आप उनका पैटर्न समझते हैं. मतलब भारत ने 2022 से पहले ऐसा नहीं किया. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद भारत के रिफाइनर रूस के रिफाइनरों से मिल गए, वो डाकुओं की तरह काम कर रहे हैं. मेरा मतलब है, ये पागलपन जैसा है क्योंकि वे अनुचित व्यापार करके हमसे पैसा कमाते हैं तो अमेरिकी मजदूरों और अमेरिकी हितों को नुकसान हुआ होगा या हो रहा है, जो एक बड़ी चुनौती है.'

अरे बाप रे ...

पब्लिक इतनी समझदार है कि वो बहुत पहले ही अमेरिका की दुखती रग को समझकर यानी व्हाइट हाउस के भारत के रूस से सस्ता तेल खरीदने वाले खौफ पर मीम बनाकर वायरल कर चुके हैं. यानी ट्रंप जिस चीज को झेंपकर छिपा रहे थे अब ऐसी मजबूरी आ गई है कि उनके अर्दली और अफसरों को उसे खुलकर बताना पड़ रहा है. दरअसल इंटरव्यू में आगे नवारो ने रूस-चीन के साथ गठजोड़ के लिए भारत की आलोचना करते हुए कहा, 'वे पैसे देकर रूसी तेल खरीदते हैं फिर रूस हथियार खरीदता है और हमें यूक्रेन की रक्षा के लिए और ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है.'

मंगलवार को अहम बैठक

अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता मंगलवार को होनी है. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच अपने भारतीय समकक्ष के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बात आगे बढ़ाएंगे उनके सामने टेबल पर भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल होंगे. वो कई महीनों से भारत-अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं.

दरअसल कृषि-डेयरी क्षेत्रों को खोलने की अमेरिका की मांग पर भारत की कुछ आपत्तियां थीं जिन पर आपसी सहमति बनना बाकी है. कृषि और डेयरी भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये दोनों सेक्टर भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से को आजीविका के मौके प्रदान करते हैं. इसलिए पीएम मोदी कह चुके हैं कि चाहे कुछ हो जाए भारत के किसानों, डेयरी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े लोगों के हितों का नुकसान नहीं होने देंगे.

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