Last Updated:September 16, 2025, 09:35 IST
Cloudburst In Sahastradhara: देहरादून की सहस्रधारा में बादल फटने से आफत आ गई है. दो लोग लापता हैं. इसके किनारे बने कई मकान और दुकाने जमींदोज हो गई हैं.

Cloudburst In Sahastradhara: देहरादून की सहस्रधारा देश-दुनिया के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. पहाड़ों की सैर करने वाले लोग यहां की जल धाराओं में अटखेलियां करते नहीं भूलते. लेकिन, बादल फटने की घटना के कारण इस सहस्रधारा के आसपास के इलाकों में आफत आ गई है. यह सहस्रधारा हजारों पतली-पतली धाराओं से मिलकर बना है. बादल फटने की घटना के कारण अब दो लोगों को लापता होने की सूचना है. कई मकान और घर जमींदोज हो गए हैं. पानी के तेज बहाव ने देहरादून के कई इलाके मलबों से भर गया है.
क्या है सहस्रधारा
सहस्रधारा का मतबल है हजार गुना झरना या हजार धाराओं वाला झरना. यह देहरादून जिले का एक प्रसिद्ध प्राकृतिक पर्यटन स्थल है. यह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 11-15 किलोमीटर दूर है और बाल्डी नदी के किनारे बसा हुआ है. यह स्थान अपनी सल्फरयुक्त (गंधक वाली) गर्म जल धाराओं, सुंदर झरनों, गुफाओं और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. सहस्रधारा का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है, जो पौराणिक कथाओं, स्थानीय लोक मान्यताओं और औपनिवेशिक काल तक फैला हुआ है.
लोक कथाओं और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह स्थान प्राचीन काल से ही तीर्थयात्रियों और आध्यात्मिक साधकों के लिए महत्वपूर्ण रहा है. यहां की सल्फरयुक्त जल धाराओं को औषधीय गुणों वाला माना जाता है, जो त्वचा रोगों, पेट की बीमारियों और जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करती हैं. सदियों से लोग इन जल धाराओं में स्नान करने आते रहे हैं और इसे शुभ माना जाता है.
सहस्रधारा के पास भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जो झरनों के ऊपर एक चट्टान पर बना है. मंदिर में जलमग्न शिवलिंग है, जो स्थानीय लोगों के अनुसार आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है. मान्यता है कि ये जल धाराएं भगवान शिव से जुड़ी हैं और स्नान करने से पापों का नाश होता है. सहस्रधारा का प्राकृतिक इतिहास चूना पत्थर (लाइमस्टोन) की अवसादी परतों से जुड़ा है. यह पानी सल्फर से भरपूर हैं. इनकी वजह से जल का रंग भूरा-नारंगी है और यह क्षेत्र गुफाओं से भरा हुआ है.
क्या सहस्रधारा नदी है
नहीं, सहस्रधारा कोई नदी नहीं है. यह देहरादून के बाल्डी नदी के किनारे स्थित है. यह एक झरना और सल्फर (गंधक) युक्त गर्म जल धाराओं का समूह है. यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, औषधीय जल और पास के शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. बाल्डी नदी ही इस क्षेत्र में मुख्य जल स्रोत है, लेकिन सहस्रधारा स्वयं एक नदी नहीं, बल्कि एक झरना और गुफा क्षेत्र है.
क्या पीने योग्य है सहस्रधारा का पानी
सहस्रधारा देहरादून की बल्दी नदी के किनारे स्थित है और चूना पत्थर की गुफाओं से टपकते पानी से बना है. इसके पानी में गंधक (सल्फर) की मात्रा अधिक होती है. इस पानी को औषधीय गुणों वाला माना जाता है, खासकर त्वचा रोगों के इलाज के लिए. यह देहरादून शहर से लगभग 11-16 किमी दूर है और मुख्य रूप से पर्यटन, पिकनिक और चिकित्सकीय स्नान के लिए जाना जाता है. सहस्रधारा का पानी सल्फर युक्त झरने से आता है, जो पीने योग्य नहीं है. डॉक्टर भी इसके पानी को त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए ठीक मानते हैं लेकिन पीने की सलाह नहीं देते.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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First Published :
September 16, 2025, 09:30 IST
हजारों धाराओं का संगम है सहस्रधारा, मगर जीभ से सटते ही जहर बन जाता है पानी!