अमेरिका के साथ ट्रेड वार्ता शुरू, ट्रंप के दूत ब्रेंडन लिंच कर रहे US को लीड

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Last Updated:September 16, 2025, 11:18 IST

India-US Trade Talk Live: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार के बीच ब्रेंडन लिंच की अगुवाई में अमेरिकी टीम दिल्ली में है. यह टीम आज दोनों देशों के बीच ट्रेड वार्ता फिर से शुरू करने को लेकर बातचीत शुरू हो गई.

अमेरिका के साथ ट्रेड वार्ता शुरू, ट्रंप के दूत ब्रेंडन लिंच कर रहे US को लीडडोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत ब्रैंडन लिंच दिल्ली में हैं.

India-US Trade Talk Live: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत के खिलाफ छेड़े गए टैरिफ वार के बीच मंगलवार को पहली बार दोनों देशों के बीच आमने-सामने की बातचीत शुरू हो गई. इस ट्रेड वार्ता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत ब्रेंडन लिंच भारत आए हैं. लिंच अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक हैं. लिंच के नेतृत्व में अमेरिकी टीम सोमवार रात देर दिल्ली पहुंची थी. मंगलवार को वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत होगी. यह यात्रा केवल एक दिन की है. यह औपचारिक तौर पर व्यापार वार्ता नहीं है, बल्कि यह समझौते की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक पूर्व वार्ता है. अगर यह बातचीत सकारात्मक रहती है तो दोनों देशों के बीच वार्ता फिर से शुरू हो सकती है.

भारत और अमेरिका के बीच बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब रूसी तेल खरीद और कृषि बाजार खोलने जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है. वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव और भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने पत्रकारों से कहा- भारत और अमेरिका विभिन्न स्तरों पर चर्चा में लगे हुए हैं. अमेरिकी मुख्य वार्ताकार की अगुवाई में टीम आज रात भारत पहुंच रही है और मंगलवार को हम भविष्य की दिशा पर बात करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह औपचारिक वार्ता का दौर नहीं है, बल्कि समझौते की दिशा में एक कदम है.

टैरिफ विवाद

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अगस्त 2025 में भारत पर कड़े टैरिफ लगाए जो रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े हैं. 7 अगस्त को 25% पारस्परिक टैरिफ लागू हुए और 27 अगस्त को रूसी तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त 25% टैरिफ जोड़कर कुल 50% कर दिया गया. व्हाइट हाउस ने तर्क दिया कि भारत की रूसी तेल खरीद रूस को अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध फंडिंग कर रही है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता है और वह अपनी 88% जरूरत आयात पर पूरी करता है. इसमें रूस से सस्ता तेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भारत ने इस टैरिफ को अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया था, जबकि अमेरिका ने जी7 देशों से रूसी तेल खरीदारों (जैसे भारत और चीन) पर दबाव बढ़ाने को कहा. ट्रंप ने खुद स्वीकार किया कि यह कदम भारत के साथ दरार पैदा करने वाला था, लेकिन उन्होंने इसे रूस पर दबाव बनाने का जरूरी कदम बताया था.

पटरी से उतरी व्यापार वार्ता

इससे पहले मार्च 2025 से शुरू द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की पांच दौर की वार्ता हो चुकी थी और छठा दौर 25-29 अगस्त के लिए निर्धारित था. लेकिन टैरिफ के कारण इसे रद्द कर दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि दोनों देश समझौते के करीब थे, लेकिन गैर-व्यापार मुद्दों जैसे रूसी तेल ने इसे पटरी से उतार दिया.

सकारात्मक संकेत

हालांकि, दोनों देशों के बीच रिश्तों में कुछ दिनों तक तल्खी के बाद कुछ सकारात्मक संकेत आए. ट्रंप ने पिछले सप्ताह कहा कि भारत और अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए वार्ता जारी रख रहे हैं और उन्हें निश्चित विश्वास है कि बातचीत सफल होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब में कहा कि दोनों देश प्राकृतिक साझेदार हैं और एक उज्जवल, समृद्ध भविष्य के लिए मिलकर काम करेंगे. इसके बाद रिश्तों में नरमी के संकेत मिले और मंगलवार की वार्ता के लिए अमेरिकी दूत भारत में हैं.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

September 16, 2025, 10:49 IST

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