अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यात्रा प्रतिबंध की सूची को बढ़ा दिया है. पहले जिन 12 देशों पर बैन लगाया गया था, अब उसमें 5 और देशों को जोड़ दिया गया है. इसके साथ ही कुछ अन्य देशों पर आंशिक पाबंदियां भी लगाई गई हैं. यह फैसला अमेरिका में एंट्री और इमिग्रेशन नियमों को और कड़ा करने की नीति के तहत लिया गया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
व्हाइट हाउस के मुताबिक यह कदम अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और आतंकवाद से जुड़े खतरों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. बयान में कहा गया है कि कई देशों के नागरिकों के बारे में अमेरिका के पास पर्याप्त जानकारी नहीं होती, जिससे यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि वे देश के लिए खतरा हैं या नहीं.
किन-किन देशों पर हुआ एक्शन
नए फैसले के तहत बुर्किना फासो, माली, नाइजर, साउथ सूडान और सीरिया के नागरिकों के अमेरिका आने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इसके अलावा फिलिस्तीनी अथॉरिटी के जरिए जारी किए गए यात्रा दस्तावेज रखने वाले लोगों पर भी बैन लगाया गया है. वहीं, लाओस और सिएरा लियोन पर पहले से लागू आंशिक बैन को अब पूर्ण प्रतिबंध में बदल दिया गया है.
15 और देश हुए शामिल
इसके अलावा 15 देशों पर आंशिक पाबंदियां लगाई गई हैं. इनमें अंगोला, नाइजीरिया, सेनेगल, तंजानिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे जैसे देश शामिल हैं. इन देशों के नागरिकों को कुछ खास तरह के वीजा लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
पूरी तरह यात्रा प्रतिबंध (मूल 12 देश)
अफगानिस्तान म्यांमार (बर्मा) चाड रिपब्लिक ऑफ कांगो इक्वेटोरियल गिनी इरिट्रिया हैती ईरान लीबिया सोमालिया सूडान यमननए जोड़े गए देश (पूर्ण प्रतिबंध)
बुर्किना फासो माली नाइजर दक्षिण सूडान सीरियाअतिरिक्त: फिलिस्तीनी अथॉरिटी द्वारा जारी यात्रा दस्तावेज रखने वाले व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध.
आंशिक से पूर्ण प्रतिबंध में बदले गए देश: लाओस, सिएरा लियोन
आंशिक यात्रा प्रतिबंध (पहले से सूचीबद्ध)
बुरुंडी क्यूबा टोगो वेनेजुएलाआंशिक प्रतिबंध में नए जोड़े गए 15 देश
अंगोला एंटीगुआ और बारबुडा बेनिन कोट डी आइवर डोमिनिका गैबॉन गाम्बिया मलावी मॉरिटानिया नाइजीरिया सेनेगल तंजानिया टोंगा ज़ाम्बिया ज़िम्बाब्वेकिस बुनियाद पर लगीं पाबंदियां
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इन देशों में भ्रष्टाचार ज्यादा है, जन्म और पहचान से जुड़े दस्तावेज भरोसेमंद नहीं हैं और कई जगह अपराध से जुड़ा रिकॉर्ड भी ठीक से मौजूद नहीं है. कुछ देश अमेरिका के साथ कानून-व्यवस्था से जुड़ी जानकारी साझा करने से भी इनकार करते हैं. वहीं कुछ जगह निवेश के बदले नागरिकता जैसी योजनाएं चलती हैं, जिससे असली पहचान छुपाई जा सकती है.
2 फौजियों पर गोलीबारी के बाद लिया फैसला
यह फैसला वॉशिंगटन डीसी में दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर गोलीबारी की घटना के बाद आया है. इस मामले में एक अफगान नागरिक की गिरफ्तारी हुई थी, जिसे बिना पूरी जांच के अमेरिका में प्रवेश दिया गया था. ट्रंप प्रशासन ने इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए यात्रा प्रतिबंध को जरूरी बताया है.

3 hours ago
