Last Updated:June 05, 2025, 19:09 IST
मिलिंद देवड़ा ने बिलावल भुट्टो पर पाकिस्तानी सेना का समर्थन करने पर सवाल उठाए हैं, जबकि सेना ने उनके परिवार को तबाह किया था. देवड़ा ने इसे 'स्मृति और नैतिकता की हार' करार दिया है.

मिलिंद देवड़ा ने पाकिस्तान के बिलावल भुट्टों पर तीखा तंज किया है.(Image:News18)
हाइलाइट्स
मिलिंद देवड़ा ने बिलावल भुट्टो पर पाक सेना का समर्थन करने पर सवाल उठाए.देवड़ा ने इसे 'स्मृति और नैतिकता की हार' करार दिया.बिलावल भुट्टो का सेना के प्रति बदला रुख चर्चा में.नई दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे और पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी एक बार फिर भारतीय सियासी गलियारों में चर्चा में हैं. इस बार उन्हें भारत के वरिष्ठ कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने घेरा है. जिन्होंने पाकिस्तान की सेना के प्रति बिलावल के रुख पर सवाल उठाए हैं. मिलिंद देवड़ा ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ‘ये कितना हैरान करने वाला है कि बिलावल भुट्टो आज उसी पाकिस्तानी सेना का समर्थन कर रहे हैं, जिसने उनके पूरे परिवार को तबाह कर दिया. उनके दादा जुल्फिकार अली भुट्टो को सेना ने फांसी दी, उनकी मां बेनजीर भुट्टो की हत्या सेना समर्थित आतंकवादियों ने की और उनके दो मामाओं की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या हुई. जिसके पीछे भी सेना-आतंकवादी गठजोड़ को ही जिम्मेदार माना जाता है. फिर भी, बिलावल आज उन्हीं के साथ खड़े हैं.’
मिलिंद देवड़ा का यह बयान सीधे-सीधे पाकिस्तान की सत्ता संरचना पर सवाल खड़ा करता है, खासकर उस समय में जब पाकिस्तान में सेना का दखल सियासत से लेकर मीडिया तक हर क्षेत्र में लगातार बढ़ता जा रहा है. बिलावल भुट्टो ज़रदारी, जो खुद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता हैं, कई बार सेना के खिलाफ बयान दे चुके हैं, लेकिन हाल के महीनों में उनके सुर बदले-बदले से दिख रहे हैं. वे अब पाक सेना के साथ राजनीतिक तालमेल की कोशिश में दिखते हैं. देवड़ा का तंज इसी पृष्ठभूमि में आया है.
भारत में यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि पाकिस्तान की राजनीति में सेना की भूमिका हमेशा भारत-विरोधी नीतियों से जुड़ी रही है. ऐसे में एक लोकतांत्रिक पृष्ठभूमि से आने वाले नेता का सेना का समर्थन करना भारत में सवालों के घेरे में आना तय था. देवड़ा ने इस मुद्दे को केवल राजनीतिक विरोध तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे ‘स्मृति और नैतिकता की हार’ करार दिया.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi