जवान बेटे के लिए इच्छामृत्यु मांग रहे माता-पिता, अब सुप्रीम कोर्ट भी बोला....

6 hours ago

Last Updated:December 19, 2025, 08:00 IST

गाजियाबाद के हरीश राणा के माता-पिता की बेटे को न‍िष्क्रि‍य इच्‍छाममृत्‍यु देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट अगले महीने फैसला करने जा रहा है. इससे सुप्रीम को 13 जनवरी को इस संबंध में माता-प‍िता से बातचीत करेगा और प‍िछले 13 साल से ब‍िस्‍तर पर वेज‍िटेट‍िव स्‍टेज में पड़े बेटे के ल‍िए पैस‍िव यूथनेश‍िया पर फैसला देगा. सुप्रीम कोर्ट ने एम्स रिपोर्ट के बाद माता-पिता निर्मला राणा और अशोक राणा को बातचीत करने के ल‍िए बुलाया है. आइए जानते हैं क्‍या है पूरा मामला...

जवान बेटे के लिए इच्छामृत्यु मांग रहे माता-पिता, अब सुप्रीम कोर्ट भी बोला....हरीश के ल‍िए न‍िष्‍क्र‍िय इच्‍छामृत्‍यु के ल‍िए माता-पिता से बात करेगा सुप्रीम कोर्ट..

Harish Rana passive euthanasia case: गाजियाबाद के रहने वाले युवक हरीश राणा के लिए इच्छामृत्यु मांग रहे माता-पिता से अब सुप्रीम कोर्ट बात करेगा. एम्स की मेडिकल रिपोर्ट को देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अब हमें कुछ करना होगा, उसे ऐसे जिंदा नहीं रहने दे सकते. इसके लिए कोर्ट ने 13 जनवरी को हरीश राणा के पेरेंट्स निर्मला राणा और अशोक राणा को मिलने के लिए कोर्ट बुलाया है, जहां उनके बेटे को पैसिव यूथनेशिया देने के मामले में कोर्ट उनसे बात करेगा.

जस्टिस जे बी पारदीवाला और केवी विश्वनाथन की पीठ ने हरीश की स्थिति को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की रिपोर्ट को देखने के बाद यह आदेश दिया है. पीठ ने कहा कि अब समय आ गया है कि 31 वर्षीय हरीश राणा के मामले में निष्क्रिय इच्छामृत्यु (Passive Euthanasia) पर फैसला लिया जाए. हरीश पिछले 13 वर्षों से बेहोशी की हालत में बेड पर है. माता-पिता ने अपनी याचिका में बताया कि इतने लंबे समय से बिस्तर पर पड़े रहने से उसके शरीर में घाव हो गए हैं.

वहीं अब एम्स नई दिल्ली ने दूसरी मेडिकल रिपोर्ट में कहा कि हरीश के ठीक होने की संभावना न के बराबर है. इससे पहले नोएडा जिला अस्पताल की प्राथमिक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि हरीश की हालत बहुत दयनीय है. वह बिस्तर पर पड़े हैं, सांस लेने के लिए गले में ट्यूब लगी है और खाने के लिए पेट में ट्यूब डाली गई है.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आदेश दिया है कि एम्स की यह रिपोर्ट अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी और हरीश के माता-पिता की ओर से पेश हो रहीं अधिवक्ता रश्मि नंदकुमार को भी दी जाए साथ ही बेंच ने कहा है कि वह कोई भी फैसला लेने से पहले एक बार माता-पिता से व्यक्तिगत रूप से बात करेगी.

वकीलों से कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सभी वकीलों से कहा, ‘हम अब उस स्थिति में पहुंच गए हैं जहां हमें अंतिम फैसला लेना होगा. इसके लिए आपकी पूरी मदद चाहिए. रिपोर्ट बहुत दुखद है और हमारे लिए भी यह फैसला आसान नहीं है लेकिन हम इस लड़के को हमेशा इसी हालत में नहीं रख सकते.’

क्यों हो रही पैसिव यूथनेशिया की मांग
20 अगस्त 2013 को पंजाब यूनिवर्सिटी में बी-टेक की पढ़ाई के दौरान गाजियाबाद के रहने वाले हरीश राणा अपने पीजी (Paying Guest) आवास की चौथी मंजिल से गिर गए थे. उनके सिर में गहरी चोट आई, कई अस्पतालों में इलाज के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और वे वेजिटेटिव स्टेज पर चले गए. पिछले 13 सालों से इसी अवस्था में बने हरीश राणा को लेकर अब उनके माता-पिता ने इच्छामृत्यु की मांग की है और बेटे को इस हालत से मुक्त करने की अपील की है.

निष्क्रिय इच्छामृत्यु में क्या होगा?
निष्क्रिय इच्छामृत्यु में मरीज के शरीर पर लगी कृत्रिम जीवन रक्षक प्रणाली (Artificial Life Support) को हटा लिया जाता है और उसे छोड़ दिया जाता है, जिसके बाद उसकी मृत्यु हो जाती है. हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब प्राथमिक और द्वितीयक मेडिकल रिपोर्ट एक जैसी होंगी तो ही इस बारे में फैसला होगा.

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प्रिया गौतमSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...और पढ़ें

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

December 19, 2025, 08:00 IST

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