चुनाव से पहले असम में हथियार राजनीति, हिमंता सरकार देगी खास समुदाय को आर्म्स लाइसेंस

1 day ago

Last Updated:May 29, 2025, 07:13 IST

Assam News: असम सरकार ने बांग्लादेश सीमा के पास स्वदेशी लोगों की सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस योजना को मंजूरी दी. मुख्यमंत्री ने इसे सुरक्षा बढ़ाने का कदम बताया.

चुनाव से पहले असम में हथियार राजनीति, हिमंता सरकार देगी खास समुदाय को आर्म्स लाइसेंस

हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने स्वदेशी लोगों को हथियार देने को मंजूरी दे दी है.

हाइलाइट्स

असम सरकार ने स्वदेशी लोगों को हथियार लाइसेंस देने की योजना मंजूर की.मुख्यमंत्री सरमा ने इसे सुरक्षा बढ़ाने का कदम बताया.धुबरी, नागांव, मोरीगांव आदि क्षेत्रों में योजना लागू होगी.

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले असम सरकार ने बुधवार को एक विशेष योजना को मंजूरी दी. इसके तहत बांग्लादेश सीमा के पास दूरदराज के इलाकों में रहने वाले स्वदेशी और मूल निवासियों को हथियार लाइसेंस दिए जाएंगे. इन इलाकों में बांग्लादेशी मूल के मुस्लिम लोग बहुसंख्यक हैं. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि इस कदम का मकसद गैरकानूनी खतरों को रोकना और स्वदेशी समुदायों के बीच व्यक्तिगत सुरक्षा और आत्मविश्वास को बढ़ाना है. यह योजना धुबरी, नागांव, मोरीगांव, बारपेटा, दक्षिण सलमारा – मानकचार और गोलपारा जैसे क्षेत्रों में लागू होगी. यहां स्वदेशी लोग लंबे समय से अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं.

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील फैसला है. इन जिलों में स्वदेशी लोग असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. खासकर हाल ही में बांग्लादेश में हुई घटनाओं के बाद. उन्हें सीमा पार से या अपने ही गांवों में हमलों का खतरा है. इस योजना की अधिसूचना 24 घंटे के भीतर जारी होने की उम्मीद है. इसके बाद इसे तुरंत लागू किया जाएगा. सरमा ने बताया कि यह मांग 1985 से चली आ रही थी, लेकिन पहले की सरकारों में इसे लागू करने की हिम्मत नहीं थी.

स्वदेशी लोगों की सुरक्षा का वादा

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यह फैसला पहले लिया गया होता तो कई स्वदेशी परिवारों को अपनी जमीन बेचने या पलायन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता. इस योजना के तहत स्वदेशी समुदायों के उन पात्र लोगों को आसानी से हथियार लाइसेंस दिए जाएंगे जिन्हें मूल निवासी के रूप में पहचाना जाएगा. सरमा ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार उन क्षेत्रों को चिह्नित करेगी जो संवेदनशील हैं. हाटीगांव को भी संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि यह योजना स्वदेशी लोगों की ‘जाति, माटी और भेटी’ (पहचान, जमीन और मातृभूमि) की रक्षा करने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है. यह खासकर तब अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करेगी, जब सरकार अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया को तेज कर रही है.

बांग्लादेशी मूल के मुस्लिम समुदाय

अनुमान के मुताबिक असम में बांग्लादेशी मूल के बंगाली भाषी मुस्लिमों की आबादी करीब एक करोड़ है. यह समुदाय 1980 के दशक के असम में विदेशी-विरोधी आंदोलन का केंद्र रहा है. सरमा ने कहा कि यह योजना स्वदेशी लोगों को उनकी जमीन और पहचान की रक्षा के लिए सशक्त बनाएगी.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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