Last Updated:July 19, 2025, 07:53 IST
PM Modi Bengal Plan: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की रणनीति बदलती हुई दिख रही है. इसकी एक बागनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुर्गापुर रैली दिखी, जहां उन्होंने ममता बनर्जी का एकबार भी नाम नहीं ...और पढ़ें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्गापुर रैली में ममता बनर्जी का एक बार भी नाम नहीं लिया.
हाइलाइट्स
पीएम मोदी ने दुर्गापुर रैली में ममता का नाम नहीं लिया.बीजेपी की रणनीति अब 'टीएमसी बनाम सुशासन' पर केंद्रित.पीएम ने बंगाली भावनाओं को संबोधित किया.धुब्रो परनाइक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी की रणनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला. अपने 33 मिनट के भाषण के दौरान उन्होंने ममता बनर्जी का नाम एक बार भी नहीं लिया. इससे पहले 2014, 2019 के आम चुनावों और 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान पीएम मोदी हर रैली में ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते रहे थे, लेकिन इस बार की चुप्पी बहुत कुछ कह रही है.
बीजेपी की रणनीति अब पूरी तरह से बदलती दिख रही है. भगवा दल यहां 2026 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जोरशोर से जुटी है. उधर आरएसएस ने भी बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्मशताब्दी वर्ष तक विजय प्राप्त करने की मुहिम छेड़ रखी है. इस बीच पीएम मोदी ने ऐसा संकेत दे दिया कि अगली लड़ाई ‘ममता बनर्जी बनाम नरेंद्र मोदी’ नहीं, बल्कि ‘टीएमसी बनाम सुशासन’ की होगी.
जय मां काली-जय मां दुर्गा की गूंज
दुर्गापुर की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जय मां काली’ और ‘जय मां दुर्गा’ के उद्घोष से अपना भाषण शुरू किया. यह पहली बार हुआ जब पीएम ने बंगाल की सांस्कृतिक भावना को इस रूप में संबोधित किया. इतना ही नहीं, ‘जय भोलेनाथ’ के साथ उन्होंने यह भी दर्शाया कि ‘जय श्रीराम’ की जगह अब बीजेपी ‘बंगाली भावनाओं’ के और करीब जाना चाहती है.
प्रधानमंत्री ने इस रैली में पहली बार बेहद व्यवस्थित तरीके से यह बताया कि अगर बंगाल में बीजेपी की सरकार बनी, तो राज्य को आजादी से पहले वाला गौरव और खोई हुई पहचान कैसे वापस मिलेगी. उन्होंने साफ तौर पर अपने वादों और योजनाओं की सूची पेश की और जनता को विकास का भरोसा दिलाया.
बीजेपी का फुलप्रूफ प्लान
इस पूरे भाषण के दौरान ममता बनर्जी की उपेक्षा करना सिर्फ एक राजनीतिक संयोग नहीं बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है. बीजेपी अब ममता बनर्जी को तवज्जो देने की जगह, टीएमसी को ‘भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और कुशासन’ के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है. यानी, बंगाल में अब ‘कुशासन बनाम कानून का राज’ और ‘भ्रष्टाचार बनाम विकास’ की लड़ाई होगी.
बीजेपी की रणनीति में ये बड़ा बदलाव पार्टी के शीर्ष स्तर पर हुआ है और आने वाले महीनों में पार्टी के सभी नेताओं को इसी लाइन पर बोलने को कहा जा सकता है. बीजेपी अब ममता को चेहरा मानने से इनकार कर रही है और टीएमसी को ‘भ्रष्ट पार्टी’ के रूप में जनता के सामने पेश करने की कोशिश कर रही है.
दुर्गापुर से प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल की सियासत के लिए जो स्वर छेड़ा है, वो आने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा तय कर सकता है. और यह भी स्पष्ट है कि इस बार की लड़ाई, ‘ममता बनर्जी बनाम नरेंद्र मोदी’ नहीं, बल्कि ‘टीएमसी बनाम बदलाव की चाहत’ बनने वाली है.
Location :
Durgapur,Barddhaman,West Bengal